भीषण गर्मी से राहत की मांग तेज, जिला शिक्षा समिति ने ग्रीष्मावकाश बढ़ाने और शाला समय प्रात:कालीन करने का दिया सुझाव।

 भीषण गर्मी से राहत की मांग तेज, जिला शिक्षा समिति ने ग्रीष्मावकाश बढ़ाने और शाला समय प्रात:कालीन करने का दिया सुझाव।

कटनी में बढ़ते तापमान और जल संकट को देखते हुए जिला पंचायत उपाध्यक्ष अशोक विश्वकर्मा ने कलेक्टर को पत्र लिखकर की मांग, विद्यार्थियों और शिक्षकों को हो रही भारी परेशानी।

कटनी,ग्रामीण खबर mp:

प्रदेश में जारी प्रचंड गर्मी और मानसून की देरी के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। खासकर स्कूल जाने वाले नन्हे-मुन्ने बच्चों और ग्रामीण क्षेत्रों में पदस्थ शिक्षकों के लिए यह मौसम किसी चुनौती से कम नहीं है। लगातार चढ़ते तापमान, जल संकट और बिजली कटौती के कारण शैक्षणिक वातावरण बाधित हो रहा है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए जिला पंचायत कटनी के उपाध्यक्ष एवं जिला शिक्षा समिति के सभापति अशोक विश्वकर्मा ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर शालाओं के ग्रीष्मावकाश की अवधि को एक सप्ताह और बढ़ाने तथा शिक्षकों के लिए शाला समय प्रात:कालीन किए जाने की मांग की है।

पत्र में श्री विश्वकर्मा ने लिखा है कि इस समय संपूर्ण प्रदेश भीषण गर्मी से झुलस रहा है। तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है और मानसून के आगमन में लगातार विलंब हो रहा है। जलस्रोत सूख चुके हैं, कुएं-हैंडपंप जवाब दे रहे हैं, और अधिकांश ग्रामीण अंचलों में बिजली की आपूर्ति अनियमित है। ऐसे में विद्यालय जाना बच्चों के लिए न केवल असहज है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी खतरे से भरा हुआ है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के बच्चे अत्यधिक संवेदनशील होते हैं। गर्मी की मार झेलते हुए विद्यालय पहुंचना उनके स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। इसके अलावा, विद्यालयों में पेयजल की समुचित व्यवस्था न होने, पंखे और कूलर जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी और अस्थिर विद्युत आपूर्ति के कारण शिक्षण गतिविधियां बाधित हो रही हैं।

वहीं दूसरी ओर शिक्षक भी प्रतिदिन लंबी दूरी तय कर विद्यालय पहुंचने को मजबूर हैं। ग्रामीण अंचलों में खासकर महिला शिक्षिकाओं को इस तपती गर्मी में अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए श्री विश्वकर्मा ने सुझाव दिया है कि जब तक मौसम सामान्य नहीं हो जाता, तब तक विद्यालयों का समय प्रात:कालीन कर दिया जाए, जिससे विद्यार्थियों और शिक्षकों दोनों को कुछ राहत मिल सके।

उन्होंने आगे यह भी कहा कि प्रदेश के अन्य जिलों से भी इसी प्रकार की मांगें उठ रही हैं और कई स्थानों पर ग्रीष्मावकाश की अवधि पहले ही बढ़ाई जा चुकी है। कटनी में हालात और भी विकट हैं क्योंकि यहां तापमान के साथ-साथ जल संकट और बिजली कटौती ने स्थिति को चिंताजनक बना दिया है।

श्री विश्वकर्मा का मानना है कि प्रशासन को इस विषय को गंभीरता से लेना चाहिए और जल्द ही कोई सकारात्मक निर्णय लेकर बच्चों और शिक्षकों को राहत प्रदान करनी चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि आने वाले सप्ताह में तापमान में यदि गिरावट नहीं आती है, तो ग्रीष्मावकाश की अवधि को कम से कम सात दिन और बढ़ाया जाए, जिससे बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके।

इस पत्र के माध्यम से उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया है कि केवल कटनी ही नहीं, बल्कि पूरे संभाग के विद्यालयों में इस दिशा में शीघ्र निर्णय लिया जाए, ताकि भीषण गर्मी के बीच शिक्षण व्यवस्था को सुरक्षित और प्रभावी बनाया जा सके।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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