नवरात्र महोत्सव पर मां वीरासन देवी का दस दिवसीय श्रृंगार,कविता पंकज राय की ओर से भेंट।
अष्टमी पर होगा भव्य भंडारा और देवी जागरण,श्रद्धालुओं की उमड़ेगी भीड़।
ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर MP।
नवरात्र महोत्सव का शुभारंभ होते ही मां वीरासन देवी मंदिर में श्रद्धा और भक्ति का विशेष वातावरण निर्मित हो गया है। इस वर्ष भी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक 4 की सदस्य कविता पंकज राय ने माता रानी के दस दिवसीय श्रृंगार की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है। वे लगातार कई वर्षों से इस परंपरा को निभा रही हैं और नवरात्र के पावन अवसर पर भक्ति और सेवा का यह अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रही हैं।
मां वीरासन देवी का मंदिर क्षेत्र की आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं। दस दिनों तक माता रानी के अलग-अलग श्रृंगार किए जाते हैं, जिनसे देवी दरबार का सौंदर्य अद्भुत दिखाई देता है। प्रत्येक दिन माता रानी को विशेष आभूषणों, परिधानों और फूलों से सजाया जाता है। इस दिव्य श्रृंगार से मंदिर प्रांगण का वातावरण और भी भक्तिमय बन जाता है।
सुबह-शाम की आरती में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होते हैं और भक्ति भाव से माता रानी का गुणगान करते हैं। मंदिर में भजन और कीर्तन की स्वर लहरियां गूंजती रहती हैं, जिनसे भक्तों के मन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार होता है। ग्रामीण अंचल से लेकर दूर-दराज के क्षेत्रों से भी भक्तजन इस पावन अवसर पर दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
इस वर्ष अष्टमी तिथि, सोमवार 29 सितंबर 2025 को विशेष आयोजन निर्धारित है। इस दिन विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा, जिसमें श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप भोजन परोसा जाएगा। हजारों की संख्या में भक्तों के शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसी रात देवी जागरण का भी आयोजन होगा, जिसमें क्षेत्र के कलाकार और भजन मंडलियां पूरी रात माता रानी के भजनों और देवी गीतों से दरबार को गूंजायमान करेंगी। इस दौरान मंदिर प्रांगण दीपमालाओं और रंग-बिरंगी रोशनियों से सुसज्जित रहेगा, जो भक्तों को दिव्य अनुभव प्रदान करेगा।
कविता पंकज राय ने बताया कि मां वीरासन देवी केवल आस्था का केंद्र ही नहीं, बल्कि जनमानस की शक्ति और एकजुटता का प्रतीक भी हैं। नवरात्र महोत्सव के दौरान यहां होने वाले आयोजन समाज में एकता, सद्भाव और सांस्कृतिक चेतना का संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र जैसे अवसर केवल धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि लोक आस्था के ऐसे पर्व हैं जो जीवन में नई दिशा और उत्साह भरते हैं।
उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे भंडारे और देवी जागरण में बड़ी संख्या में शामिल होकर माता रानी का आशीर्वाद प्राप्त करें। उनका मानना है कि मां वीरासन देवी की कृपा से हर भक्त के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होता है।
नवरात्र महोत्सव के इन दिनों में मां वीरासन देवी मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र का दृश्य अत्यंत मनमोहक दिखाई दे रहा है। श्रद्धालुओं की निरंतर भीड़ उमड़ रही है और पूरा वातावरण भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गया है। मंदिर में गूंजते मंत्रोच्चार, ढोल-नगाड़ों की थाप और भजन-कीर्तन की मधुर ध्वनियां श्रद्धालुओं के हृदय को भावविभोर कर रही हैं। यह महोत्सव केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक गौरव का भी प्रतीक बन गया है।
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