प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रस्फुटन समितियों की सक्रियता और जिम्मेदारी में हुआ इज़ाफा,ग्राम विकास एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का दिया गया संदेश।
रीठी जनपद पंचायत सभागार में आयोजित बैठक सह कार्यशाला में माटी गणेश,सिद्ध गणेश अभियान के तहत मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और ग्राम उत्थान पर विस्तृत चर्चा।
रीठी,ग्रामीण खबर MP:
मध्यप्रदेश जन अभियान परिषद विकासखंड रीठी द्वारा ग्राम विकास प्रस्फुटन समितियों, नवांकुर सखी सहायक एवं सहायिका की सक्रियता बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय बैठक सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन जनपद पंचायत सभागार रीठी में किया गया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य समितियों को उनके कार्यों और दायित्वों का बोध कराना और ग्राम विकास के विभिन्न विषयों पर जनजागरण के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलन से हुई। इसके बाद अतिथियों का स्वागत और परिचय कराया गया। कार्यशाला का संचालन शरद यादव (मेंटर) द्वारा किया गया।
विकासखंड समन्वयक जगन सिंह मसराम ने प्रस्तावना प्रस्तुत करते हुए कहा कि प्रस्फुटन समितियां ग्राम विकास की धुरी हैं और उनका उद्देश्य परिषद के निर्देशानुसार शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, नशा मुक्ति, पर्यावरण संरक्षण और कृषि जैसे विषयों पर जनजागरूकता अभियान चलाना है। उन्होंने कहा कि ग्रामवासियों को अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों का भी बोध होना चाहिए।
प्रशिक्षक बालमुकुंद मिश्रा ने अपने उद्बोधन में प्रेरणा गीत के माध्यम से उपस्थित प्रतिनिधियों को उत्साहित किया। उन्होंने कहा कि प्रस्फुटन समितियों को रचनात्मक सोच और सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए परंपराओं को जीवंत बनाए रखना होगा। गांव में संस्कार केंद्रों के माध्यम से बच्चों को अच्छे संस्कार देना, योग और शिक्षा का ज्ञान कराना, स्वच्छता और बड़ों के प्रति आदर का भाव विकसित करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समिति के सदस्य सदैव जिज्ञासु रहकर स्वयं सीखने की प्रवृत्ति अपनाएं और गांव में सकारात्मक वातावरण का निर्माण करें।
उन्होंने परिषद द्वारा प्रारंभ किए गए माटी गणेश, सिद्ध गणेश अभियान पर विशेष जानकारी दी। इस अभियान के अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाने का प्रशिक्षण दिया गया। बालमुकुंद मिश्रा ने सभी से आग्रह किया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं के स्थान पर मिट्टी की प्रतिमाओं का उपयोग किया जाए, ताकि जल स्रोत प्रदूषण से बचें और पर्यावरण सुरक्षित रहे।
कार्यशाला के दौरान मिट्टी कलाकार मैकू लाल चक्रवर्ती ने प्रतिभागियों को मिट्टी से गणेश प्रतिमा बनाना सिखाया। प्रशिक्षण के उपरांत सभी प्रतिभागियों ने स्वयं प्रतिमा बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इसके पश्चात जय गणेश, सिद्ध गणेश के जयघोष से वातावरण गुंजायमान हो उठा और संकल्प यात्रा भी निकाली गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता जिला समन्वयक प्रतिनिधि बालमुकुंद मिश्रा ने की। उन्होंने समितियों के दायित्वों पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि प्रस्फुटन समितियों को ग्राम विकास के हर पहलू पर जिम्मेदारी निभानी है। शिक्षा का प्रसार, नशा मुक्ति के लिए अभियान, जैविक कृषि को बढ़ावा, ऊर्जा संरक्षण और स्वच्छता ही ग्राम उत्थान की असली कुंजी हैं।
कार्यशाला के अंत में नवांकुर संस्था प्रभारी कौशल किशोर ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जनपद पंचायत सभापति रतिलाल चौधरी ने ईको मित्र ऐप डाउनलोड करने की अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय योगदान देना चाहिए।
इस कार्यशाला को सफल बनाने में नवांकुर संस्था के उमेश त्रिपाठी, सुरेंद्र पाठक, मु. मुस्तकीम, कौशल किशोर बर्मन, प्रस्फुटन समिति के अध्यक्ष-सचिव निलेश पटैल, पूजा पटेल, अनीत सेन लोधी, गणपत कोल, राजकुमार लोधी, लल्लूलाल, मोहन जी समेत अन्य प्रतिनिधियों ने सक्रिय भूमिका निभाई। साथ ही नवांकुर सखी प्रेरक सहायकाएं लक्ष्मी बर्मन, सावित्री लोधी, दीपा लोधी, रोशनी यादव, साक्षी नामदेव, रजनी ठाकुर, शीला, मनोरमा पाठक एवं अन्य कार्यकर्ताओं ने अपनी सहभागिता दी।
मुख्यमंत्री सामुदायिक नेतृत्व क्षमता विकास कार्यक्रम के परामर्शदाता रूपा बर्मन और गोवर्धन रजक के अलावा कई स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों की भी उपस्थिति रही। इस सामूहिक प्रयास ने कार्यशाला को सफल बनाया और ग्राम विकास की दिशा में नई ऊर्जा का संचार किया।
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