नेगई में 200 एकड़ सरकारी भूमि पर वर्षों से दबंगों का कब्जा, प्रशासनिक निष्क्रियता से आदिवासी समुदाय में आक्रोश।

 नेगई में 200 एकड़ सरकारी भूमि पर वर्षों से दबंगों का कब्जा, प्रशासनिक निष्क्रियता से आदिवासी समुदाय में आक्रोश।

जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय ने सामान्य सभा में उठाया मुद्दा, ग्रामीणों ने पटवारी पर मिलीभगत के लगाए आरोप।

सिलौंडी, ग्रामीण खबर mp:

कटनी जिले के सिलौंडी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत नेगई में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा बन चुका है। जानकारी के अनुसार, ग्राम नेगाई के बाहर स्थित लगभग 200 एकड़ राजस्व भूमि पर स्थानीय दबंगों ने पिछले कुछ वर्षों से अवैध रूप से कब्जा कर रखा है और उस पर नियमित रूप से कृषि कार्य कर रहे हैं। इस पर जिला प्रशासन की निष्क्रियता और भेदभावपूर्ण कार्यप्रणाली से क्षेत्र के आमजन विशेषकर आदिवासी समुदाय में भारी नाराजगी है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक कार्यवाही केवल उन गरीबों और आदिवासियों के विरुद्ध की जाती है जो प्रभावशाली नहीं हैं या जो अवैध कब्जे के एवज में रिश्वत नहीं दे सकते। जबकि जिन लोगों ने प्रभाव और पैसों के बल पर भूमि पर कब्जा किया है, उन्हें संरक्षण दिया जा रहा है। कई ग्रामीणों ने सीएम हेल्पलाइन में शिकायतें दर्ज कराईं, लेकिन बताया गया कि दबाव के चलते अधिकांश शिकायतों को या तो बंद करवा दिया गया या उस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम में पदस्थ पटवारी की भूमिका इस पूरे मामले में संदिग्ध है। पटवारी पर आरोप है कि वह अवैध कब्जाधारियों से पैसे लेकर उन्हें कब्जा बनाए रखने में मदद करता है। वहीं, जो गरीब व्यक्ति पैसे नहीं दे पाते, उन्हें अतिक्रमणकर्ता घोषित कर उनका कब्जा हटाया जाता है। यह प्रशासनिक पक्षपात ग्रामीणों के अधिकारों का हनन है और सरकारी तंत्र की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े करता है।

जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय ने इस गंभीर विषय को जिला की सामान्य सभा में उठाया और विशेष रूप से कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की चिन्हित भूमि पर हो रहे अतिक्रमण का मुद्दा रखा। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भूमि की उपलब्धता आवश्यक है, लेकिन जब भूमि पर अवैध कब्जा रहेगा, तो योजनाओं का लाभ समाज के निचले तबके तक नहीं पहुंचेगा। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि ऐसी सभी भूमि को चिन्हित कर कब्जा मुक्त कराया जाए।

गौरतलब है कि कटनी के तत्कालीन कलेक्टर अवि प्रसाद ने नेगई क्षेत्र में 10 एकड़ भूमि पर शासकीय नर्सरी की स्थापना का प्रस्ताव तैयार किया था, जिससे पर्यावरण संरक्षण और पौधारोपण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को बढ़ावा मिल सकता था। लेकिन उक्त भूमि पर अवैध कब्जा होने के कारण यह योजना अब तक अधर में लटकी हुई है।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं करता है, तो वे एकजुट होकर आंदोलन के लिए मजबूर होंगे। ग्रामीणों ने यह भी मांग की है कि एक निष्पक्ष जांच समिति गठित कर अतिक्रमण में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका की जांच की जाए और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई हो।

अब देखना यह है कि प्रशासन इन आरोपों और मांगों को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या वास्तव में नेगई सहित आसपास के ग्रामों में शासकीय भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जाता है या नहीं।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी
ग्रामीण खबर MP
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