किसानों को राहत देने कलेक्टर ने दिए उर्वरक दुकानों के सघन निरीक्षण के निर्देश।
उर्वरक की कालाबाजारी, टैगिंग व गुणवत्ताहीन बिक्री पर कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश, एफआईआर कराने के आदेश।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने जिले के सभी एसडीएम, तहसीलदार, कृषि एवं सहकारिता विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे खरीफ सीजन में खेती-किसानी के कार्य हेतु खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उर्वरक एवं बीज विक्रय केन्द्रों का सतत निरीक्षण करें। कलेक्टर ने अधिकारियों से कहा है कि वे पूरी सक्रियता के साथ मैदान में कार्य करें ताकि किसानों को खाद-बीज के लिए किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जिले में उर्वरक की कालाबाजारी, अवैध भंडारण, टैगिंग, मिस ब्रांडिंग और निम्न गुणवत्ता वाले उर्वरक बेचने वाले विक्रेताओं एवं परिवहनकर्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। ऐसे मामलों में आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं अन्य प्रासंगिक कानूनी धाराओं के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई जाए ताकि खाद की उपलब्धता एवं गुणवत्ता में पारदर्शिता बनी रहे।
कलेक्टर श्री यादव ने स्पष्ट निर्देश दिए कि समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) सरकारी व निजी दुकानों, साथ ही सहकारी समितियों में खाद-बीज की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करें। साथ ही वितरण प्रणाली को सरल व पारदर्शी बनाए रखें ताकि किसानों को समय पर खाद-बीज प्राप्त हो सके।
उप संचालक कृषि को निर्देशित किया गया कि नगद विक्रय केन्द्रों में ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए ताकि किसी भी प्रकार की अनियमितता की स्थिति में तत्काल कार्रवाई संभव हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक खाद विक्रय केन्द्र में खाद की उपलब्धता की नियमित निगरानी की जाए एवं दुकानों के बाहर सूचना पटल पर उपलब्ध खाद की मात्रा और दर की सूची अनिवार्य रूप से प्रदर्शित कराई जाए।
खरीफ फसलों की बोनी व टॉप ड्रेसिंग के दौरान अनुदानित उर्वरकों की बढ़ती मांग को देखते हुए कलेक्टर ने निर्देश दिए कि कोई भी प्रदायक कंपनी या विक्रेता किसानों को अनुदानित उर्वरकों के साथ बायोस्टीमुलेंट, नैनो उर्वरक, माइक्रोन्यूट्रिएंट मिक्चर, जैव उत्तेजक आदि टैग करके न बेचे। उन्होंने चेताया कि यदि इस तरह की स्थिति पाई जाती है, तो संबंधित कंपनी/विक्रेता के विरुद्ध आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने कृषि विभाग को निर्देश दिए कि जिले के समस्त उर्वरक विक्रेताओं, विक्रय एवं भण्डारण केन्द्रों से उर्वरकवार, कंपनीवार, ग्रेडवार, बैचवार एवं लॉटवार नमूने लेकर उन्हें प्रयोगशालाओं में जांच हेतु भेजा जाए, जिससे उर्वरकों की गुणवत्ता पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने किसानों से भी अपील की कि यदि खाद-बीज से संबंधित कोई भी समस्या या शिकायत हो तो वे जिले में संचालित जिला स्तरीय कंट्रोल रूम के टेलीफोन नम्बर 07622-220071 पर तत्काल संपर्क करें, जिससे प्रशासन द्वारा त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की जा सके।
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