पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।
सार छंद 16,12
पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।
जन्म मिला पावन दुनिया में, कितने सुंदर नाते।।
मात पिता की सेवा करना, पीड़ा मत तुम देना।
किया समर्पित जीवन अपना, उनसे कुछ ना लेना।।
तुम हो राजा बेटा उनके, खुशियाॅं खूब मनाते।
पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।।
माता मेरी कितनी भोली, माॅं की ममता न्यारी।
सुंदर भोजन रोज खिलाती, मैया मेरी प्यारी।।
मात पिता पावन है जग में, रिश्ता सदा निभाते।
पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।।
कष्ट मुसीबत कभी ना आएं, पापा करते पूजा।
ईश्वर रूप में पाया है, मिला नहीं सम दूजा।।
कठिन समय में साहस देते,सब्र तुम ही बंधाते।
पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।।
तेरी छाया दिखती मुझमें, कहती हैं यह दुनिया।
कवि रूप में कविता लिखता, देखो पढ़ती मुनिया।।
कृपा सृष्टि जीवन में रखना, करता तुमसे बातें।
पिता हमारे जीवन दाता, जीना हमें सिखाते।।