अवैध घुसपैठ के विरुद्ध कटनी पुलिस की निर्णायक कार्रवाई,विदेशी नाबालिग को ढूंढकर सुरक्षित तरीके से किया गया देश से निष्कासन।

 अवैध घुसपैठ के विरुद्ध कटनी पुलिस की निर्णायक कार्रवाई,विदेशी नाबालिग को ढूंढकर सुरक्षित तरीके से किया गया देश से निष्कासन।

सीमा सुरक्षा में कटनी पुलिस का सतर्क योगदान,संदिग्ध बांग्लादेशी नाबालिग की पहचान कर, नियम अनुसार की गई डिपोर्ट की कार्यवाही।

कटनी,ग्रामीण खबर MP:

भारत सरकार एवं मध्यप्रदेश शासन के निर्देशों के अनुरूप समूचे देश में चलाए जा रहे "अवैध घुसपैठियों" के विरुद्ध अभियान के तहत कटनी पुलिस ने अपनी सतर्कता, जिम्मेदारी और कुशल योजना से उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। जिले के प्रमुख स्थानों पर गुप्त सर्चिंग और सघन निगरानी अभियान के दौरान पुलिस को एक ऐसे नाबालिग की जानकारी मिली, जो बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश कर रह रहा था। यह नाबालिग स्वयं को बांग्लादेश के गाजीपुर, ढाका का निवासी बताता है।

इस पूरे अभियान की शुरुआत जिला पुलिस द्वारा जारी किए गए निर्देशों के अनुरूप, सीमावर्ती एवं शहरी इलाकों में चलाए जा रहे निरंतर निरीक्षण एवं सत्यापन कार्य से हुई। दिनांक 08 जुलाई 2025 को, कटनी रेलवे स्टेशन क्षेत्र में एक संदिग्ध किशोर को संदेहास्पद गतिविधियों के चलते पुलिस टीम द्वारा पकड़ा गया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने अपने मूल निवास की जानकारी गाजीपुर, ढाका (बांग्लादेश) के रूप में दी। उसके पास किसी भी प्रकार का वैध परिचय पत्र या यात्रा दस्तावेज नहीं था। इस पर पुलिस ने उसे तात्कालिक रूप से होल्डिंग सेंटर, कटनी में रखा और उससे गहन पूछताछ प्रारंभ की।

पुलिस अधीक्षक अभिनय विश्वकर्मा और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ. संतोष डेहरिया के मार्गदर्शन में एक विशेष कार्यबल का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व निरीक्षक आशीष कुमार शर्मा ने किया। इस टीम में उप निरीक्षक रूपेन्द्र सिंह राजपूत (सायबर सेल प्रभारी), प्रधान आरक्षक प्रशांत विश्वकर्मा, आरक्षक आरिफ हुसैन, मंसूर हुसैन, अजय शंकर साकेत, अमित श्रीपाल, अमित सिंह, चंदन प्रजापति, शुभम गौतम एवं सतेन्द्र सिंह राजपूत जैसे अधिकारी सम्मिलित किए गए, जिन्होंने पूरी संवेदनशीलता एवं सतर्कता के साथ इस नाबालिग के बारे में आवश्यक सूचनाएं एकत्रित कीं।

पकड़े गए नाबालिग की जानकारी और उसके देश में अवैध प्रवेश की पुष्टि के बाद इस विषय की सूचना तत्काल भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय एवं भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को भेजी गई। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार डिपोर्ट की कार्रवाई शुरू की गई, जिसमें आवश्यक अनुमति और मार्गदर्शन मिलने के उपरांत विशेष दल द्वारा उसे पश्चिम बंगाल के सीमानगर पोस्ट, जिला नदिया स्थित 32वीं बटालियन बीएसएफ को सौंपा गया। इसके बाद उसे औपचारिक रूप से बांग्लादेश सरकार की सीमा सुरक्षा एजेंसी के सुपुर्द किया गया।

इस पूरी कार्यवाही में न केवल सुरक्षा मानकों का पूरी तरह पालन किया गया, बल्कि मानवीय गरिमा का भी विशेष ध्यान रखा गया। पुलिस द्वारा यह सुनिश्चित किया गया कि नाबालिग के साथ कोई अमानवीय व्यवहार न हो और उसे उसके देश में सुरक्षित रूप से वापस भेजा जाए। यह कार्यवाही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप थी।

इस अभियान में तकनीकी निगरानी, गुप्त सूचना संकलन, सायबर विश्लेषण एवं सामाजिक नेटवर्क पर निगरानी जैसे आधुनिक साधनों का उपयोग किया गया, जिससे संदिग्ध की पहचान संभव हो सकी। पुलिस अधीक्षक द्वारा निर्देशित मुखबिर तंत्र एवं निगरानी दलों ने निरंतर कार्य करते हुए इस तरह के मामलों में पहले से ही तैयारियों को मजबूत रखा था।

कटनी पुलिस द्वारा की गई यह कार्यवाही देश की सीमाओं की रक्षा, सामाजिक सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने की दिशा में एक ठोस और प्रभावशाली कदम है। यह घटना न केवल पूरे राज्य बल्कि देशभर की सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण के रूप में सामने आई है कि किस प्रकार एक सामान्य-से प्रतीत होने वाले संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कर, पूरी संवेदनशीलता एवं विधिक प्रक्रिया के साथ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई को अंजाम दिया जा सकता है।

कटनी पुलिस का यह अभियान न केवल स्थानीय नागरिकों में विश्वास पैदा करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत की सीमाएं अब पहले से कहीं अधिक सजग हैं। यह कार्रवाई यह भी प्रमाणित करती है कि यदि रणनीति, नेतृत्व और टीम भावना स्पष्ट हो तो किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।

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