महिलाओं को श्री विधि से धान उत्पादन और पशुपालन का प्रशिक्षण।
33 स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने हेतु 13 दिवसीय कृषि व पशुपालन प्रशिक्षण शुरू।
कटनी,ग्रामीण खबर MP:
मध्य प्रदेश शासन ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा विकासखंड बहोरीबंद की ग्राम पंचायत अमगवां में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विशेष प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत की गई है। यह प्रशिक्षण 13 दिनों तक चलेगा, जिसमें ग्राम अमगवां की 33 स्व सहायता समूह की महिलाएं शामिल हुई हैं। इन महिलाओं को कृषि उद्यमिता और पशुपालन की आधुनिक तकनीकों का ज्ञान दिया जा रहा है ताकि वे अपने गांव और परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत कर सकें।
संस्थान के प्रबंधक पवन कुमार गुप्ता के मार्गदर्शन में संचालित इस प्रशिक्षण में जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा ग्रामीण महिलाओं को खेती में उन्नत तकनीकों से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि पारंपरिक तरीके से धान उत्पादन में जहां अधिक लागत और कम उत्पादन की समस्या आती है, वहीं मेडागास्कर या श्री विधि तकनीक अपनाकर किसान कम लागत में डेढ़ गुना अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। इस विधि में मात्र 5 किलो धान बीज प्रति हेक्टेयर की आवश्यकता होती है। बीज से नर्सरी तैयार करने के लिए 10 मीटर लंबी, 1 मीटर चौड़ी और 15 सेंटीमीटर ऊंची क्यारियों का निर्माण करना होता है। एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए लगभग 100 वर्ग मीटर नर्सरी की जरूरत पड़ती है।
इस विधि में 9 से 11 दिन की पौध को उखाड़कर 30 मिनट के भीतर खेत में कतार से कतार और पौधे से पौधे की दूरी 9 इंच रखते हुए एक-एक पौधा सीधा लगाया जाता है। पौध की जड़ों में मिट्टी और बीज का लगा रहना अनिवार्य है। साथ ही खरपतवार नियंत्रण के लिए कोनो वीडर कृषि यंत्र के प्रयोग पर जोर दिया गया। श्री विधि पद्धति से पौधों की वृद्धि अधिक होती है और उत्पादन में लगभग डेढ़ गुना वृद्धि दर्ज होती है। विशेषज्ञों ने बताया कि यदि किसान इस तकनीक को अपनाएं तो वे कम लागत में अधिक उत्पादन से अपनी आय को कई गुना बढ़ा सकते हैं।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में केवल खेती ही नहीं बल्कि पशुपालन पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। महिलाओं को गाय, भैंस और बकरियों की उन्नत नस्लों की पहचान कर उन्हें पालने की तकनीक, संतुलित पशु आहार तैयार करने की विधि और रोग नियंत्रण के लिए समय-समय पर टीकाकरण के महत्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। साथ ही अधिक दुग्ध उत्पादन हेतु आवश्यक देखभाल और पोषण संबंधी वैज्ञानिक उपाय भी बताए गए।
महिलाओं ने प्रशिक्षण के दौरान प्राप्त जानकारी को गहराई से समझा और इसे अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लिया। कई महिलाओं ने बताया कि अब तक वे केवल पारंपरिक खेती और पशुपालन करती थीं, जिससे उनकी आय सीमित रहती थी, लेकिन अब श्री विधि तकनीक और उन्नत पशुपालन से वे आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार की आय बढ़ाने के साथ ही समाज में भी मिसाल कायम करेंगी।
प्रशिक्षण के संचालन में संस्था के कर्मचारी अरुण कुमार रजक ने सक्रिय सहयोग दिया। आयोजनकर्ताओं ने विश्वास जताया कि यह प्रशिक्षण महिलाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित करेगा और गांव की आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।
ग्रामीण खबर MP-
जनमानस की निष्पक्ष आवाज
प्रधान संपादक:अज्जू सोनी |संपर्क:9977110734





