गोसलपुर में मुख्यमंत्री के आदेशों का उल्लंघन,पुलिस की निस्सक्रियता के बीच सड़क पर लग रहा मछली बाजार।
मंदिर से सटे मार्ग पर खुलेआम मछली की दुकानें, आस्था को ठेस और यातायात बाधित; शिकायतों के बावजूद कार्रवाई से बचता प्रशासन।
सिहोरा,ग्रामीण खबर MP:
जनपद पंचायत सिहोरा के अंतर्गत आने वाले गोसलपुर में हर बुधवार को लगने वाला साप्ताहिक बाजार इस समय लोगों के लिए परेशानी और आक्रोश का कारण बना हुआ है। बाबा रामदास समाधि स्थल मंदिर और पुराने राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे स्थान पर खुलेआम मछली बाजार सजता है। इससे न केवल धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुँच रही है बल्कि यातायात व्यवस्था भी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो रही है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पद संभालते ही प्रदेश के थाना प्रभारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए थे कि प्रदेश में किसी भी स्थिति में खुले में मांस-मछली की बिक्री नहीं होगी। लेकिन गोसलपुर में इन आदेशों की खुलेआम धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं। विक्रेता सड़क पर दुकानें सजाकर बेखौफ तरीके से व्यापार कर रहे हैं और स्थानीय पुलिस प्रशासन इस गंभीर स्थिति पर आँखें मूँदे बैठा है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि मंदिर के बगल में मछली की दुकान लगना श्रद्धालुओं के लिए आस्था का अपमान है। बाबा रामदास समाधि स्थल पूरे क्षेत्र का आस्था केंद्र माना जाता है, और मंदिर परिसर के पास इस तरह की गतिविधि आम जनमानस की भावनाओं को आहत कर रही है। यही नहीं, मछली खरीदने वाले ग्राहक सड़क के बीचो-बीच अपने वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे घंटों जाम की स्थिति बनी रहती है। कई बार तो इस अव्यवस्था के कारण दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं।
शंकर कॉलोनी के निवासी बताते हैं कि उन्हें झंडा बाजार बस स्टैंड जाने के लिए इसी मार्ग का उपयोग करना पड़ता है, और बाजार के दिन यहां से गुजरना किसी चुनौती से कम नहीं होता। लगातार जाम और भीड़भाड़ के कारण बुजुर्ग, महिलाएं और विद्यार्थी सबसे अधिक परेशान होते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस समस्या के निराकरण के लिए कई बार ग्राम पंचायत, पुलिस प्रशासन और बाजार ठेकेदार को शिकायत दी गई लेकिन हर बार मामले को नजरअंदाज कर दिया गया।
गोसलपुर निवासी बहादुर सिंह, रवि तिवारी, जे.एल. कोष्टा, पुरुषोत्तम असाटी, शीतल चौरसिया, मेजर सेन, पवन बर्मन, लटोरी साहू, कमलेश रजक, कमला पटैल और रामकिशोर विश्वकर्मा ने एकजुट होकर पुलिस अधीक्षक जबलपुर से गुहार लगाई है कि मामले को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए। उनका कहना है कि यदि प्रशासन और पुलिस समय रहते कार्रवाई नहीं करती तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है।
ग्राम पंचायत गोसलपुर के सचिव प्रदीप यादव ने स्वीकार किया कि साप्ताहिक बाजार के दिन सड़क पर मछली बाजार लगने की शिकायत प्राप्त हुई है। संबंधित बाजार ठेकेदार को इस संबंध में आवश्यक निर्देश जारी किए जाएंगे।”
लेकिन क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि केवल आश्वासन से स्थिति नहीं सुधरने वाली। बार-बार शिकायतों और आश्वासनों के बावजूद यदि स्थिति जस की तस बनी रहती है तो यह स्पष्ट है कि पुलिस और प्रशासन निस्सक्रिय होकर अपने कर्तव्य से बच रहे हैं।
जनमानस की अब एकजुट मांग है कि मंदिर और मुख्य मार्ग से तुरंत प्रभाव से मछली बाजार हटाया जाए, ताकि धार्मिक आस्थाओं का सम्मान सुरक्षित रहे और आम लोगों को यातायात की समस्या से राहत मिल सके। साथ ही लोग यह भी अपेक्षा कर रहे हैं कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करवाने में प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाए और दोषी विक्रेताओं पर सख्त कार्रवाई करे।
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