विजयराघवगढ़ किले पर ध्वजारोहण के दौरान राष्ट्रीय ध्वज उल्टा बंधा,विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने की कठोर कार्रवाई की मांग।
कलेक्टर को लिखा पत्र, SDM ने PHE विभाग के अधिकारी को थमाया कारण बताओ नोटिस, 3 दिन में जवाब तलब।
विजयराघवगढ़,ग्रामीण खबर MP:
स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2025 को विजयराघवगढ़ किले पर आयोजित मुख्य शासकीय कार्यक्रम में एक गंभीर और शर्मनाक लापरवाही सामने आई। राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा बांधकर ध्वजारोहण स्थल पर प्रस्तुत किया गया, जिसने पूरे समारोह की गरिमा को ठेस पहुंचाई। उपस्थित हजारों लोगों के बीच जैसे ही ध्वजारोहण की प्रक्रिया हुई, यह दृश्य सबके सामने उजागर हुआ। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं क्षेत्रीय विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने तत्काल स्थिति को भांपते हुए न केवल नाराजगी जताई बल्कि पूरे प्रशासन को आड़े हाथों लिया।
जैसे ही विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने ध्वजारोहण किया और उनकी नजर उल्टे ध्वज पर पड़ी, उन्होंने तुरंत वहां मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने तत्काल ध्वज को सीधा कराकर पुनः ध्वजारोहण किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज देश की आन, बान और शान है, और इससे जुड़ी किसी भी लापरवाही को किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने इस घटना को “संभवतः साजिश” बताते हुए गहरी नाराजगी व्यक्त की और इसे राष्ट्रीय ध्वज संहिता का गंभीर उल्लंघन करार दिया।
इसके बाद संजय सत्येंद्र पाठक ने कटनी कलेक्टर दिलीप कुमार यादव को पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की मांग की। विधायक श्री पाठक ने अपने पत्र में स्पष्ट लिखा कि यह घटना न केवल ध्वज संहिता का उल्लंघन है बल्कि इससे आमजन की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक जिम्मेदार व्यक्तियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति की आशंका बनी रहेगी।
विधायक श्री पाठक के पत्र के बाद प्रशासन सक्रिय हुआ। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (SDM) विजयराघवगढ़ ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी (PHE) विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (SDO) को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। गौरतलब है कि 5 अगस्त को हुई बैठक में विजयराघवगढ़ किले पर स्वतंत्रता दिवस समारोह की सभी व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी PHE विभाग को सौंपी गई थी। इसमें ध्वज बांधने, माइक व्यवस्था, बैठक व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था, मिठाई वितरण और समग्र स्थल प्रबंधन शामिल था। बावजूद इसके, 15 अगस्त को राष्ट्रीय ध्वज उल्टा बांधना विभाग की घोर लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण माना गया।
जारी नोटिस में कहा गया है कि यह कार्यभार की गंभीर उपेक्षा और भारतीय ध्वज संहिता का खुला उल्लंघन है। यह आचरण मध्यप्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 और मध्यप्रदेश सिविल सेवा वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील नियम 1966 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है। अधिकारी को तीन दिवस के भीतर लिखित जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही यह भी चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समय में जवाब संतोषजनक नहीं मिला तो इसे अधिकारी की गलती मानकर वरिष्ठ कार्यालय को प्रतिवेदन भेजते हुए कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।
इस पूरे मामले ने विजयराघवगढ़ और आसपास के क्षेत्र में गहरी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है। ग्रामीणों और जनमानस का कहना है कि राष्ट्रीय ध्वज से जुड़ी ऐसी लापरवाही अक्षम्य है। लोगों ने संजय सत्येंद्र पाठक की उस तत्परता और दृढ़ता की प्रशंसा की, जिसके चलते उन्होंने तुरंत ध्वज को सीधा कर पुनः ध्वजारोहण किया और दोषियों पर कार्यवाही की मांग की। आमजन का मानना है कि विधायक ने इस मामले को गंभीरता से उठाकर जनता की भावनाओं का सम्मान किया है और प्रशासन को सजग किया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राष्ट्रीय पर्वों और विशेषकर ध्वजारोहण जैसे अवसरों पर इस तरह की घटनाएं पूरे समाज को आहत करती हैं। उनका कहना है कि प्रशासन को शून्य सहिष्णुता की नीति अपनाते हुए दोषियों को कठोर सजा देनी चाहिए। तभी जाकर आने वाले समय में अधिकारी और कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से लेंगे।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान केवल औपचारिकता नहीं बल्कि प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। और जब भी इस सम्मान पर आंच आएगी, तब विधायक संजय सत्येंद्र पाठक जैसे जनप्रतिनिधि जनता की भावनाओं की रक्षा के लिए मजबूती से खड़े होंगे।
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