गोंडा में श्रद्धालुओं से भरी बोलेरो सरयू नहर में गिरी,11 की दर्दनाक मौत, 4 गंभीर घायल।
पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन को निकले थे सभी; एक मासूम की चीखों ने बयां की पूरे परिवार के उजड़ने की दास्तां, प्रशासन ने दिए जांच और सहायता के निर्देश।
उत्तर प्रदेश,ग्रामीण खबर mp:
उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले से आई यह दुखद और हृदयविदारक खबर न केवल एक गांव बल्कि पूरे प्रदेश को गहरे शोक में डुबो गई है। शनिवार देर रात इटियाथोक थाना क्षेत्र के सिसई गांव के पास श्रद्धालुओं से भरी एक बोलेरो गाड़ी सरयू नहर में गिर गई। इस भीषण हादसे में 11 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई जबकि 4 अन्य जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे हैं।
हादसा उस समय हुआ जब बोलेरो वाहन एक संकरे पुल पर से गुजर रहा था। पुल पर रेलिंग न होने के कारण गाड़ी सीधे नहर में जा गिरी। बोलेरो में सवार सभी लोग मल्हीपुर थाना क्षेत्र के बड़गो गांव के निवासी थे, जो सामूहिक रूप से पृथ्वीनाथ मंदिर दर्शन के लिए निकले थे।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही गांव वालों के साथ प्रशासन, पुलिस और राहत दल मौके पर पहुंचा और तुरंत रेस्क्यू शुरू किया गया। स्थानीय युवाओं की मदद से पानी से शवों को बाहर निकाला गया।
मृतकों की सूची इस प्रकार है:
1 रामकिशुन तिवारी (52 वर्ष)
2.सूरज तिवारी (24 वर्ष)
3.प्रमोद तिवारी (30 वर्ष)
4.रीता देवी (48 वर्ष)
5.सरिता तिवारी (22 वर्ष)
6.आरव तिवारी (5 वर्ष)
7.माया देवी (50 वर्ष)
8.अशोक तिवारी (55 वर्ष)
9.पूजा (19 वर्ष)
10.शुभम तिवारी (17 वर्ष)
11.अनीता तिवारी (26 वर्ष)
गंभीर रूप से घायल श्रद्धालु जिनका इलाज चल रहा है:
1.रवि तिवारी (28 वर्ष) – सिर में गंभीर चोट
2.कंचन तिवारी (21 वर्ष) – फेफड़ों में जलभराव की संभावना
3.नंदिनी तिवारी (10 वर्ष) – सदमे में, होश नहीं
4.रोहित तिवारी (16 वर्ष) – दोनों पैर में फ्रैक्चर
गोंडा जिला अस्पताल में सभी घायलों का इलाज जारी है। डॉक्टरों के मुताबिक रवि और कंचन की हालत बेहद नाजुक बनी हुई है और उन्हें लखनऊ ट्रॉमा सेंटर शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है।
इस दुर्घटना की सबसे मार्मिक तस्वीर उस 10 वर्षीय बच्ची नंदिनी की है जो इस हादसे में बच तो गई, लेकिन अपने पूरे परिवार को खो चुकी है। बेहोशी की हालत में अस्पताल में भर्ती नंदिनी ने होश में आने के बाद कांपती आवाज में कहा,
"हम सब मंदिर जा रहे थे... अचानक कुछ झटका लगा और फिर पानी... सब डूबने लगे... मैं चिल्लाई, लेकिन कोई जवाब नहीं आया।"
इस एक वाक्य ने पूरे अस्पताल के माहौल को गमगीन बना दिया:
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हादसे पर शोक जताया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये तथा घायलों को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही जिलाधिकारी को राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करने और दोषियों की पहचान कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
गोंडा जिला प्रशासन ने हादसे की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय टीम गठित की है, जो 48 घंटे में रिपोर्ट सौंपेगी। प्रशासन यह भी जांच कर रहा है कि आखिर पुल पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं थे।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि क्षेत्र की सभी पुल-पुलियों पर लोहे की मजबूत रेलिंग लगाई जाए, साथ ही चेतावनी बोर्ड और प्रकाश की उचित व्यवस्था हो ताकि भविष्य में ऐसे हादसे न हों।
यह घटना केवल एक वाहन दुर्घटना नहीं, बल्कि एक परिवार के संपूर्ण विलोपन की त्रासदी है। बड़गो गांव आज शोक में डूबा है, हर घर में मातम पसरा है। जिन गलियों में कभी चहल-पहल थी, आज वहां सन्नाटा पसरा हुआ है।
यह हादसा उन सभी सवालों को जन्म देता है जिन्हें हम अक्सर अनदेखा कर देते हैं — क्या हमारे रास्ते सुरक्षित हैं? क्या हमारी श्रद्धा यात्रा सुरक्षा के भरोसे निकलती है? और जब अनहोनी हो, तो क्या हमारे सिस्टम में संवेदना और तत्परता दोनों है?
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