कन्हवारा में मुरम के अवैध उत्खनन की जांच बनी महज़ औपचारिकता,खनिज विभाग पर मिलीभगत और शिकायत बंद कराने का आरोप।
लगातार समाचार प्रकाशित होने के बाद हरकत में आया खनिज अमला,बिना नापजोख बनाए पंचनामा,ठेकेदार पर नहीं हुई कार्रवाई,शिकायतकर्ता से जनप्रतिनिधियों के सामने कहा गया अब शिकायत बंद करा दो।
कन्हवारा,ग्रामीण खबर MP।
कटनी जिले के कन्हवारा गांव में मुरम के अवैध उत्खनन का मामला खनिज विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। सरकारी भूमि से मुरम निकालकर अस्पताल निर्माण में उपयोग किए जाने की शिकायत के बाद विभाग की टीम मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन कार्रवाई के नाम पर केवल खानापूर्ति कर लौट गई।
ग्रामीणों और शिकायतकर्ता के अनुसार, जब से यह मामला समाचार माध्यमों में लगातार प्रकाशित हुआ है, तब से विभाग पर दबाव बढ़ गया था कि वह जांच के नाम पर कोई औपचारिक कार्रवाई दिखाए। इसी के तहत खनिज विभाग का अमला कन्हवारा पहुंचा और मौके का निरीक्षण किया। विभाग ने पंचनामा तो बनाया, लेकिन पूरे निरीक्षण में कहीं भी वास्तविक माप या खनिज की मात्रा का आकलन नहीं किया गया।
सूत्रों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने न तो यह जांचा कि कितनी मात्रा में मुरम निकाली गई है, और न ही यह देखा कि उत्खनन सरकारी भूमि से हुआ या निजी क्षेत्र से। अधिकारी केवल कुछ फोटो खींचकर और ग्रामीणों से दस्तखत करवाकर लौट गए। ग्रामीणों का आरोप है कि पूरी प्रक्रिया पहले से तय थी और जांच के नाम पर केवल “कागजी लीपा-पोती” की गई।
स्थानीय निवासी और शिकायतकर्ता ने बताया कि खनिज विभाग के अधिकारी मौके पर आए तो जरूर, लेकिन उन्होंने शुरुआत से ही स्पष्ट कर दिया कि “देखो, हमने पंचनामा बना लिया है, अब तुम शिकायत बंद करा दो।” यह बयान उन्होंने खुलेआम जनपद सदस्य प्रतिनिधि, वरिष्ठ पंच और कई ग्रामीणों की उपस्थिति में दिया।
गांव के लोगों का कहना है कि अधिकारियों की यह कार्यशैली बताती है कि विभागीय संरक्षण के बिना इतना बड़ा अवैध उत्खनन संभव ही नहीं था। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि मुरम की चोरी कर उसे नए अस्पताल के निर्माण कार्य में उपयोग किया गया, जिससे सरकारी संपत्ति का नुकसान हुआ। बावजूद इसके न तो ठेकेदार पर कोई जुर्माना लगाया गया और न ही कोई रिपोर्ट दर्ज की गई।
जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने इस पूरे प्रकरण पर गहरी नाराजगी व्यक्त की है। उनका कहना है कि जब विभागीय अधिकारी ही शिकायतकर्ताओं पर शिकायत वापस लेने का दबाव डालें, तो आम नागरिक न्याय कैसे पाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग ने जानबूझकर बिना नापजोख के पंचनामा बनाया ताकि बाद में यह साबित किया जा सके कि “कोई अवैध खनन नहीं मिला।”
ग्रामीणों के मुताबिक, मौके पर मौजूद अधिकारी ने यह तक कहा कि “यह मामला मीडिया में ज्यादा उछल गया है, इसे अब खत्म कर दो।” यह बात सुनकर ग्रामीण भड़क उठे और उन्होंने अधिकारियों के रवैये की निंदा की।
इस पूरे मामले में यह तथ्य भी सामने आया है कि संबंधित ठेकेदार पहले भी अवैध खनन के मामलों में घिर चुका है, परंतु हर बार विभागीय सहयोग से बच निकलता रहा है। इस बार भी जांच के नाम पर वही पुराना तरीका अपनाया गया — बिना माप, बिना जांच, और बिना कार्रवाई के केस को खत्म करने की कोशिश।
सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने जिला प्रशासन और मुख्यमंत्री कार्यालय से आग्रह किया है कि मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों दोनों पर कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है कि कटनी जिले में यह पहला मौका नहीं है जब खनिज विभाग पर मिलीभगत के आरोप लगे हों। इससे पहले भी जिले के कई क्षेत्रों — ढीमरखेड़ा, बहोरीबंद और बरही — में अवैध खनन के मामलों में विभाग की भूमिका संदिग्ध रही है। कई बार ग्रामीणों ने शिकायतें दर्ज कराई, लेकिन हर बार “पंचनामा बना लिया गया” कहकर प्रकरण बंद कर दिए गए।
अब सवाल यह उठता है कि आखिर खनिज विभाग कब तक ऐसे मामलों को दबाने का प्रयास करता रहेगा? क्या सरकारी भूमि से होने वाली लूट पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या फिर यह मामला भी कागजों और फाइलों में दफन होकर रह जाएगा?
ग्रामीणों का कहना है कि अगर प्रशासन ने जल्द ही इस मामले में ठोस कदम नहीं उठाए, तो वे सामूहिक रूप से जन आंदोलन शुरू करेंगे और मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचाएंगे। उनका कहना है कि “सरकारी संपत्ति की चोरी को बचाने वालों पर भी उतनी ही सख्त कार्रवाई होनी चाहिए जितनी चोरी करने वालों पर होती है।”
कन्हवारा में अवैध मुरम उत्खनन का यह मामला अब केवल एक स्थानीय विवाद नहीं रहा, बल्कि यह पूरे जिले में विभागीय जवाबदेही और प्रशासनिक पारदर्शिता की परीक्षा बन गया है। जनता की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या सरकार वास्तव में इस मामले को गंभीरता से लेगी या फिर यह मामला भी विभागीय फाइलों में खो जाएगा।
ग्रामीण खबर MP-
जनमानस की निष्पक्ष आवाज
प्रधान संपादक:अज्जू सोनी |संपर्क:9977110734



