जनपद क्षेत्र के स्कूल-कॉलेजों के पास पान-गुटखा और शराब दुकानों पर लगे प्रतिबंध : जनपद अध्यक्ष ने उठाई मांग।
जनपद अध्यक्ष सुनीता दुबे ने एसडीएम ढीमरखेड़ा को पत्र लिखकर शिक्षण संस्थानों के आसपास नशा कारोबार रोकने की पहल।
ढीमरखेड़ा,ग्रामीण खबर mp:
ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों के उज्ज्वल भविष्य और स्वास्थ्य की दिशा में एक सकारात्मक कदम उठाया गया है। जनपद अध्यक्ष सुनीता संतोष दुबे ने अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) ढीमरखेड़ा को एक महत्वपूर्ण पत्र लिखते हुए जनपद क्षेत्र के समस्त शिक्षण संस्थानों के पास संचालित पान-गुटखा और शराब दुकानों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्होंने इस पत्र में विशेष रूप से शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 का हवाला देते हुए यह उल्लेख किया है कि प्रत्येक बच्चे को एक नशा-मुक्त, सुरक्षित और अनुशासित वातावरण में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार है।
सुनीता दुबे ने अपने पत्र में स्पष्ट रूप से बताया है कि जनपद क्षेत्र में शासकीय, अशासकीय विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं आंगनवाड़ी केंद्रों के आसपास कई स्थानों पर नशे से जुड़ी दुकानें संचालित हो रही हैं, जिससे छात्रों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्हें ग्राम देवरी मंगेला और ग्राम पकरिया में स्थित कुछ दुकानों की शिकायत प्राप्त हुई थी, जहां पान-गुटखा और शराब का खुलेआम व्यापार किया जा रहा है। ये दुकानें विद्यालय परिसरों के आसपास होने के कारण छोटे बच्चे भी इस वातावरण से प्रभावित हो रहे हैं।
पत्र में यह भी सुझाव दिया गया है कि जनपद क्षेत्र के सभी शिक्षण संस्थानों के 100 मीटर के दायरे में ऐसे किसी भी प्रकार के नशा उत्पाद बेचने वाले प्रतिष्ठानों को बंद किया जाए। इसके लिए उन्होंने एसडीएम से अनुरोध किया है कि संबंधित पटवारियों से सर्वे कराया जाए ताकि ऐसे प्रतिष्ठानों की पहचान हो सके और समय रहते आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके।
जनपद अध्यक्ष का यह कदम समाज के हित और बच्चों की भलाई को लेकर अत्यंत सराहनीय माना जा रहा है। यह ज्ञात है कि नशा न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, बल्कि यह विद्यार्थियों के मानसिक विकास और शिक्षा के प्रति उनकी एकाग्रता को भी प्रभावित करता है। विद्यालयों के आसपास इस प्रकार के व्यापार के चलते कई बार छात्र-छात्राओं में नशे की प्रवृत्ति प्रारंभ हो जाती है, जो आगे चलकर बड़ी सामाजिक समस्याओं को जन्म देती है।
सुनीता दुबे ने इस पत्र के माध्यम से यह भी स्पष्ट किया है कि जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा शिक्षा और स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। बच्चों को एक स्वस्थ एवं नैतिक वातावरण प्रदान करने हेतु पंचायत स्तर पर पूरी गंभीरता से कार्य किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से अपेक्षा की है कि वे इस विषय को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र आवश्यक निर्देश जारी करें।
अब जनपद क्षेत्र के नागरिकों की नजर प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी है कि इस पत्र के बाद कितनी तत्परता से नशा कारोबार पर रोक लगेगी और क्या यह पहल आने वाले समय में पूरे जिले में उदाहरण बनेगी।