डाक कर्मचारियों की मांगों को लेकर जबलपुर में जोरदार रात्रिकालीन धरना,आंदोलन और हड़ताल की दी चेतावनी।
कर्मचारियों ने कहा मांगें नहीं मानी गईं तो 31 जुलाई को एक दिवसीय हड़ताल और 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन होगा।
ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर mp:
भारतीय डाक कर्मचारी संघ के केंद्रीय नेतृत्व के आव्हान पर 23 जुलाई मंगलवार की रात को जबलपुर संभागीय मुख्यालय में एक दिवसीय रात्रिकालीन धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस धरने का नेतृत्व संभागीय सचिव अनिल सिंह बागरी द्वारा किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारियों ने एकत्र होकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
धरना स्थल पर मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि उनकी कई प्रमुख मांगें लंबे समय से सरकार के पास लंबित हैं, लेकिन बार-बार ज्ञापन और अनुरोध के बाद भी कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। कर्मचारियों का कहना है कि अब धैर्य की सीमा पार हो रही है और यदि उनकी मांगें शीघ्रता से नहीं मानी गईं, तो आंदोलन को और भी उग्र रूप दिया जाएगा।
संभागीय सचिव अनिल सिंह बागरी ने सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि यदि अब भी सरकार ने इन मांगों पर गंभीरता से विचार नहीं किया, तो 31 जुलाई को पूरे संभाग में एक दिवसीय हड़ताल की जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इसके बाद भी अगर सरकार ने उदासीन रवैया अपनाया, तो 18 अगस्त से डाक कर्मचारी अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर चले जाएंगे, जिसकी जिम्मेदारी पूरी तरह सरकार की होगी।
धरना स्थल पर कई वरिष्ठ कर्मचारी और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख रूप से आर एस चौहान, वीरेंद्र राठौर, ईमान लाल कोष्ठी, शिव नारायण प्यासी, योगेश मिश्रा, सुनील उपाध्याय, अरविंद और राजीव जैन का नाम उल्लेखनीय है। इन सभी ने मंच से एक स्वर में सरकार से मांगें पूरी करने की अपील की और कहा कि डाक सेवा से जुड़े कर्मचारियों की उपेक्षा अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों ने यह भी कहा कि वे राष्ट्र सेवा में लगे हुए हैं, और उनकी भूमिका संचार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में अहम है। ऐसे में यदि उनकी वाजिब मांगें नहीं मानी जाती हैं, तो इससे न केवल डाक व्यवस्था पर असर पड़ेगा, बल्कि आम जनता भी परेशान होगी।
एकजुट कर्मचारियों ने जोर देकर कहा कि अब समय आ गया है कि सरकार उनकी समस्याओं को हल्के में लेने की बजाय गंभीरता से सुलझाए। उन्होंने बताया कि कर्मचारियों की मुख्य मांगों में वेतन विसंगतियों को दूर करना, ठेका कर्मियों के स्थायीत्व की गारंटी देना, पदोन्नति में पारदर्शिता लाना और कार्यस्थल की सुविधाओं को बेहतर बनाना शामिल है।
धरना प्रदर्शन देर रात तक चला और कर्मचारियों की ओर से यह संदेश स्पष्ट रूप से दिया गया कि यह आंदोलन केवल चेतावनी मात्र है, और यदि मांगें नहीं मानी गईं तो भविष्य में पूरे देश की डाक व्यवस्था ठप हो सकती है।
डाक कर्मचारियों की यह संगठित आवाज अब पूरे प्रदेश सहित राष्ट्रीय स्तर पर गूंजने लगी है, और यदि सरकार ने शीघ्रता से कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो यह विरोध आंदोलन में बदल सकता है।
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