श्रीकृष्ण छठी महापर्व पर छात्रावास में धार्मिक उत्साह और सांस्कृतिक उमंग,मटकी फोड़ से लेकर बाल लीलाओं तक छात्रों की प्रतिभा का दिखा अद्भुत संगम।
मटकी फोड़ प्रतियोगिता में विपिन सिंह बने प्रथम, समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने कहा शिक्षा शेरनी का दूध है, जो पियेगा वही जीवन में सफलता की गूंज के साथ दहाड़ेगा।
कटनी,ग्रामीण खबर MP:
श्रीकृष्ण छठी महापर्व का अवसर हमेशा से समाज में उल्लास और आस्था का प्रतीक रहा है। इसी कड़ी में खिरहनी स्थित सीनियर अनुसूचित जाति बालक छात्रावास में इस पर्व को विशेष उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। छात्रावास परिसर उत्सव के रंगों से सराबोर हो उठा। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रहा मटकी फोड़ प्रतियोगिता और श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं पर आधारित प्रश्नोत्तरी।
कार्यक्रम की शुरुआत विधिवत पूजन-अर्चन से हुई, जहां भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की वंदना कर पूरे वातावरण को भक्तिमय बनाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं समाजसेवी व अधिवक्ता तथा सर्वधर्म जनसेवा मंच समिति की संस्थापिका एवं प्रदेशाध्यक्ष रेखा अंजू तिवारी। उनके आगमन से बच्चों में जोश और उत्साह और अधिक बढ़ गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता छात्रावास अधीक्षक ए. के. मेहरा ने की।
प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले छात्र जब मंच पर पहुंचे तो पूरे परिसर में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। मटकी फोड़ प्रतियोगिता में कुल 22 छात्रों ने दमखम दिखाया। गोविंदा आला रे जैसे पारंपरिक गीतों की धुन पर छात्र लगातार प्रयास करते रहे। कई प्रयासों के बीच कक्षा 9वीं के छात्र विपिन सिंह ने अपने दूसरे ही प्रयास में मटकी फोड़कर प्रथम स्थान हासिल किया और गोविंदा बनने का गौरव प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में अभय पुरी गोस्वामी, करण सिंह, करण चौधरी, आकाश सिंह, सागर सिंह, मानस चौधरी, सौरभ चौधरी, विवेक चौधरी, सुजीत चौधरी, आदित्य सिंह, सत्येंद्र सिंह, ध्रुव प्रताप सिंह, राहुल सिंह, राहुल चौधरी, दुर्गेश सिंह और नवमी जैसे छात्रों ने भी बढ़-चढ़कर भागीदारी कर अपनी क्षमता और साहस का परिचय दिया।
कार्यक्रम के दौरान अधीक्षक अखिलेश मेहरा ने छात्रों को संबोधित करते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का महत्व बताया और उनसे जुड़ी शिक्षाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि इन लीलाओं के माध्यम से हमें साहस, परिश्रम और जीवन मूल्यों की प्रेरणा मिलती है।
मुख्य अतिथि समाजसेवी व अधिवक्ता रेखा अंजू तिवारी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा शेरनी का दूध है, जो जितना पियेगा उतना तेजी से जीवन में सफलता प्राप्त करेगा। उन्होंने यह भी समझाया कि जीवन में हार मानना किसी भी स्थिति में उचित नहीं है। हमें हमेशा अपने लक्ष्य की ओर निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। अपने उद्बोधन के दौरान उन्होंने बच्चों के उत्साहवर्धन के लिए कछुआ और खरगोश की कहानी पर आधारित एक प्रेरणादायी गीत प्रस्तुत किया, जिससे छात्रों में नई ऊर्जा और आत्मविश्वास का संचार हुआ।
समापन अवसर पर सभी छात्रों को मिष्ठान वितरित किया गया और प्रतिभागी बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। छात्रों के चेहरों पर खुशी और गर्व की झलक साफ दिखाई दी। इस कार्यक्रम ने न केवल छात्रों की प्रतिभा को मंच प्रदान किया, बल्कि उन्हें समाज और संस्कृति से जुड़े मूल्यवान संदेश भी दिए।
छात्रावास परिसर में पूरे दिन उल्लास, प्रतिस्पर्धा और भक्ति का वातावरण बना रहा। इस अवसर पर उपस्थित छात्र, शिक्षक और आमजन सभी भाव-विभोर हो उठे और कार्यक्रम को अविस्मरणीय बनाने में अपनी भागीदारी दी।
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