भारत के केंद्र बिंदु करौदी की दुर्दशा पर जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर कटनी को सौंपा पत्र।

 भारत के केंद्र बिंदु करौदी की दुर्दशा पर जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर कटनी को सौंपा पत्र।

पर्यटन की अपार संभावनाओं वाला ऐतिहासिक स्थल उपेक्षा का शिकार, संरक्षण और विकास की मांग।

ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर MP।

कटनी जिले की जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने भारत के भौगोलिक केंद्र बिंदु मनोहर ग्राम करौदी की वर्तमान दुर्दशा को देखते हुए कलेक्टर कटनी को एक लिखित पत्र सौंपा है। पत्र में उन्होंने विस्तार से बताया कि ग्राम पंचायत बम्हनी के अंतर्गत स्थित करौदी, स्वतंत्रता पूर्व अविभाजित भारत का केंद्र नागपुर से विभाजन के बाद नए भारत का केंद्र बना। नागपुर में आज भी ‘जीरो माइल मार्कर’ के नाम पर स्तंभ मौजूद है, जबकि करौदी को राष्ट्रीय महत्व का धरोहर स्थल मानते हुए अब तक पर्याप्त संरक्षण नहीं मिला है।

पत्र में उल्लेख किया गया है कि 1956 में समाजसेवी डॉ. राममनोहर लोहिया ने करौदी को आदर्श ग्राम बनाने का सपना संजोया था। दिसंबर 1987 में तत्कालीन प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने ग्राम का दौरा किया और उसी वर्ष स्मारक निर्माण का कार्य प्रारंभ हुआ। इसके बाद 2017-18 में आरईएस द्वारा लगभग 61 लाख रुपये की राशि से सभागार, सेल्फी प्वाइंट और अन्य सुविधाएं बनाई गईं, ताकि केंद्र बिंदु को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सके।

हालांकि, वर्तमान में करौदी स्थित यह ऐतिहासिक स्थल उपेक्षा का शिकार है। बाउंड्री न होने के कारण यहां शराबियों का जमावड़ा लगता है। पूर्व में निर्मित सभागार जर्जर हो चुके हैं और चारों ओर गधों और सूअरों की गंदगी फैल गई है। स्मारक में बनी शेर की प्रतिमा पर लोग बैठकर फोटो खिंचवाते हैं, जिससे स्थल का महत्व घटता दिखाई देता है। चौकीदार या सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण स्मारक की सुरक्षा पूरी तरह से असुरक्षित है।

जनपद अध्यक्ष ने पत्र में कलेक्टर से आग्रह किया है कि करौदी केंद्र बिंदु को विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह स्थल न केवल भारत के भौगोलिक महत्व को दर्शाता है, बल्कि राष्ट्रीय धरोहर और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक भी है। यदि समय रहते संरक्षण व विकास नहीं किया गया, तो यह केंद्र बिंदु अपनी ऐतिहासिक पहचान खो सकता है। वहीं, उचित निवेश और संरक्षण के माध्यम से करौदी केंद्र बिंदु राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि स्थल के चारों ओर साफ-सफाई, बाउंड्री निर्माण, चौकीदार की व्यवस्था, पुराने सभागार और सेल्फी प्वाइंट की मरम्मत तथा पर्यटक सुविधाओं का समुचित विकास आवश्यक है। इससे न केवल ग्रामवासियों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि भारत के भौगोलिक केंद्र बिंदु के महत्व को भी पहचान मिलेगी। जनपद अध्यक्ष ने कलेक्टर से शीघ्र आवश्यक कदम उठाने की अपील की है, ताकि यह ऐतिहासिक स्थल राष्ट्रीय गौरव के रूप में संरक्षित और विकसित हो सके।

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