छत्तीसगढ़ की चिरमिरी कोयला खदान में धमाका,8 मजदूर घायल,कई के फंसे होने की आशंका,राहत कार्य जारी।

 छत्तीसगढ़ की चिरमिरी कोयला खदान में धमाका,8 मजदूर घायल,कई के फंसे होने की आशंका,राहत कार्य जारी।

SECL की ओपन-कास्ट खदान में ब्लास्टिंग के दौरान हुआ हादसा,प्रशासन ने जांच के आदेश दिए,घायल मजदूरों को क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया।

(छत्तीसगढ़),ग्रामीण खबर MP।

छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के अंतर्गत आने वाली चिरमिरी ओपन-कास्ट कोयला खदान में सोमवार की शाम उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब नियमित ब्लास्टिंग कार्य के दौरान जोरदार धमाका हो गया। बताया जा रहा है कि यह हादसा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) की खदान में हुआ, जहां कार्यरत मजदूर विस्फोटक लगाने का काम कर रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ब्लास्टिंग का कार्य पूरा कर मजदूर जैसे ही सुरक्षित दूरी पर जाने लगे, तभी अचानक तेज विस्फोट हुआ और पत्थरों के साथ मलबा चारों ओर बिखर गया। इस घटना में कम से कम आठ मजदूर घायल हो गए, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। कई मजदूरों के खदान के अंदर फंसे होने की आशंका जताई जा रही है।

धमाके के तुरंत बाद वहां मौजूद कर्मियों ने घायलों को बाहर निकालने की कोशिश की। मौके पर पहुंची सुरक्षा और राहत टीमों ने स्थिति पर नियंत्रण पाने के प्रयास शुरू किए। घायलों को तत्काल SECL के कुरासिया क्षेत्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, अधिकांश घायल मजदूरों की स्थिति अब स्थिर है, लेकिन दो की हालत गंभीर बनी हुई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विस्फोट के समय खदान में कार्यरत मजदूरों को पर्याप्त सुरक्षा उपकरण नहीं मिले थे। हादसे के बाद मजदूरों और स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों ने खदान प्रबंधन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।

घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल मौके पर पहुंच गए। NDRF की टीम को भी बुलाया गया है ताकि खदान में फंसे लोगों को सुरक्षित निकाला जा सके। राहत एवं बचाव कार्य रातभर जारी रहा। धुएं और गैस के कारण बचाव कार्य में कठिनाई आ रही है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी लगातार मौके पर डटे हुए हैं।

ABP न्यूज़ की रिपोर्ट के अनुसार, अब तक आठ घायलों को खदान से बाहर निकाला जा चुका है, जबकि कुछ श्रमिकों के फंसे होने की संभावना बनी हुई है। दूसरी ओर, PTI और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों ने अपने प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया कि केवल तीन मजदूर घायल हुए हैं और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। दोनों रिपोर्टों के बीच अंतर के कारण प्रशासन ने आधिकारिक जांच के आदेश जारी किए हैं।

मनेंद्रगढ़-भरतपुर के एसडीएम ने बताया कि घटना के सही कारणों की जांच के लिए तकनीकी समिति गठित कर दी गई है। समिति यह पता लगाएगी कि ब्लास्टिंग के दौरान सुरक्षा मानकों का पालन किया गया था या नहीं। प्रारंभिक आशंका है कि विस्फोटक के समय या मात्रा में गड़बड़ी के चलते यह हादसा हुआ।

इस हादसे के बाद पूरे क्षेत्र में दहशत का माहौल है। मजदूरों के परिजन खदान के बाहर अपने प्रियजनों की खबर पाने के लिए बेसब्र हैं। पुलिस प्रशासन ने इलाके को घेराबंदी कर लिया है ताकि किसी प्रकार की अफवाह या भीड़भाड़ न हो।

स्थानीय मजदूर संगठनों ने कहा है कि यह हादसा खदानों में सुरक्षा व्यवस्थाओं की कमी को उजागर करता है। उन्होंने मांग की है कि घायलों के परिवारों को उचित मुआवजा और स्थायी नौकरी दी जाए। वहीं SECL प्रबंधन ने बयान जारी कर कहा है कि घटना की पूरी जांच कराई जाएगी और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों या कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

राज्य सरकार ने भी इस हादसे को गंभीरता से लिया है। श्रम विभाग और कोयला मंत्रालय से संयुक्त रिपोर्ट मांगी गई है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि घायलों के इलाज में किसी भी प्रकार की लापरवाही न हो और राहत कार्य में तेजी लाई जाए।

इस दुर्घटना ने एक बार फिर खदानों में काम कर रहे मजदूरों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आए दिन ब्लास्टिंग के दौरान सुरक्षा मानकों के उल्लंघन की शिकायतें मिलती रहती हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई का अभाव ऐसे हादसों को रोकने में बड़ी बाधा बना हुआ है।

फिलहाल राहत कार्य जारी है और उम्मीद की जा रही है कि फंसे हुए मजदूरों को जल्द बाहर निकाला जाएगा। प्रशासन और SECL की टीमें लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।

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