संजीवनी 1962: पशुओं के उपचार हेतु विदिशा जिले में तत्पर सेवा।

 संजीवनी 1962: पशुओं के उपचार हेतु विदिशा जिले में तत्पर सेवा।

टोल फ्री नंबर से मिल रही त्वरित चिकित्सा सेवा, शीत लहर से बचाव के लिए विशेष निर्देश।

विदिशा:

विदिशा जिले में पशुओं के उपचार के लिए टोल फ्री सेवा संजीवनी 1962 के तहत सूचनाओं के आधार पर पशु चिकित्सकों द्वारा त्वरित उपचार किया जा रहा है। पशुपालन विभाग के उप संचालक डाॅ. एनके शुक्ला ने जानकारी दी कि जिले के पशुपालकों को इस सेवा के बारे में सुगमता से जानकारी देने के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। साथ ही, जिले में जारी पशुगणना के दौरान भी संजीवनी 1962 की जानकारी दी जा रही है, जिससे अधिक से अधिक पशुपालक इस सुविधा का लाभ उठा सकें।

.           ठंड से बचाव के लिए सुझाव:

डाॅ. शुक्ला ने जिले के सभी पशुपालकों से अपील की है कि वे शीत लहर और ठंड से पशुधन की सुरक्षा के लिए विशेष सावधानी बरतें। उन्होंने बताया कि सर्दियों में पशुओं को ठंड से बचाने के लिए उन्हें जूट की बोरी या मोटे कपड़ों से ढकें। ठंडी और प्रतिकूल हवाओं से बचाने के लिए सुरक्षित आश्रय स्थलों का निर्माण करें। फर्शी जमीन पर सूखी घास या बिछावन डालें ताकि पशु आराम से बैठ सकें।

उन्होंने पशुओं के आहार में गुड़, हरा चारा, खली और दाना शामिल करने पर जोर दिया। इसके अलावा, शीतकाल में साफ-सफाई और नियमित देखभाल की आवश्यकता पर बल दिया गया है। पशुपालकों को अपने पशुधन की स्वास्थ्य निगरानी करने और आवश्यक सावधानियां बरतने के लिए जागरूक किया गया है।  


रिपोर्ट:यशवंत सिंह रघुवंशी, विदिशा जिला ब्यूरो, ग्रामीण खबर MP

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