छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान: ऑपरेशन 'ब्लैक फॉरेस्ट' में 31 नक्सली ढेर।

 छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ बड़ा अभियान: ऑपरेशन 'ब्लैक फॉरेस्ट' में 31 नक्सली ढेर।

21 अप्रैल से 11 मई तक चला संयुक्त ऑपरेशन, कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सुरक्षा बलों ने ध्वस्त किए बंकर, भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद।

बीजापुर,ग्रामीण खबर mp:

छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा और सुनियोजित अभियान चलाया है। "ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट" नामक इस अभियान में 21 अप्रैल से 11 मई 2025 तक लगातार कार्रवाई की गई, जिसमें 31 खूंखार नक्सली मारे गए और दर्जनों घायल हुए।

इस बहुस्तरीय ऑपरेशन में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), जिला रिजर्व गार्ड (DRG), कोबरा बटालियन, तेलंगाना पुलिस तथा अन्य विशेष बलों ने तालमेल के साथ भाग लिया। इस संयुक्त प्रयास के तहत नक्सलियों के कई गुप्त ठिकानों का भंडाफोड़ हुआ, जहां से दो टन से अधिक विस्फोटक सामग्री, 450 से अधिक आईईडी, स्वचालित हथियार, गोला-बारूद और गुप्त दस्तावेज बरामद किए गए। इसके अलावा पहाड़ी और वन क्षेत्रों में छिपे दर्जनों बंकरों को भी ध्वस्त किया गया।

अभियान के दौरान 7 मई को "मिशन संकल्प" के तहत बीजापुर जिले के उसूर क्षेत्र में सुरक्षा बलों को एक बड़ी सफलता हाथ लगी, जब 22 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए। इसके बाद 23 मई को एक और मुठभेड़ में कोबरा बटालियन के कांस्टेबल मेहुल सोलंकी वीरगति को प्राप्त हुए, वहीं दो और नक्सली भी मारे गए।

सुरक्षा बलों ने इस क्षेत्र में स्थायी फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस (FOB) स्थापित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है, ताकि भविष्य में नक्सलियों की वापसी की संभावना समाप्त की जा सके। स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि यह क्षेत्र अब नक्सलियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रह गया है।

तेलंगाना के मुलुगु जिले में भी इसी अभियान के तहत संयुक्त कार्रवाई की गई, जिसमें तीन नक्सली मारे गए। यह इलाका लंबे समय से माओवादी गतिविधियों का केंद्र रहा है और सुरक्षा बलों की यह रणनीतिक घेराबंदी उनके नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।

इस ऑपरेशन को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने अभियान पर सवाल उठाते हुए इसे "लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ" बताया, जबकि मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। इस बीच राज्य सरकार पर यह दबाव भी बढ़ रहा है कि वह माओवादियों के साथ बातचीत की प्रक्रिया आरंभ करे या सुरक्षा बलों को और अधिक अधिकार दे।

सुरक्षा बलों के अनुसार, ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के परिणामस्वरूप नक्सली संरचना को गंभीर क्षति पहुंची है और यह अभियान नक्सलवाद के विरुद्ध निर्णायक मोड़ साबित हुआ है। क्षेत्र में सामान्य जीवन बहाल करने के लिए प्रशासन द्वारा सड़क निर्माण, मोबाइल टावर स्थापना और विकास कार्यों को गति दी जा रही है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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