समस्या मिलते ही तुरंत निराकरण कर राहत पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि के रूप में विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक।

 समस्या मिलते ही तुरंत निराकरण कर राहत पहुंचाने वाले जनप्रतिनिधि के रूप में विजयराघवगढ़ विधायक संजय सत्येंद्र पाठक।

क्षेत्रवासियों को परिवार मानने वाले विधायक संजय सत्येंद्र पाठक ने जनसमस्याओं का समयबद्ध समाधान कर निभाई सेवा और संवेदनशीलता की मिसाल।

कटनी,ग्रामीण खबर mp:

विजयराघवगढ़ विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय सत्येंद्र पाठक एक बार फिर जनसेवा के अपने समर्पित दृष्टिकोण के कारण क्षेत्रीय जनता के बीच चर्चा में हैं। उन्हें अक्सर विकास पुरुष और संवेदनशील जनप्रतिनिधि के रूप में जाना जाता है। उनकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वह आम लोगों की समस्याओं को टालते नहीं, बल्कि जिस क्षण उन्हें जानकारी मिलती है, उसी क्षण से उनका निराकरण सुनिश्चित करने में जुट जाते हैं।

विधायक संजय सत्येंद्र पाठक के काम करने की यही शैली उन्हें अन्य जनप्रतिनिधियों से अलग बनाती है। हाल ही में जब क्षेत्र के कुछ नागरिकों ने अपनी समस्याओं को लेकर उनसे संपर्क किया, तो उन्होंने तुरंत कटनी स्थित अपने बगले से आवश्यक अधिकारियों को निर्देशित किया और संबंधित समस्याओं का त्वरित निराकरण करवाया। समस्या के समाधान के लिए ना तो बैठक की प्रतीक्षा की गई, ना ही औपचारिकताएं बनाई गईं — सीधा क्रियान्वयन और तत्पर कार्यवाही हुई।

यह कोई पहला अवसर नहीं है जब विधायक श्री पाठक ने इतनी संवेदनशीलता और गति के साथ लोगों की समस्याओं को सुलझाया हो। उनकी कार्यशैली वर्षों से यही रही है — सीधे संवाद, स्पष्ट निर्देश और समयबद्ध समाधान। क्षेत्र की जनता भी उन्हें इसी कारण अपना सच्चा प्रतिनिधि मानती है।

विधायक संजय सत्येंद्र पाठक का स्पष्ट विचार है कि विजयराघवगढ़ विधानसभा उनका कार्यक्षेत्र नहीं, उनका परिवार है। उन्होंने कई बार सार्वजनिक मंचों से कहा है कि वह इस क्षेत्र को सिर्फ एक राजनीतिक जिम्मेदारी नहीं मानते, बल्कि इसे अपना आत्मीय दायित्व समझते हैं। उनका कहना है कि जब किसी परिवार के सदस्य को कष्ट होता है, तो उसके निवारण में विलंब नहीं होना चाहिए।

उनके शब्दों में — "मेरा क्षेत्र ही मेरा परिवार है। इस भाव को लेकर मैंने अपना जीवन समर्पित किया है। जिन लोगों ने मुझे इस स्थान तक पहुँचाया, उनके लिए जीना, उनके लिए काम करना और उनके लिए कुछ कर गुजरना ही मेरा परम उद्देश्य है। मैंने हमेशा यही चाहा है कि मेरी पहचान सिर्फ एक विधायक के रूप में नहीं, एक सेवक के रूप में हो।"

विधायक श्री पाठक की यह विचारधारा उनके हर निर्णय और कार्य में झलकती है। उनके द्वारा शुरू की गई कई जनहित योजनाएं, विकास कार्य और व्यक्तिगत स्तर पर की गई मददें इस बात का प्रमाण हैं कि उन्होंने राजनीति को सेवा का माध्यम बनाया है, न कि सत्ता का साधन।

आम जनता के बीच उनकी छवि एक ऐसे नेता की है जो हमेशा उपलब्ध रहता है, जो सुनता है, समझता है और समाधान करता है। कई वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं और युवाओं ने यह बताया कि उन्हें विधायक श्री पाठक से मिलने के लिए कभी समय नहीं माँगना पड़ा — जब भी वे पहुँचे, समाधान मिला।

आज जब जनप्रतिनिधियों को लेकर जनता के मन में संदेह, दूरी और अविश्वास की भावना पनप रही है, ऐसे समय में संजय सत्येंद्र पाठक जैसे नेता लोकतंत्र के लिए आशा की किरण हैं। वह यह संदेश देते हैं कि एक विधायक सिर्फ विधानसभा में बैठने वाला प्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता का अभिभावक, मार्गदर्शक और संकटमोचक भी हो सकता है।

उनकी यह संवेदनशीलता और कार्यशैली आने वाले समय में जनप्रतिनिधियों के लिए एक प्रेरणास्रोत बन सकती है।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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