अन्नदाता की सुध लेने वाला कोई नहीं, नटेरन विद्युत विभाग की लापरवाही से किसान बेहाल।

 अन्नदाता की सुध लेने वाला कोई नहीं, नटेरन विद्युत विभाग की लापरवाही से किसान बेहाल।

खराब खंभों और टूटी लाइन से बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप, फसलें सूखी, खेत बंजर, किसान परेशान।

नटेरन,ग्रामीण खबर mp:

विदिशा जिले के नटेरन तहसील अंतर्गत विद्युत विभाग की घोर लापरवाही का शिकार हो रहे हैं इलाके के दर्जनों किसान। ग्राम खैराई से बेलानारा तक जाने वाली विद्युत सप्लाई लाइन के जर्जर खंभे आखिरकार बीते दिनों आई आंधी और तेज़ हवा में खेतों में जा गिरे, जिससे पूरे क्षेत्र की विद्युत व्यवस्था पूरी तरह ठप हो गई। इस घटना को बीस दिन से भी अधिक हो चुके हैं लेकिन आज तक न तो खंभे बदले गए, न तार हटाए गए और न ही बिजली आपूर्ति बहाल हुई है।

ग्रामीणों के अनुसार, बिजली बंद होने से सबसे अधिक नुकसान उन्हें हुआ है जिनकी आजीविका पूरी तरह खेती पर निर्भर है। सब्जी की फसलें जो सिंचाई के इंतज़ार में थीं, पानी के अभाव में सूख चुकी हैं। किसानों ने बताया कि बिजली के बिना पंप नहीं चल पा रहे, और खेतों की जुताई तक नहीं हो पा रही। टूटे हुए खंभे खेतों में बेतरतीब तरीके से गिरे हुए हैं और उनके साथ फैली हुई तारें जानवरों और किसानों दोनों के लिए जानलेवा बन चुकी हैं। कई बार पशु तारों में उलझ चुके हैं, जिससे भारी नुकसान हुआ है।

किसान ओमकार जाटव, इमरत सिंह कुशवाहा, पूरन सिंह रघुवंशी, हरि सिंह कुशवाहा, हिम्मत सिंह रघुवंशी, मोहर सिंह कुशवाहा, बाबूलाल साहू, पप्पू साहू, सुमित साहू समेत दर्जनों किसानों ने नटेरन विद्युत विभाग में लिखित शिकायत दर्ज करवाई, लेकिन अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। किसानों का कहना है कि जब वे विभाग में शिकायत लेकर जाते हैं, तो उन्हें आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिलता।

कुछ किसानों ने अपनी बात शासन-प्रशासन तक पहुंचाने के लिए सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज की है, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। किसान हरि सिंह कोरी, जो खेत पर ही रहकर निर्माण कार्य करवा रहे हैं, उन्हें बिजली न होने से भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। उनका कहना है कि न सिर्फ फसल बर्बाद हो रही है, बल्कि घर बनाने का काम भी अधर में लटक गया है।

इलाके के अन्य किसान भी इसी स्थिति से गुजर रहे हैं। बिजली विभाग की उदासीनता के कारण गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है। पीने के पानी की भी भारी किल्लत हो गई है क्योंकि हैंडपंप और मोटर नहीं चल पा रहे। पशुओं के लिए पानी जुटाना भी मुश्किल हो गया है।

किसानों ने संयुक्त रूप से प्रशासन से यह मांग की है कि इस समस्या का तुरंत संज्ञान लेकर टूटे हुए खंभों को हटाकर नए खंभे लगाए जाएं, तारें व्यवस्थित कर विद्युत आपूर्ति बहाल की जाए। उनका कहना है कि यदि जल्दी समाधान नहीं हुआ, तो वे सामूहिक रूप से धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

सरकार द्वारा किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के दावे तब खोखले लगने लगते हैं जब ज़मीनी स्तर पर उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। यह घटना सिर्फ एक गांव की नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही और संवेदनहीनता की प्रतीक है।


ग्रामीण खबर एमपी
विदिशा जिला सह ब्यूरो चीफ मायावती अहिरवार।

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