उत्तराखंड हेलीकॉप्टर दुर्घटना पर विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने जताया गहरा शोक।
विजयराघवगढ़ विधायक ने मृतकों को दी श्रद्धांजलि, शोकाकुल परिवारों के प्रति संवेदना की अभिव्यक्ति।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
उत्तराखंड राज्य के रुद्रप्रयाग जनपद में हाल ही में हुई दर्दनाक हेलीकॉप्टर दुर्घटना ने समूचे राष्ट्र को गहरे शोक में डुबो दिया है। यह हादसा न केवल एक तकनीकी त्रुटि के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि यह उन असंख्य परिवारों के लिए एक असहनीय पीड़ा बनकर सामने आया है जिन्होंने अपने परिजनों को खो दिया। इस हृदयविदारक दुर्घटना में कई निर्दोष और कर्तव्यनिष्ठ लोगों की अकाल मृत्यु हो गई, जिनकी भरपाई किसी भी सूरत में संभव नहीं है।
इस दुखद घटना पर विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने गहरा शोक व्यक्त किया है और मृतकों के प्रति अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि यह दुर्घटना अत्यंत ही दुखद और हृदय को व्यथित करने वाली है। दुर्घटना में गई अमूल्य जिंदगियां न केवल उनके परिजनों के लिए, बल्कि समाज, राज्य और राष्ट्र के लिए भी एक अपूरणीय क्षति हैं।
उन्होंने कहा कि देश ने आज अपने कुछ सच्चे सेवकों और मेहनतकश नागरिकों को खो दिया है, जिनका योगदान समाज निर्माण और जनसेवा में अत्यंत महत्वपूर्ण था। इस हादसे ने न केवल उत्तराखंड को, बल्कि पूरे भारत को स्तब्ध कर दिया है।
विधायक श्री पाठक ने आगे कहा कि परमपिता परमेश्वर से यही प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें तथा शोकाकुल परिजनों को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति और धैर्य दें। उन्होंने कहा कि वे व्यक्तिगत रूप से इस दुःख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैं और उनकी संवेदनाएं तथा प्रार्थनाएं निरंतर उनके साथ बनी रहेंगी।
श्री पाठक ने यह भी अपील की कि इस प्रकार की दुर्घटनाओं की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी दोबारा न हो। उन्होंने शासन एवं प्रशासन से आग्रह किया कि मृतकों के परिवारों को शीघ्र और यथासंभव आर्थिक एवं मानसिक सहायता प्रदान की जाए।
इस दौरान विधायक ने सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं और नागरिकों से भी अपील की कि वे अपने स्तर पर प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में मानवता का धर्म यही है कि हम सब मिलकर एक-दूसरे का संबल बनें और समाज में संवेदनशीलता एवं सहानुभूति की भावना को जीवित रखें।
उत्तराखंड की यह दुर्घटना केवल एक समाचार नहीं, बल्कि एक ऐसा दर्द है जिसे देश लंबे समय तक भुला नहीं सकेगा। यह समय एकता, करुणा और सामूहिक सहानुभूति का है।