बालाकोट में महिलाओं को मिला मशरूम उत्पादन का व्यावसायिक प्रशिक्षण, परीक्षा से परखा गया हुनर।

 बालाकोट में महिलाओं को मिला मशरूम उत्पादन का व्यावसायिक प्रशिक्षण, परीक्षा से परखा गया हुनर।

एसबीआई ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान दमोह द्वारा आयोजित 10 दिवसीय प्रशिक्षण में 31 महिलाओं ने लिया भाग, भोपाल एवं कटनी से आए विशेषज्ञों ने किया मूल्यांकन।

दमोह,ग्रामीण खबर mp:

ग्राम पंचायत बालाकोट, जनपद पंचायत दमोह में ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की दिशा में एक प्रभावशाली और व्यावहारिक पहल की गई है। भारतीय स्टेट बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान दमोह द्वारा स्व-सहायता समूह की 31 महिलाओं को मशरूम उत्पादन का 10 दिवसीय सघन प्रशिक्षण प्रदान किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर सतत आजीविका का मार्ग दिखाना था।

प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को मशरूम उत्पादन की सभी आवश्यक तकनीकी जानकारियाँ दी गईं — जिसमें बीज चयन, कम्पोस्टिंग, इनक्युबेशन, तापमान एवं नमी नियंत्रण, कीट प्रबंधन, फसल कटाई, पैकेजिंग, भंडारण और विपणन तक की विस्तृत जानकारी शामिल रही। प्रशिक्षण सत्रों को व्यावहारिक स्वरूप दिया गया ताकि महिलाएं सिर्फ सैद्धांतिक नहीं बल्कि व्यवहारिक रूप से भी दक्ष हो सकें।

प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात, प्रतिभागी महिलाओं का मूल्यांकन भी सुनिश्चित किया गया। मूल्यांकन की प्रक्रिया परीक्षा नियंत्रक एवं प्रमाणीकरण, भारत सरकार ब्रांच भोपाल के निर्देशन में संपन्न हुई। मूल्यांकन में मशरूम उत्पादन विषय के परीक्षक रामसुख दुबे (कटनी) तथा बैंकिंग से जुड़े परीक्षक प्रदीप कुमार नामदेव (दमोह) ने विशेष भूमिका निभाई। उन्होंने लिखित, मौखिक एवं प्रायोगिक परीक्षा के माध्यम से महिलाओं के ज्ञान और कौशल का गहन मूल्यांकन किया।

इस पूरे आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित कराने में संस्थान की संचालक स्वाति भोला एवं उनकी समर्पित टीम का अहम योगदान रहा। प्रशिक्षण की समुचित रूपरेखा तैयार करने से लेकर दैनिक सत्रों की मॉनिटरिंग एवं परीक्षा व्यवस्था तक सभी पहलुओं में उनका सक्रिय मार्गदर्शन सराहनीय रहा।

यह कार्यक्रम न केवल प्रशिक्षण तक सीमित रहा बल्कि इसके माध्यम से यह संदेश भी दिया गया कि ग्रामीण महिलाओं को यदि सही दिशा और साधन मिलें तो वे आत्मनिर्भरता की मिसाल बन सकती हैं। यह कार्यक्रम उनके आत्मविश्वास में वृद्धि का माध्यम भी बना, जिससे वे स्वयं के रोजगार सृजन के लिए प्रेरित हुईं।

प्रशिक्षण के उपरांत कई महिलाओं ने मशरूम उत्पादन को घरेलू व्यवसाय के रूप में अपनाने की इच्छा जताई और इससे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने का संकल्प लिया। प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने संस्था, प्रशिक्षकों एवं परीक्षकों का आभार जताया और आशा व्यक्त की कि इस प्रकार के कार्यक्रम आगे भी नियमित रूप से आयोजित होते रहें।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह एक अनुकरणीय प्रयास है, जिसकी व्यापक सराहना की जा रही है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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