जैविक सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण परीक्षा संपन्न।
32 महिलाओं ने 12 दिवसीय प्रशिक्षण पूरा कर लिखित और मौखिक परीक्षा दी।
शहडोल,ग्रामीण खबर MP:
जिले में स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान शहडोल में 12 दिवसीय जैविक सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन प्रशिक्षण का सफल समापन परीक्षा के साथ किया गया। यह प्रशिक्षण मध्य प्रदेश शासन ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत आयोजित किया गया था, जिसमें सोहागपुर, बुढार, जयसिंहनगर, व्यौहारी और गोहपारू विकासखंडों से आई 32 महिलाओं ने भाग लिया। ये सभी महिलाएं गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली स्व-सहायता समूहों से जुड़ी हुई हैं।
संस्था के संचालक संजय पुंडलिक के मार्गदर्शन में आयोजित इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और जैविक पद्धतियों की जानकारी देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना और स्वरोजगार स्थापित करने के लिए प्रेरित करना था। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को यह सिखाया गया कि कैसे वे आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सब्जियों का उत्पादन बढ़ा सकती हैं, नर्सरी प्रबंधन से अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकती हैं और जैविक पद्धति अपनाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखते हुए पर्यावरण को भी सुरक्षित रख सकती हैं।
प्रशिक्षण के पश्चात परीक्षा का आयोजन ओम प्रकाश चतुर्वेदी, परीक्षा नियंत्रक एवं प्रमाणीकरण रूडसेटी, भारत सरकार भोपाल के निर्देशन में किया गया। परीक्षा दो चरणों में हुई—लिखित एवं मौखिक। सब्जी उत्पादन एवं नर्सरी प्रबंधन से संबंधित परीक्षा का संचालन कटनी से आए परीक्षक राम सुख दुबे ने किया, वहीं बैंकिंग संबंधी विषयों पर परीक्षा शहडोल के पवन कुमार पांडे द्वारा ली गई।
लिखित और मौखिक परीक्षा के अंतर्गत प्रतिभागियों का मूल्यांकन विभिन्न बिंदुओं पर किया गया। इसमें नर्सरी प्रबंधन की तकनीकें, विभिन्न सब्जियों के बीजों की किस्में और उनकी विशेषताएं, सब्जी उत्पादन से जुड़ी लाभकारी बातें, सब्जियों में लगने वाले रोग और कीटों की पहचान एवं उनका जैविक नियंत्रण शामिल था। इसके अतिरिक्त महिलाओं को मिट्टी परीक्षण की विधियां, जैविक खाद एवं कीटनाशक का निर्माण और उनका फसलों में उपयोग, मल्चिंग तकनीक, प्लास्टिक मल्चिंग, स्प्रिंकलर और ड्रिप जैसी सिंचाई प्रणालियां तथा पाली हाउस की जानकारी भी दी गई।
प्रशिक्षण के दौरान केवल खेती-किसानी ही नहीं बल्कि बैंकिंग एवं वित्तीय साक्षरता से जुड़े विषयों पर भी महिलाओं को प्रशिक्षित किया गया। इसमें उद्यमशील व्यक्तियों की विशेषताओं की पहचान, बैंकों में उपलब्ध विभिन्न प्रकार के खाते, बीमा योजनाएं और बैंकिंग से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल रहीं। इससे महिलाओं को भविष्य में स्वरोजगार स्थापित करने और आर्थिक प्रबंधन में सहूलियत होगी।
संस्था के कर्मचारी दुर्गेश गुप्ता, नरेश सोधीया और अंजली गुप्ता ने पूरे प्रशिक्षण और परीक्षा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया। प्रशिक्षण के इस कार्यक्रम ने न केवल प्रतिभागी महिलाओं के आत्मविश्वास को बढ़ाया बल्कि उन्हें यह विश्वास भी दिलाया कि जैविक पद्धति से सब्जी उत्पादन और नर्सरी प्रबंधन उनके लिए स्वरोजगार का मजबूत आधार बन सकता है।
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