कवर फसल मल्चिंग एवं प्लास्टिक मल्चिंग का विद्यार्थियों को तकनीकी प्रशिक्षण।
स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय में जैविक खेती पर विशेष प्रशिक्षण।
कटनी:
स्वामी विवेकानंद शासकीय महाविद्यालय, स्लीमनाबाद में मध्य प्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आत्मनिर्भर, स्वावलंबी एवं स्वरोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से जैविक खेती का तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण का संचालन जैविक कृषि विशेषज्ञ रामसुख दुबे द्वारा किया गया। प्रचार्या डॉक्टर सरिता पांडे के मार्गदर्शन और प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. प्रीति नेगी के सहयोग से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।
प्रशिक्षण के दौरान विद्यार्थियों को कवर फसल और मल्चिंग की तकनीकियों की विस्तृत जानकारी दी गई। कवर फसल मुख्य रूप से मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने और उर्वरता बढ़ाने के लिए उगाई जाती है। इसका उपयोग खरपतवारों को नियंत्रित करने, मिट्टी के कटाव को रोकने, मिट्टी की उर्वरता बनाए रखने और कीट तथा रोगों के प्रभाव को कम करने के लिए किया जाता है। कवर फसलों में घास, फलियां, चौड़ी पत्ती वाली गैर-फलियां आदि शामिल होती हैं।
मल्चिंग तकनीक के अंतर्गत मिट्टी में नमी संरक्षण, खरपतवार नियंत्रण और भूमि कटाव रोकने के उपायों पर विशेष ध्यान दिया गया। जैविक मल्चिंग में पत्तियां, घास की कतरन, पीट मोस, लकड़ी के टुकड़े, पेड़ों की छाल, स्ट्रा मल्च, पाइन स्ट्रा, कार्डबोर्ड और अखबार का उपयोग किया जाता है। वहीं, कृत्रिम मल्चिंग में रबर और प्लास्टिक मल्चिंग जैसी तकनीकों पर भी प्रशिक्षण दिया गया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थियों को जैविक कृषि से संबंधित आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी गई, जिससे वे भविष्य में आत्मनिर्भर बनकर स्वरोजगार स्थापित कर सकें।