स्वस्थ शरीर हेतु आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण जागरूकता कार्यक्रम आयोजित।
राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत महिलाओं और बच्चों को दिया गया संतुलित आहार का संदेश।
सिलौंडी,ग्रामीण खबर MP।
महिला एवं बाल विकास विभाग एकीकृत परियोजना ढीमरखेड़ा के अंतर्गत राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों पर विविध गतिविधियाँ लगातार आयोजित की जा रही हैं। इसी कड़ी में सिलौंडी सेक्टर के आंगनवाड़ी केंद्र भारत नगर में एक विशेष पोषण जागरूकता कार्यक्रम संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों को संतुलित आहार, पोषणयुक्त खाद्य पदार्थों के महत्व तथा स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की दिशा में जागरूक करना था।
आंगनवाड़ी केंद्र को आकर्षक रंगोली और स्थानीय सजावट से सजाया गया। यहाँ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने उपस्थित महिलाओं को विस्तारपूर्वक बताया कि किस प्रकार छोटे-छोटे खानपान के बदलाव बच्चों के स्वास्थ्य और उनकी वृद्धि पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं। यह समझाया गया कि शरीर को आवश्यक ऊर्जा, विटामिन और खनिज प्राप्त करने के लिए भोजन में दालें, हरी सब्जियाँ, दूध, अंडा, फल, अनाज और स्थानीय मौसमी उत्पादों को अवश्य शामिल करना चाहिए। संतुलित आहार से बच्चे न केवल रोगों से बचे रहते हैं बल्कि उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी सुचारु रूप से होता है।
कार्यक्रम के दौरान आंगनवाड़ी केंद्र पर पहुँची महिलाओं और बच्चों का वजन भी किया गया। वजन की जाँच से यह आकलन किया गया कि बच्चों की पोषण स्थिति कैसी है। जिन बच्चों की स्थिति कमजोर पाई गई, उनके परिवारों को अतिरिक्त देखभाल करने की सलाह दी गई। पर्यवेक्षक आरती यादव ने पोषण अभियान की थीम के अनुसार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध उत्पादों, खिलौनों और पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उपयोग पर विशेष बल दिया। उन्होंने समझाया कि यदि बच्चों में कुपोषण के लक्षण दिखें तो उन्हें विलंब न करते हुए एनआरसी में भर्ती कराना आवश्यक है, जिससे उचित उपचार और आहार के माध्यम से बच्चों को सामान्य स्थिति में लाया जा सके।
इस अवसर पर सरपंच पंचों संतोष कुमार ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों का स्वास्थ्य केवल परिवार की ही नहीं बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। उन्होंने आह्वान किया कि महिलाएँ घर में बने पौष्टिक व्यंजनों को बच्चों को खिलाएँ और बाहर के तैलीय व पैकेज्ड खाद्य पदार्थों से परहेज़ करें। सचिव देव राज धनगर ने भी महिलाओं को जागरूक करते हुए बताया कि गर्भवती और धात्री माताओं को विशेष रूप से संतुलित आहार लेना चाहिए, ताकि गर्भस्थ शिशु का विकास अच्छे ढंग से हो सके।
कार्यक्रम में सुपरवाइजर अनीता प्रधान, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मीना महोबिया, आशा साहू, विनीता राय, सावित्री नामदेव, रीना राय सहित सहायिका महिलाएँ उपस्थित रहीं। सभी ने मिलकर यह संदेश दिया कि पोषण का सीधा संबंध समाज के भविष्य से है। कुपोषण को जड़ से समाप्त करने के लिए प्रत्येक परिवार को सजग रहना होगा और बच्चों को हर दिन पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराना होगा।
इस जागरूकता कार्यक्रम ने न केवल उपस्थित महिलाओं को बल्कि बच्चों को भी प्रेरित किया कि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें। कार्यक्रम का समापन सामूहिक संकल्प के साथ हुआ कि गाँव के प्रत्येक घर तक पोषण का संदेश पहुँचाया जाएगा और बच्चों के स्वस्थ भविष्य के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
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