सिहोरा को जिला बनाने के वादे पर घिरती भाजपा:मंडल अध्यक्ष के घर शंख-घंटा और थाली बजाकर जताया विरोध।
चुनावी वादों की याद दिलाने शंख-घंटा लेकर सड़कों पर उतरे सिहोरा वासी, आंदोलन समिति ने दी चेतावनी—अब भाजपा जिला महामंत्री के निवास पर होगा प्रदर्शन।
सिहोरा,ग्रामीण खबर mp:
सिहोरा को जिला बनाने की मांग को लेकर चल रहे आंदोलन ने अब तीव्र रूप ले लिया है। विधायक संतोष बरकड़े के निवास पर प्रदर्शन के बाद अब आंदोलनकारियों ने भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश पटेल के घर पहुंचकर शंख, घंटा और थाली बजाकर विरोध दर्ज कराया। यह विरोध न सिर्फ चुनावी वादों की याद दिलाने के लिए था, बल्कि एक स्पष्ट संदेश था कि जनता अब केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होगी। आंदोलन का नेतृत्व कर रही लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति ने इसे जनभावनाओं का दबाव बताते हुए कहा कि यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सिहोरा को विधिवत जिला घोषित नहीं कर दिया जाता।
प्रदर्शनकारियों ने मंडल अध्यक्ष को घेरते हुए तीखे नारे लगाए, जिनमें “जिला बोलकर वोट ले लिया”, “स्मृति ईरानी कौन है?”, “प्रह्लाद पटेल कौन हैं?”, “शिवराज सिंह कौन है?”, “संतोष बरकड़े कौन हैं?” जैसे सवाल शामिल थे। इन नारों के माध्यम से समिति ने भाजपा नेतृत्व पर आरोप लगाया कि चुनावी समय में सिहोरा को जिला बनाए जाने की बात सिर्फ एक राजनीतिक चाल थी, जो सत्ता में आने के बाद भुला दी गई। समिति ने स्पष्ट कहा कि यदि भाजपा का इरादा सही है, तो सभी जनप्रतिनिधियों को एकजुट होकर सरकार के समक्ष सिहोरा को जिला बनाने की मांग को मजबूती से रखना चाहिए।
प्रदर्शन के दौरान मंडल अध्यक्ष सतीश पटेल ने प्रदर्शनकारियों को समझाने का प्रयास किया और कहा कि भाजपा इस विषय को लेकर गंभीर है। उन्होंने आश्वासन दिया कि विधायक संतोष बरकड़े के नेतृत्व में अगले तीन से चार दिनों में इस दिशा में निर्णायक पहल की जाएगी। मंडल अध्यक्ष ने यह भी कहा कि पार्टी ने सिहोरा को जिला बनाए जाने के पक्ष में अपनी रणनीति तैयार कर ली है और इसे लागू करने के लिए सभी स्तरों पर प्रयास किए जाएंगे।
आंदोलन समिति ने आने वाले कार्यक्रमों की भी घोषणा कर दी है। समिति ने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के निवास पर प्रदर्शन का यह पहला चरण था। इसके बाद दूसरे चरण में जबलपुर स्थित भाजपा संभागीय कार्यालय और भोपाल स्थित प्रांतीय कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जाएगा। वहां भी शंख, घंटा और थाली बजाकर सिहोरा के लिए जिला दर्जा मांगा जाएगा। समिति का कहना है कि यह प्रदर्शन सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक तरीके से जनभावनाओं की अभिव्यक्ति है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
शनिवार को हुए इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों और समिति सदस्यों ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख सदस्यों में विकास दुबे, अनिल जैन, मोहन सोंधिया, अनिल खंपरिया, कृष्णकुमार कुररिया, आशीष भार्गव, प्रदीप दुबे, संजय पाठक, संतोष वर्मा, संतोष पांडे, रामजी शुक्ला, कंचन सेठ, रवि दुबे, चेतराम विश्वकर्मा, सानू गौतम, श्रेयांश जैन सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं, बल्कि उस वादे के समर्थन में है, जो सिहोरा की जनता से किया गया था। यदि वादा निभाया जाता है, तो यह जनता की जीत होगी, और यदि नहीं, तो संघर्ष का अगला चरण और भी व्यापक होगा।