शहडोल में जैविक सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण परीक्षा संपन्न।
35 महिलाओं ने सीखे आत्मनिर्भरता के गुण,लिखित व मौखिक परीक्षा के माध्यम से किया गया मूल्यांकन।
शहडोल,ग्रामीण खबर MP।
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान शहडोल में मध्य प्रदेश शासन ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आयोजित 12 दिवसीय जैविक सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण परीक्षा का सफलतापूर्वक समापन हुआ। यह प्रशिक्षण जिले के विकासखंड व्यौहारी के मिशन भवन में संस्था के संचालक संजय पुंडलिक के मार्गदर्शन और देखरेख में सम्पन्न कराया गया। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करना और समाज में उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त करना था।
इस प्रशिक्षण में विशेष रूप से गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली स्व सहायता समूह की 35 महिलाओं को शामिल किया गया। इन महिलाओं को 12 दिनों तक सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात महिलाओं की लिखित और मौखिक परीक्षा ली गई। इस परीक्षा का संचालन ओम प्रकाश चतुर्वेदी, परीक्षा नियंत्रक एवं प्रमाणीकरण रूडसेटी भारत सरकार भोपाल के निर्देशन में किया गया।
परीक्षा में सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन विषय पर प्रश्न पूछे गए, जिनका मूल्यांकन कटनी से आए परीक्षा परीक्षक राम सुख दुबे द्वारा किया गया। वहीं, बैंकिंग से संबंधित विषयों का मूल्यांकन शहडोल से आए परीक्षा परीक्षक पवन कुमार पांडे ने किया। महिलाओं से पूछे गए प्रश्नों में नर्सरी प्रबंधन के आधुनिक तरीके, विभिन्न सब्जियों के बीज और उनकी किस्मों की जानकारी, सब्जी उत्पादन के फायदे, सब्जियों में लगने वाले कीट एवं रोगों की पहचान और उनके जैविक नियंत्रण की विधियां, मिट्टी परीक्षण की प्रक्रिया, जैविक खाद और जैविक कीटनाशक के निर्माण एवं फसलों में उपयोग, मल्चिंग तकनीक, प्लास्टिक मल्चिंग, सिंचाई प्रबंधन में स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई का महत्व, पाली हाउस का उपयोग एवं लाभ जैसे विषय शामिल रहे।
इसी प्रकार बैंकिंग विषय से जुड़े प्रश्नों में उद्यमशील व्यक्तियों की विशेषताएं, बैंकों में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खाते, बीमा योजनाओं की जानकारी, स्वरोजगार के लिए बैंक ऋण एवं वित्तीय प्रबंधन जैसे बिंदुओं का मूल्यांकन किया गया। महिलाओं को यह भी बताया गया कि स्वरोजगार स्थापित करने में बैंकिंग और वित्तीय ज्ञान किस प्रकार सहायक सिद्ध होता है।
प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को व्यावहारिक ज्ञान देने के लिए उन्हें खेत और नर्सरी प्रबंधन से सीधे तौर पर जोड़ा गया, ताकि वे केवल सैद्धांतिक जानकारी ही नहीं बल्कि व्यवहारिक अनुभव भी प्राप्त कर सकें। इसके अतिरिक्त महिलाओं को जैविक खाद तैयार करने की प्रक्रिया, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सामग्री से कीटनाशक निर्माण और उनका उपयोग करने के व्यावहारिक तरीके भी समझाए गए।
इस संपूर्ण प्रशिक्षण और परीक्षा प्रक्रिया में संस्था के कर्मचारी दुर्गेश गुप्ता और नरेश सोधीया ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। उन्होंने परीक्षा संचालन में व्यवस्था, समन्वय और प्रतिभागियों को सहयोग करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस प्रकार यह प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल महिलाओं को सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन के आधुनिक व वैज्ञानिक तरीकों से परिचित कराने में सफल रहा, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनने और स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने की प्रेरणा भी प्रदान की। उम्मीद की जा रही है कि इस प्रशिक्षण से जुड़ी महिलाएं भविष्य में अपने ज्ञान का उपयोग कर समाज और परिवार की आर्थिक उन्नति में योगदान देंगी।
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