सिलौंडी क्षेत्रवासियों ने दी भावभीनी विदाई, कर्तव्यनिष्ठ नायब तहसीलदार दिनेश असाटी के सेवाकाल की सराहना।
दो वर्ष छह माह की प्रशासनिक सेवा के दौरान पारदर्शिता, जनसमर्पण और अनुशासन के लिए जाने गए दिनेश असाटी को जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीणजनों ने दी आत्मीय विदाई।
सिलौंडी,ग्रामीण खबर mp:
सिलौंडी नायब तहसीलदार दिनेश असाटी के सागर तबादले के पश्चात शनिवार को नायब तहसील कार्यालय प्रांगण में एक भावुक एवं गरिमामय विदाई समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों, पंचायत प्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणजनों ने असाटी के दो वर्ष छह माह के उल्लेखनीय सेवाकाल को स्मरण करते हुए उनके कार्यों की मुक्तकंठ से प्रशंसा की।
समारोह में सिलौंडी सरपंच पंचो संतोष कुमार, खमरिया बागरी सरपंच अनिल सिंह बागरी, पूर्व मंडल अध्यक्ष प्रशांत राय, जनपद पंचायत सदस्य माधुरी रवि अवस्थी, पूर्व सरपंच नेगई गणेश साहू, बीईओ लखनलाल बागरी, राजस्व निरीक्षक नीरज झरिया, पटवारी अशोक सिंह बागरी, महेंद्र त्रिपाठी, सोशल मीडिया प्रभारी धीरज जैन सहित समस्त राजस्व विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं कई ग्रामों के पंच-सरपंच उपस्थित रहे।
वक्ताओं ने कहा कि दिनेश असाटी एक ईमानदार, जनोन्मुखी और संवेदनशील प्रशासनिक अधिकारी के रूप में क्षेत्र में जाने गए। उन्होंने हमेशा ग्रामीणों की समस्याओं को प्राथमिकता दी और त्वरित समाधान उपलब्ध कराए। ग्रामीण क्षेत्र में अक्सर प्रशासनिक पहुँच सीमित रहती है, किंतु असाटी ने आम जनता से सीधे संवाद स्थापित कर विश्वास अर्जित किया। भूमि विवादों, सीमांकन, नामांतरण, आय-जाति प्रमाण पत्र जैसी समस्याओं का निस्तारण उन्होंने समयबद्ध एवं पारदर्शी तरीके से किया।
कई वक्ताओं ने यह भी कहा कि तहसील कार्यालय को उन्होंने केवल एक शासकीय संस्था न बनाकर आमजन की समस्या समाधान केंद्र बनाया, जहाँ ग्रामीण बिना किसी संकोच के पहुँचते थे। उनका सौम्य व्यवहार, अनुशासित कार्यशैली और निर्णय लेने की क्षमता अनुकरणीय रही है। उन्होंने राजस्व अमले के साथ भी समन्वयपूर्ण वातावरण बनाकर कार्य किया, जिससे विभागीय कार्यों में गति और पारदर्शिता आई।
कार्यक्रम के दौरान नायब तहसीलदार दिनेश असाटी भी मंच पर उपस्थित हुए और उन्होंने अपने सेवाकाल के अनुभव साझा करते हुए कहा कि “सिलौंडी क्षेत्र मेरे लिए हमेशा एक परिवार की तरह रहा। यहाँ के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और नागरिकों से जो स्नेह और सहयोग मिला, वह मेरे लिए अविस्मरणीय है। प्रशासनिक जिम्मेदारियाँ तो स्थानांतरित होती रहती हैं, किंतु यहाँ का अपनापन और सहयोग हमेशा स्मृतियों में रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में हमेशा यह प्रयास किया कि आम व्यक्ति को बिना भटके, बिना रिश्वत और बिना परेशानी के समाधान मिल सके। इसके लिए उन्होंने दिन-प्रतिदिन राजस्व शिविर, जनसुनवाई, एवं दस्तावेजीकरण के कार्यों को प्राथमिकता दी।
कार्यक्रम के अंत में उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया और सभी जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों व ग्रामीणों ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। आयोजन स्थल पर भावनाओं का ऐसा माहौल बना जिसमें एक अधिकारी और जनता के बीच जुड़ाव साफ नजर आया। लोग अपनी आंखों में आंसू और चेहरे पर मुस्कान लिए उन्हें विदा कर रहे थे।
यह आयोजन केवल एक विदाई नहीं बल्कि प्रशासन और जनमानस के बीच एक आत्मीय रिश्ते की गवाही भी था। पूरे कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि यदि एक अधिकारी ईमानदारी, सरलता और पारदर्शिता के साथ कार्य करे तो जनता उसे केवल अधिकारी नहीं बल्कि परिवार का हिस्सा मान लेती है।
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