विधायक संजय पाठक की पहल से बरही बरमानी बिरहुली मार्ग पर बन रही दो करोड़ की सीसी सड़क विकास और पर्यटन के लिए अहम

 विधायक संजय पाठक की पहल से बरही बरमानी बिरहुली मार्ग पर बन रही दो करोड़ की सीसी सड़क विकास और पर्यटन के लिए अहम।

ग्रामीणों ने भ्रामक प्रचार की निंदा करते हुए कहा,विघ्नसंतोषियों को विकास हजम नहीं हो रहा।

बरही,ग्रामीण खबर MP।

बरही तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत बरमानी से आश्रित ग्राम बिरहुली तक आज़ादी के बाद पहली बार लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से बन रही सीसी सड़क को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों ने एक स्वर में इसे ऐतिहासिक और अत्यंत आवश्यक कार्य बताया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह सड़क वर्षों से चली आ रही आवागमन की समस्या का स्थायी समाधान है और इसके निर्माण की गुणवत्ता व प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी एवं नियमों के अनुरूप है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस सड़क का निर्माण केवल एक बुनियादी सुविधा नहीं, बल्कि क्षेत्र के सामाजिक, आर्थिक और पर्यटन विकास से भी सीधा जुड़ा हुआ है।

ग्रामीणों ने बताया कि लंबे समय से कच्चे और जर्जर रास्ते के कारण बरमानी और बिरहुली के लोगों को रोजमर्रा की जरूरतों के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। बारिश के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते थे, जब आवागमन लगभग ठप हो जाता था। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने, बच्चों को स्कूल भेजने और किसानों को अपनी उपज बाजार तक ले जाने में भारी दिक्कतें आती थीं। ऐसे में इस सड़क का निर्माण क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी था, जिस पर विधायक संजय पाठक की पहल से ठोस कदम उठाया गया।

ग्रामीणों का कहना है कि सड़क निर्माण शुरू होने के बाद से ही कुछ विघ्नसंतोषी तत्व इसे बेवजह विवादों में घसीटने का प्रयास कर रहे हैं। ये लोग बिना जमीनी हकीकत जाने तथ्यहीन आरोप लगाकर भ्रामक प्रचार कर रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है। जबकि सच्चाई यह है कि यह निर्माण कार्य ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग द्वारा पूरी तरह से विभागीय प्रक्रिया के तहत कराया जा रहा है और इसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं है।

ग्रामवासियों रामचरण गौड, देवराज सिंह गौड, रामपाल गौड, उदयभान सिंह गौड, अतुल गौड, प्रेमलाल यादव, किशोरी यादव और रामू सिंह ने संयुक्त रूप से जारी वक्तव्य में कहा कि यह सड़क आदिवासी, पिछड़े वर्ग और कृषक बहुल क्षेत्र के लिए जीवनरेखा साबित होगी। उन्होंने कहा कि सड़क बनने से गांव का सीधा जुड़ाव मुख्य मार्गों से होगा, जिससे विकास की नई संभावनाएं खुलेंगी और क्षेत्र मुख्यधारा से जुड़ेगा।

ग्रामीणों ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ लोगों द्वारा यह आरोप लगाया जा रहा है कि सड़क निर्माण एकल टेंडर से नहीं बल्कि छोटे-छोटे वर्क ऑर्डर के माध्यम से कराया जा रहा है, जिसे गलत तरीके से पेश किया जा रहा है। वास्तविकता यह है कि विभाग द्वारा इस सड़क के लिए तीन बार टेंडर प्रक्रिया अपनाई गई। पहली और दूसरी बार कोई भी ठेकेदार टेंडर डालने सामने नहीं आया। तीसरी बार जो टेंडर प्राप्त हुआ, उसकी राशि लगभग 1.50 करोड़ रुपये थी, जबकि शासन द्वारा इस कार्य के लिए स्वीकृत लागत लगभग दो करोड़ रुपये थी।

ग्रामीणों का कहना है कि यदि दो करोड़ रुपये की स्वीकृत लागत वाले कार्य को लगभग आधी राशि में पूरा कराया जाता, तो सड़क की गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े हो जाते। इस बात पर न केवल ग्रामीणों ने बल्कि क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी आपत्ति दर्ज कराई थी। ग्रामीणों के अनुसार निर्माण से संबंधित बैठक में विधायक संजय पाठक ने भी स्पष्ट रूप से सवाल उठाया था कि जब शासन ने दो करोड़ रुपये की लागत तय की है, तो लगभग आधी राशि में टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण सीसी सड़क कैसे बनाई जा सकती है।

ग्रामीणों ने बताया कि विधायक श्री पाठक ने यह भी कहा था कि यह सड़क आज़ादी के बाद पहली बार बन रही है और यह आदिवासी, पिछड़े वर्ग एवं कृषक बहुल क्षेत्र में स्थित है, इसलिए इसे कम से कम पचास वर्षों तक चलने लायक मजबूत बनाया जाना चाहिए। गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं हो सकता। इसी कारण ठेका लेने वाली कंपनी ने विभाग से अनुबंध नहीं किया और निर्माण कार्य कुछ समय के लिए अधर में लटक गया।

लगातार टेंडर प्रक्रिया विफल होने और ग्रामीणों की मांग को देखते हुए अंततः विभाग ने छोटे-छोटे वर्क ऑर्डर के माध्यम से निर्माण कार्य शुरू कराने का निर्णय लिया। विभागीय सूत्रों के अनुसार यह प्रक्रिया पूरी तरह से नियमों के अंतर्गत है और इससे पहले भी कई ग्रामीण सड़क परियोजनाओं में इसी तरह से कार्य कराया जा चुका है। इसी पद्धति को अपनाते हुए वर्तमान सड़क का निर्माण कार्य आगे बढ़ाया जा रहा है।

ग्रामीणों ने बताया कि यह मार्ग बांधवगढ़ क्षेत्र से जुड़े इलाकों को भी आपस में जोड़ता है, जिससे इसका पर्यटन महत्व और अधिक बढ़ जाता है। क्षेत्र में आने वाले पर्यटकों के लिए अब आवागमन आसान होगा और स्थानीय लोगों को भी इससे रोजगार एवं व्यापार के नए अवसर मिलेंगे। कच्चे और धूलभरे रास्ते के स्थान पर मजबूत सीसी सड़क बनने से क्षेत्र की छवि में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।

करीब दो किलोमीटर लंबी यह सड़क अब अपने अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। ग्रामीणों ने निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि वर्षों बाद उनके गांव तक मजबूत और पक्की सड़क पहुंच रही है। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं, बाजार और अन्य जरूरी सुविधाओं तक पहुंच सुगम होगी। ग्रामीणों ने भ्रामक प्रचार करने वालों की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास हजारों ग्रामवासियों, विशेष रूप से आदिवासी, पिछड़े वर्ग और अन्नदाताओं का अपमान हैं।

ग्रामीणों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विकास के इस कार्य पर खुशी जाहिर करने के बजाय अनावश्यक विवाद खड़ा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने सभी से अपील की कि तथ्यों के आधार पर बात करें और भ्रामक खबरों से बचें। अंत में सभी ग्रामीणों ने इस महत्वपूर्ण सड़क निर्माण के लिए विधायक संजय पाठक के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सड़क आने वाले वर्षों में क्षेत्र के विकास की नई कहानी लिखेगी।

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