भीषण गर्मी में भी शिक्षकों का समर्पण: बच्चों को स्कूल भेजने घर-घर कर रहे संपर्क।
शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने शिक्षकों का अभिनव प्रयास, अभिभावकों को किया जा रहा प्रेरित।
सिहोरा:
शिक्षा विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सिहोरा विकासखंड में शिक्षकों द्वारा बच्चों की शैक्षणिक उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। विकासखंड शिक्षा अधिकारी अरविंद धुर्वे, बीआरसी बृजेश श्रीवास्तव तथा बीएसी अश्वनी उपाध्याय और राकेश मिश्रा के मार्गदर्शन में शिक्षकों को घर-घर जाकर अभिभावकों से संपर्क कर बच्चों को नियमित रूप से स्कूल भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
इसी कड़ी में जनशिक्षा केंद्र खितौला बाजार अंतर्गत प्राचार्य जे.एल. खांडे एवं जनशिक्षक श्यामराव मांडेलकर के नेतृत्व में वार्ड क्रमांक 13, 14 (लखराम), 15 (खितौला बाजार), 16 एवं 17 क्षेत्रों में शासकीय प्राथमिक शाला लखराम, उमरिया नाका और माध्यमिक शाला खितौला बस्ती के शिक्षकों द्वारा सक्रिय रूप से गृह संपर्क किया जा रहा है। शिक्षक, गर्मी की परवाह किए बिना, बसाहटों में जाकर अभिभावकों से मिल रहे हैं और उन्हें समझा रहे हैं कि बच्चों की शिक्षा में निरंतरता आवश्यक है।
हालांकि इस कार्य में उन्हें अनेक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ रहा है। कुछ अभिभावक भीषण गर्मी के चलते बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं, वहीं कुछ माता-पिता अपनी आजीविका के लिए बाहर जाते हैं, जिससे बच्चों की निगरानी नहीं हो पाती। इसके अलावा कई बच्चे गर्मी की छुट्टियों में अपने रिश्तेदारों के यहां गए हुए हैं।
इन सब कठिनाइयों के बावजूद शिक्षक शिक्षा के महत्व को समझाते हुए लगातार प्रयासरत हैं। अभिभावकों ने भी शिक्षकों के इस समर्पण की सराहना की है और आश्वासन दिया है कि वे अपने बच्चों को स्कूल भेजने का पूरा प्रयास करेंगे। अब यह देखना शेष है कि यह प्रयास कितनी सार्थकता लाते हैं और कितने बच्चे नियमित रूप से विद्यालय पहुंचते हैं।
गृह संपर्क अभियान में जिन शिक्षकों ने विशेष सक्रियता दिखाई है, उनमें योगेन्द्र कुमार मिश्रा, तहमीना बानो अंसारी, जय प्रकाश तिवारी, मंजू दुबे, सरोज पटेल, अतिथि शिक्षक योगेश्वरी श्रीवास्तव, बलराम बर्मन, लीलावती उरमलिया, माया विश्वकर्मा, धनवंती जैसवानी, सरोज गौतम, विष्णु पटेल, ममता पाण्डे, विजय लक्ष्मी सोनी, रेखा देवी गर्ग तथा प्राथमिक शाला डाबू की शिक्षिकाएं निर्मल सोनी एवं सुशीला कोरी की भूमिका उल्लेखनीय रही है।