सिलौड़ी छात्रावास में हुए सामग्री वितरण कार्यक्रम मैं जिला पंचायत सदस्य को नहीं किया आमंत्रित, कार्यक्रम में पहुंच कर जताई तीखी नाराजगी।

 सिलौड़ी छात्रावास में हुए सामग्री वितरण कार्यक्रम मैं जिला पंचायत सदस्य को नहीं किया आमंत्रित, कार्यक्रम में पहुंच कर जताई तीखी नाराजगी।

कविता पंकज राय ने कहा— क्षेत्रीय विकास में मेरी भूमिका के बावजूद मुझे आमंत्रित नहीं किया गया, यह बेहद निंदनीय है।

ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर mp:

दिनांक 23 जुलाई 2025 को ढीमरखेड़ा जनपद क्षेत्र के ग्राम सिलौड़ी स्थित कस्तूरबा गांधी आदिवासी बालिका छात्रावास में सामग्री वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि क्षेत्रीय विधायक धीरेन्द्र बहादुर सिंह रहे, जिनकी उपस्थिति में छात्राओं को आवश्यक सामग्री वितरित की गई। इसके अलावा जनपद के अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधि और शिक्षा विभाग के अधिकारीगण भी कार्यक्रम में शामिल रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत स्वागत भाषण एवं छात्राओं द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम से हुई। इसके पश्चात अतिथियों द्वारा छात्राओं को शैक्षणिक, दैनिक उपयोग की सामग्री एवं पोषण संबंधी सामग्रियाँ प्रदान की गईं। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं के समग्र विकास को बढ़ावा देना एवं उन्हें अध्ययन हेतु आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराना था।

इस बीच कार्यक्रम में उस समय असहज स्थिति उत्पन्न हो गई जब जिला पंचायत सदस्य कविता पंकज राय बिना बुलाए कार्यक्रम स्थल पर पहुंचीं और मंच से खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने अधीक्षक उर्मिला कुलस्ते एवं आयोजन समिति पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम उनके जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसके बावजूद उन्हें कार्यक्रम की जानकारी तक नहीं दी गई। उन्होंने मंच से अपने संबोधन में कहा— "यह कोई छोटी बात नहीं है, जब मेरे ही क्षेत्र में सरकारी कार्यक्रम हो और मुझे ही बुलाया न जाए। मैं इस व्यवहार की घोर निंदा करती हूं।"

कविता राय ने यह भी कहा कि हाल ही में उनके प्रयासों के फलस्वरूप नवीन आदिवासी बालिका छात्रावास भवन के निर्माण हेतु 2.30 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त हुई है। यह भवन नवमी से बारहवीं तक की छात्राओं के लिए बनाया जा रहा है जिसमें 150 बालिकाओं के रहने की सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि जब क्षेत्र में विकास हेतु निरंतर प्रयासरत प्रतिनिधि को ही नजरअंदाज किया जाए, तो यह स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है।

उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक बात नहीं, बल्कि सम्मान और समन्वय का विषय है। जब क्षेत्रीय सहयोग से किसी कार्य को आगे बढ़ाया जाता है तो उसका श्रेय और सहभागिता भी साझा की जानी चाहिए। उन्होंने अधीक्षक पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की भी मांग की।

स्थानीय ग्रामीणों और छात्रावास स्टाफ के बीच यह घटना चर्चा का विषय बनी रही। वहाँ उपस्थिति लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधियों को सूचना देना आयोजकों की नैतिक जिम्मेदारी है,और यह प्रशासन की बड़ी भूल है जिसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए।

घटना के पश्चात जनपद शिक्षा अधिकारी, छात्रावास प्रबंधन समिति, एवं जिला शिक्षा अधिकारी से भी प्रतिक्रिया मांगी जा रही है, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य को आमंत्रण न भेजे जाने के पीछे वास्तविक कारण क्या थे।

यह घटना जनप्रतिनिधियों और शिक्षा विभाग के बीच समन्वय की कमी को उजागर करती है, जिससे भविष्य में सार्वजनिक कार्यक्रमों के आयोजन में पारदर्शिता एवं भागीदारी सुनिश्चित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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