पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे भारतीय एजेंटों का पर्दाफाश: वाराणसी और दिल्ली से तुफैल व हारून गिरफ्तार, देश की सुरक्षा पर गहरी साजिश का खुलासा।

 पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे भारतीय एजेंटों का पर्दाफाश: वाराणसी और दिल्ली से तुफैल व हारून गिरफ्तार, देश की सुरक्षा पर गहरी साजिश का खुलासा।

UP ATS ने एक बड़े जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया, दोनों आरोपियों से मिलीं सैकड़ों पाकिस्तानी कनेक्शन की जानकारी, देश की आंतरिक सुरक्षा पर मंडरा रहा था बड़ा खतरा।

कटनी,ग्रामीण खबर mp:

उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने हाल ही में एक बड़े और चौंकाने वाले खुलासे में पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे दो भारतीय नागरिकों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम मोहम्मद तुफैल और मोहम्मद हारून हैं, जो क्रमशः वाराणसी और दिल्ली के निवासी हैं। दोनों पर देश की आंतरिक सुरक्षा से जुड़ी संवेदनशील सूचनाएं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और उससे जुड़े नेटवर्क को भेजने का गंभीर आरोप है। इस गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों के सामने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि विदेशी एजेंसियां किस तरह भारत के भीतर रहकर जासूसी कराने में सफल हो रही हैं।

मोहम्मद तुफैल, जो वाराणसी का निवासी है, लंबे समय से निगरानी में था। सूत्रों के अनुसार, तुफैल सोशल मीडिया के ज़रिए कट्टरपंथी और भारत विरोधी सामग्री साझा कर रहा था। व्हाट्सएप, फेसबुक और अन्य माध्यमों से वह ‘गजवा-ए-हिंद’ और ‘बाबरी मस्जिद का बदला’ जैसे उकसाने वाले संदेश प्रचारित कर रहा था। जाँच में यह भी सामने आया कि उसके मोबाइल फोन में 600 से अधिक पाकिस्तानी मोबाइल नंबर मौजूद थे, जिनमें से कई नंबर पाकिस्तानी सेना के उच्च अधिकारियों और उनके परिवारजनों से जुड़े पाए गए। वह न केवल कट्टरपंथी विचारधारा का प्रचार कर रहा था, बल्कि एक नेटवर्क के माध्यम से लोगों को इस विचारधारा से जोड़ने का भी प्रयास कर रहा था। इतना ही नहीं, उसने पाकिस्तान में प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-लब्बैक के भड़काऊ वीडियो भी लोगों के बीच साझा किए।

दूसरे आरोपी, मोहम्मद हारून की गिरफ्तारी दिल्ली के सीलमपुर क्षेत्र से नोएडा में एक अभियान के दौरान की गई। हारून एक कबाड़ी का कार्य करता था, लेकिन जांच में यह बात सामने आई कि वह पाकिस्तान उच्चायोग में तैनात एक अधिकारी मुजम्मिल हुसैन के संपर्क में था। हारून को वीजा के नाम पर दलाली करने और अवैध रूप से लोगों से पैसा वसूलने के आरोप में भी पकड़ा गया। मुजम्मिल हुसैन के माध्यम से वह पाकिस्तान को खुफिया सूचनाएं भेजता था, जिनमें भारतीय प्रशासनिक ढांचे और सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी शामिल थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार ने मुजम्मिल हुसैन को ‘persona non grata’ घोषित कर देश छोड़ने का निर्देश जारी किया।

UP ATS ने दोनों आरोपियों को लखनऊ की विशेष अदालत में प्रस्तुत किया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। एटीएस अब उनकी कस्टडी रिमांड लेने की प्रक्रिया में जुट गई है, ताकि दोनों से विस्तृत पूछताछ कर जासूसी नेटवर्क की अन्य कड़ियों को भी उजागर किया जा सके। अधिकारियों को आशंका है कि यह रैकेट केवल तुफैल और हारून तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार देश के अन्य हिस्सों में भी फैले हो सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, जांच एजेंसियों को यह भी शक है कि आरोपी कई वर्षों से इस नेटवर्क से जुड़े थे और इनके जरिए सैकड़ों लोगों तक पाकिस्तान की विचारधारा और योजनाएं पहुंचाई जा रही थीं। जांच में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इनका संबंध किसी बड़े आतंकी नेटवर्क से भी रहा है या यह केवल जासूसी तक सीमित था।

ATS के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस कार्रवाई को देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता बताया है। उनका कहना है कि देशविरोधी तत्वों पर शिकंजा कसने के लिए यह एक निर्णायक कदम है, और इस तरह की गतिविधियों में लिप्त किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।

यह मामला केवल दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की सीमाओं के भीतर सक्रिय विदेशी खुफिया एजेंसियों और उनके भारतीय एजेंटों की एक बड़ी साजिश की झलक देता है। यह आवश्यक हो गया है कि सुरक्षा एजेंसियां सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर होने वाली गतिविधियों पर और अधिक सख्त निगरानी रखें, जिससे भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

गिरफ्तारी से जुड़े तथ्यों ने यह साबित कर दिया है कि देश के भीतर ही कुछ ऐसे लोग मौजूद हैं जो व्यक्तिगत लालच या कट्टरपंथी विचारधारा के चलते देश की सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाना अब समय की आवश्यकता है, ताकि भारत की संप्रभुता और अखंडता को कोई भी खतरा न हो।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर MP
संपर्क सूत्र:9977110734

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