प्रदत्त पंक्ति- खत्म करों आतंकी धंधे,वर्ना तुम मिट जाओगे।।
कटनी:
इस धरती पर दुश्मन कब तक,तुम आतंक मचाओगे।
खत्म करो आतंकी धंधे, वर्ना तुम मिट जाओगे।।
गांधी सुभाष का भारत है, जग में सबसे न्यारा है।
सत्य अहिंसा पथ पर चलता, दुनिया में यह प्यारा है।।
खून खराबा बंद करो अब, वर्ना फाँसी पाओगे ।
खत्म करो आतंकी धंधे, वर्ना तुम मिट जाओगे।।
सीमा पर बम बरसाते हो, जन निर्दोष यहाॅं मरते।
कायर छिपकर गोली मारे, सेना से ही वह डरते ।।
गीदड़ भभकी देते रहते, मुंह की आज खाओगे।
खत्म करो आतंकी धंधे, वर्ना तुम मिट जाओगे।।
पहलगांव में धर्म जानकर, देखो मारी है गोली।
मासूमों की मां रोती है,खेले तुम खूनी होली।।
शर्मसार मानवता होती, सुनलो तुम पछताओगे।
खत्म करो आतंकी धंधे, वर्ना तुम मिट जाओगे।।
देश दुखी है निंदा करता,परिजन सबने है खोया।
ढूँढ-ढूँढ कर मारो मोदी, फूट फूट हर मन रोया ।।
आग लगाई खुद ही तुमने, तुम ही चिता जलाओगे ।
खत्म करो आतंकी धंधे, वर्ना तुम मिट जाओगे।।