ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान, शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा धन बताने पर दिया गया जोर।

 ग्रामीण क्षेत्र के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं का हुआ सम्मान, शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा धन बताने पर दिया गया जोर।

डॉ. भीमराव अम्बेडकर के प्रेरक संदेश "शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वह दहाड़ेगा" को आत्मसात करने का आह्वान।

मझौली,ग्रामीण खबर MP:

मझौली तहसील के शासकीय प्राथमिक विद्यालय लालपुरा (खुड़ावल) एवं शासकीय माध्यमिक विद्यालय सिमरिया (आलसूर) में एक भव्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालयों की सभी कक्षाओं में परीक्षा में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रशस्ति पत्र, वाटर बॉटल, स्टेशनरी सामग्री आदि भेंट कर सम्मानित किया गया।

इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाना और बच्चों को उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु प्रोत्साहित करना रहा। समारोह में उपस्थित अतिथियों ने शिक्षा को जीवन का सबसे बड़ा धन बताते हुए समाज के प्रत्येक वर्ग से आह्वान किया कि वे शिक्षा की अलख जगाने में अपनी भूमिका निभाएँ।

भारत कृषक समाज महाकौशल मध्यप्रदेश के अध्यक्ष इंजीनियर के. के. अग्रवाल ने शिक्षा के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 

शिक्षा के बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सूत्र वाक्य "शिक्षा वह शेरनी का दूध है, जो पियेगा वह दहाड़ेगा" को आत्मसात करने का आह्वान करते हुए विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे कठिन परिस्थितियों में भी शिक्षा प्राप्त करने का संकल्प लें।

कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला पंचायत उपाध्यक्ष एवं शिक्षा समिति के अध्यक्ष विवेक पटेल ने की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में असीम प्रतिभा है, बस आवश्यकता है कि उन्हें सही संसाधन और मार्गदर्शन मिले। उन्होंने विद्यालयों के स्तर को सुधारने और आवश्यक सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

भारत कृषक समाज सिहोरा तहसील के अध्यक्ष एडवोकेट रामगोपाल पटेल के सानिध्य में यह कार्यक्रम आयोजित हुआ। उनकी ओर से दोनों विद्यालयों को दरियां, वाटर कूलर, वाटर फिल्टर केन तथा सभी बच्चों को स्टेशनरी प्रदान की गई। इससे विद्यालयों के बुनियादी ढाँचे और विद्यार्थियों को निश्चित ही लाभ मिलेगा।

इस अवसर पर कृषक समाज के महासचिव रूपेंद्र पटेल, वरिष्ठ जिला कार्यकारिणी सदस्य रामकिसन पटेल, रामेश्वर अवस्थी, किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष रमेश पटेल, किसान सेवा सेना के जितेंद्र देसी और मानव संगठन समिति के रवि यादव ने विचार व्यक्त किए। वक्ताओं ने कहा कि विद्या सबसे बड़ा दान है, और ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों की प्रतिभा को निखारने के लिए समाज को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए।

समारोह के दौरान विद्यालय प्रांगण में पौधारोपण भी किया गया, जिससे पर्यावरण संरक्षण का संदेश विद्यार्थियों तक पहुँचा। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक खड़ग सिंह ने किया और पूरे आयोजन को अनुशासित और प्रेरक वातावरण में संपन्न कराया।

कार्यक्रम में शिक्षा विभाग के बीआरसी बी.के. गर्ग, मुकेश पटेल, एडवोकेट प्रताप नारायण सिंह, अर्जुन सिंह, लक्ष्मी नारायण पटेल, अवसर पटेल, उपसरपंच जोहरी पटेल, अखिलेश तिवारी, हजारी पटेल, अभिषेक पटेल, लटोरी दहिया, गब्बर कोल, रंजीत चक्रवर्ती, राकेश पटेल, सुनील चक्रवर्ती सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रीय वरिष्ठ जन, अभिभावक और शिक्षक उपस्थित रहे।

यह आयोजन केवल सम्मान का प्रतीक नहीं रहा बल्कि ग्रामीण शिक्षा जगत में नए उत्साह और नई ऊर्जा का संचार करने वाला साबित हुआ। छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ा और यह संदेश पूरे क्षेत्र में पहुँचा कि कठिनाइयों के बावजूद यदि शिक्षा को ध्येय बना लिया जाए तो सफलता निश्चित है।

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