कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित किया।
लोक शिकायतों का प्रभावी निवारण के नवाचारों को सांझा किया
विदिशा:
भारत शासन के विभिन्न मंत्रालय एवं राज्य सरकारों और मध्यप्रदेश शासन की शिकायत निवारण प्रणाली एवं सर्वोत्तम प्रथाओं पर प्रस्तुतियां प्रदर्शन और चर्चा हेतु आहूत राष्ट्रीय कार्यशाला को विदिशा कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने भी संबोधित किया है। इस कार्य शाला में मात्र विदिशा एवं सागर कलेक्टर को संबोधन के लिए आमंत्रित किया गया था।
आरसीवीपी नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी भोपाल द्वारा भारत शासन के प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग नई दिल्ली के सौजन्य से गुरु वार बीस फरवरी को राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
विदिशा कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने ततंसंबंध में जिले में नवाचारो के माध्यम से शिकायतों की प्राप्ति उपरांत समाधान के लिए किए गए प्रबंधों पर गहन प्रकाश डाला है। विदिशा जिले मैं गुड गवर्नेंस के तहत संपादित किए जा रहे कार्यो के सापेक्षित परिणाम स्वरूप प्रदेश स्तरीय सीएम हेल्पलाइन के निराकरणो की जारी होने वाली मासिक ग्रेडिंग सूची में विदिशा टाॅप फाइव में सम्मिलित रहता है। कलेक्टर ने सुशासन सरकार का लक्ष्य के तहत बताया कि सुशासन ऐसी प्रणाली को कहा जा सकता है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की बात सुनी जावे और नियमो के अनुसार उस पर कार्यवाही हो जो शासन व प्रशासन जनता के हित के लिए लगातार प्रयासरत है। वह सुशासन है। शिकायतो का निराकरण किया जाना भी सुशासन का अंग है।
शिकायतें-शासन के कार्यों का दर्पण -
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने कहा कि शिकायते शासन के कार्यो का दर्पण है। शिकायतो की मुख्य समास्याओ को रेखांकित करते हुए कहा कि सामान्य तौर पर नकारात्मक रूप में अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा लिया जाना, शिकायतकर्ता को पूर्ण जानकारी नहीं देना, उनसे उचित व्यवहार नहीं करना, उनकी शिकायतो को सुना नहीं जाना, निराकरण उपरांत आवेदक को सूचित ना करना ये ऐसे बिन्दु है जो शिकायतो का बेहतर निराकरण करने में बाधाएं थी।
सुधारात्मक निर्देश -
कलेक्टर रोशन कुमार सिंह के द्वारा विदिशा जिले मैं शिकायतो के निराकरण हेतु किए गए नवाचारो के तहत सबसे पहले अधिकारियों के साथ बैठकर उन्हें सुधारात्मक माॅटिवेशन व निर्देशो के अनुरूप कार्य करने हेतु अभिप्रेरित किया जिसमें सुनवाई ओर समझना, स्पष्टता, प्रक्रिया का निर्धारण, संवेदनशीलता, समाधान की पेशकश, फीडबैंक, रिकार्ड रखना, समीक्षा और सुधार, संवाद इत्यादि पृथक-पृथक बिन्दुओं के क्रियान्वयन पर बल दिया गया है।
कलेक्टर श्री सिंह ने बताया कि शिकायतें विभिन्न माध्यमों से कार्यालयों को प्राप्त होती है जिसमें सीधे कार्यालय में, ईमेल, सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, ज्ञापन आदि के माध्यम से इसके अलावा जनसुनवाई, सीएम हेल्पलाइन, 181, भ्रमण शिविर व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से तथा वरिष्ठ कार्यालयो द्वारा सम्प्रेषित। विदिशा जिले में निराकरण हेतु प्रशासनिक कसावटो की महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने बताया कि जिला स्तर पर प्रति दूसरे दिवस विभागो की समीक्षा की जा रही है। ऐसे पहलुओं पर कार्य करना जिसमें अधिक संख्या में शिकायते प्राप्त हो रही है, शिकायतो के प्रकार तथा उसके क्षेत्र विशेष का विश्लेषण करना, विशेष प्रकार की शिकायतो के संज्ञान में आने पर उस क्षेत्र विशेष में कैंप, शिविर आदि आयोजित कर निराकरण, जनसुनवाई कार्यक्रम को सशक्त बनाना, 181 के माध्यम से शिकायतो की गहन समीक्षा किया जाना, भविष्य में उत्पन्न होने वाली शिकायतों का पूर्व प्रबंधन, जिले के काॅल सेन्टर से रेंडम एक या दो विभागो के शिकायतकर्ताओं से बात करना, विभागीय अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ता से संपर्क करने या न करने की पुष्टि करना, शिकायतकर्ता की संतुष्टि पर विशेष ध्यान देना, अंतिम दिवस पूर्ण करने वाली सभी शिकायतो को अटेंड करने हेतु जिलाधिकारियों को सूचित करना, शिकायतो के निराकरण की गुणवत्ता पर ध्यान देना, विभागीय निराकरण से संतुष्ट न होेने पर जिला कार्यालय से समय-समय पर अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, लोक सेवा प्रबंधक के माध्यम से आवेदकों को नियम से अवगत कराया जाकर शिकायतो को संतुष्टि से बंद कराए जाने में भी सफलता मिली है। समय समय पर कलेक्टर (स्वंय) द्वारा शिकायतकर्ताओं से बात करना, इस प्रक्रिया से जिला अधिकारी स्वंय आवेदको से बात करने लगे है, जिससे निराकरण में गति आई हैं। शिकायतो को आवेदको से अधिक से अधिक संतुष्टि से बंद कराया जाना, टीएल बैठक से एक दिवस पूर्व पांच शिकायतो का चर्चा हेतु चयन, पुरानी शिकायतो के निराकरण में अधिकारियों का ध्यान फोकस हुआ। ए ग्रेड प्राप्त विभागो के जिला अधिकारियों को शनिवार को आयोजित सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठक से छूट दी जाती है। यह प्रयोग अत्यंत सफल रहा है। शिकायतो के निराकरण में गंभीरता न दिखाने वाले अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करना इत्यादि।
जनसुनवाई को सशक्त बनाना -
प्रति मंगलवार को 11 से एक बजे के मध्य जनसुनवाई को आयोजन होता है जिसमें न केवल जिले के अधिकारी बल्कि खण्ड स्तर के अधिकारियों को वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से जोडकर शिकायत का निराकरण किया जाता है। जिला स्तर पर आवेदको हेतु टोकन व्यवस्था जिससे उन्हें अपने नम्बर तथा लगने वाले समय की जानकारी रहे। आवश्यकता होने पर आवेदको के आवेदन लिखे जाने हेतु दो शासकीय लिपिको को पाबंद किया गया है। जनसुनवाई में आधार कैंप का आयोजन आधार संबंधी शिकायतो का तत्काल निराकरण, जनसुनवाई में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन तथा पात्र आवेदको का आयुष्मान कार्ड तत्काल तैयार करना, जनसुनवाई में प्राप्त आवेदनो को सीएम हेल्पलाइन पोर्टल पर दर्ज कर माॅनिटरिंग करना, जनसुनवाई के अतिरिक्त प्रति दिवस प्राप्त आवेदनो की माॅनिटरिंग हेतु जन आकांक्षा पोर्टल पर दर्ज कराना है।
समाचार पत्र, सोशल मीडिया पर नजर -
कलेक्टर रौशन कुमार सिंह ने बताया कि समस्याओं की प्राप्ति स्वयमेव के लिए समाचार पत्र सोशल मीडिया पर विशेष नजर रखी जा रही है ताकि प्रकाशित शिकायतो को त्वरित संज्ञान में लेकर निराकरण की पहल की जा सकें। उन्होंने बताया कि समाचार पत्रों में खबरो की नियमित माॅनिटरिंग, संयुक्त कलेक्टर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया, गलत खबर होने पर खंडन का प्रकाशन, सोशल मीडिया पर प्राप्त शिकायतो, सुझावो पर त्वरित कार्यवाही कर तत्काल सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर सूचना देना है। उन्होंने सोशल मीडिया पर प्राप्त विषयों पर की गई कार्यवाही के साथ-साथ दक्षता सुधार शिकायतो में कमी लाने के उपाय, सकारात्मक परिणामों को रेखांकित किया है।