बालसभा में बच्चों ने मनाया श्रीकृष्ण जन्मोत्सव,मटकी फोड़ प्रतियोगिता रही आकर्षण का केंद्र।
कहानियों,पूजा-अर्चना और प्रतियोगिताओं से गूँजा विद्यालय परिसर,ग्रामीणों और बच्चों ने लिया उत्साहपूर्वक भाग।
सिहोरा,ग्रामीण खबर MP:
शासकीय माध्यमिक शाला बुधआ में शनिवार को बालसभा के अवसर पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व पूरे धार्मिक उल्लास, सांस्कृतिक भव्यता और पारंपरिक गरिमा के साथ मनाया गया। विद्यालय परिसर में सुबह से ही बच्चों और अभिभावकों की भीड़ उमड़ आई थी। चारों ओर उल्लास और भक्ति का वातावरण था। विद्यालय को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जिससे पूरा परिसर एक उत्सव स्थल की भांति प्रतीत हो रहा था।
कार्यक्रम का शुभारंभ प्रभारी प्रहलाद पटेल ने किया। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की अद्भुत गाथा और उनकी बाल-लीलाओं का वर्णन करते हुए बच्चों को भक्ति और नैतिकता का संदेश दिया। उनकी रोचक और प्रेरणादायी कथाएँ सुनकर बच्चे मंत्रमुग्ध हो गए। छोटे-छोटे प्रश्न पूछकर उन्होंने बच्चों को सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित किया, जिससे बच्चों का आत्मविश्वास और ज्ञान दोनों बढ़े।
इसके पश्चात विद्यालय की शिक्षिका करुणा चौबे ने पारंपरिक विधि-विधान से भगवान कृष्ण और मटकी की पूजा-अर्चना की। पूरे वातावरण में मंत्रोच्चार और पूजा की गरिमा ने भक्ति रस घोल दिया। पूजा के बाद सभी की प्रतीक्षा का केंद्र बनी मटकी फोड़ प्रतियोगिता का शुभारंभ हुआ। इस प्रतियोगिता में कुल 81 बच्चों ने भाग लिया। बच्चे मानव-पिरामिड बनाकर ऊपर चढ़ते और उत्साहपूर्वक मटकी तक पहुँचने का प्रयास करते। यह दृश्य पूरे गाँव के लिए मनोरंजन और रोमांच का अद्भुत अवसर बन गया।
प्रतियोगिता में निर्णायक क्षण तब आया जब कक्षा चौथी के छात्र रूद्र कोल ने अपनी चपलता, संतुलन और साहस का परिचय देते हुए सबसे ऊपर चढ़कर मटकी फोड़ दी। मटकी फूटते ही दही और मिठाई से वातावरण सराबोर हो गया और पूरा विद्यालय परिसर तालियों, हर्षध्वनियों और “जय श्रीकृष्ण” के जयकारों से गूँज उठा। बच्चों का उत्साह देखते ही बन रहा था।
इस आयोजन में विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं के साथ-साथ गाँव के लोग भी सक्रिय रूप से उपस्थित रहे। माता-पिता अपने बच्चों का उत्साह बढ़ाने में लगे रहे, वहीं बुजुर्ग नागरिकों ने इस अवसर को संस्कार और संस्कृति की दृष्टि से बच्चों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
पूरे कार्यक्रम की रूपरेखा प्रमोद नामदेव, ऋषीराज उपाध्याय और सतीश तिवारी ने तैयार की थी। आयोजन को सफल बनाने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण और सराहनीय रही। उनके समन्वय से न केवल कार्यक्रम अनुशासित रहा बल्कि प्रत्येक गतिविधि में बच्चों को अवसर भी मिला।
यह आयोजन विद्यालय और गाँव दोनों के लिए एक यादगार क्षण साबित हुआ। बच्चों को जहां मनोरंजन, ज्ञान और संस्कार मिले, वहीं अभिभावकों को अपने बच्चों की प्रतिभा देखने का अवसर प्राप्त हुआ। ग्रामीणों ने भी इसे सामाजिक एकता और धार्मिक आस्था का प्रतीक बताया।
इस प्रकार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आयोजित यह बालसभा केवल एक सांस्कृतिक आयोजन भर नहीं रहा बल्कि बच्चों को परंपरा, अनुशासन, सहयोग और साहस की शिक्षा देने वाला अवसर बन गया। विद्यालय परिसर देर तक हर्षोल्लास, भक्ति और उत्साह की गूंज से सराबोर रहा।
ग्रामीण खबर MP-
जनमानस की निष्पक्ष आवाज
प्रधान संपादक:अज्जू सोनी | संपर्क:9977110734