सिवनी जिले में 13 दिवसीय कृषि उद्यमी प्रशिक्षण के बाद आयोजित परीक्षा सफलतापूर्वक सम्पन्न: ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की अनूठी पहल।

 सिवनी जिले में 13 दिवसीय कृषि उद्यमी प्रशिक्षण के बाद आयोजित परीक्षा सफलतापूर्वक सम्पन्न: ग्रामीण युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की अनूठी पहल।

रुडसेटी एवं ग्रामीण आजीविका मिशन के संयुक्त प्रयास से सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया संस्थान में 35 प्रशिक्षणार्थियों को मिला कृषि व्यवसाय का गहन प्रशिक्षण, 28 हुए उत्तीर्ण।

सिवनी,ग्रामीण खबर MP:

कृषि क्षेत्र में नवाचार, स्वरोजगार एवं आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश शासन की पहल पर सिवनी जिले में ग्रामीण आजीविका मिशन एवं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (रुडसेटी) के संयुक्त तत्वावधान में 13 दिवसीय कृषि उद्यमी प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान प्रबंधक कुलदीप सिंह के मार्गदर्शन में किया गया।

यह प्रशिक्षण सिवनी जिले के विभिन्न विकासखंडों से चयनित 35 महिला एवं पुरुष प्रशिक्षणार्थियों के लिए आयोजित किया गया, जिनका चयन स्थानीय स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वरोजगार की संभावनाओं को देखते हुए किया गया था। प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य था कि प्रतिभागी कृषि के पारंपरिक तरीकों से हटकर आधुनिक, वैज्ञानिक, जैविक एवं व्यवसायिक दृष्टिकोण अपनाएं ताकि वे स्वयं का कृषि आधारित व्यवसाय प्रारंभ कर सकें।

प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षणार्थियों को कृषि के विविध विषयों की गहराई से जानकारी दी गई। जलवायु अनुकूल खेती, भूमि के प्रकार, पोषक तत्वों की पहचान, मिट्टी परीक्षण की विधि, जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशकों का निर्माण और प्रयोग, कीट एवं रोग नियंत्रण, और जैविक खेती की वैज्ञानिक पद्धतियों का अभ्यास कराया गया। प्रशिक्षण में खाद्यान्न, दलहन, तिलहन एवं सब्जी फसलों की नवीनतम तकनीकों के साथ-साथ सिंचाई पद्धतियों जैसे स्प्रिंकलर, टपक सिंचाई प्रणाली और शुष्क भूमि कृषि पर भी विशेष ध्यान दिया गया।

लघु एवं सीमांत किसानों के लिए एकीकृत कृषि प्रणाली की व्यावहारिक उपयोगिता, औषधीय एवं सुगंधित पौधों की खेती, पुष्प उत्पादन, पशुपालन तथा नर्सरी प्रबंधन जैसे विषयों को भी विस्तार से समझाया गया। इसके अतिरिक्त पादप प्रसार तकनीकों जैसे ग्राफ्टिंग, बडिंग, लेयरिंग की तकनीकी जानकारी और उनके व्यवसायिक उपयोग की विधियाँ भी सिखाई गईं।

प्रशिक्षण में विशेष रूप से जैविक खेती के लाभ, भूमि, मानव और पर्यावरण पर रासायनिक खादों के दुष्प्रभाव, तथा पारंपरिक जैविक कीटनाशकों जैसे गोमूत्र, नीम की पत्तियां, पंचपत्ती काढ़ा, नीमाष्ट्र, ब्रह्मास्त्र और अग्नियास्त्र इत्यादि के निर्माण एवं प्रयोग की विधियों पर व्यावहारिक सत्र आयोजित किए गए। इससे प्रतिभागियों में जैविक खेती के प्रति उत्साह और विश्वास दोनों का संचार हुआ।

प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात परीक्षा का आयोजन किया गया जिसमें कृषि से संबंधित विषयों की लिखित एवं मौखिक परीक्षा ली गई। यह परीक्षा परीक्षा नियंत्रक ओम प्रकाश चतुर्वेदी (प्रमाणीकरण अधिकारी, रुडसेटी, ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार, भोपाल) के निर्देशन में आयोजित की गई। परीक्षा में कृषि विषयों का मूल्यांकन रामसुख दुबे (परीक्षक, कटनी) द्वारा तथा बैंकिंग एवं वित्तीय साक्षरता का मूल्यांकन गौरव डेहरिया (छिंदवाड़ा) द्वारा किया गया।

परीक्षा में कुल 35 में से 28 प्रशिक्षणार्थी सफल घोषित किए गए। इस उपलब्धि ने प्रतिभागियों के मनोबल को दृढ़ किया और उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक सशक्त कदम बढ़ाने का विश्वास दिलाया। परीक्षा आयोजन एवं प्रशिक्षण समन्वय में पवन सनोडिया एवं पूजा शर्मा का सराहनीय योगदान रहा, जिनके सतत प्रयासों से यह कार्यक्रम सुव्यवस्थित रूप से संपन्न हुआ।

प्रशिक्षण के समापन अवसर पर प्रतिभागियों ने संस्थान, बैंक, एवं शासन का आभार प्रकट किया और आश्वस्त किया कि वे अब अपने गांवों में कृषि व्यवसाय स्थापित कर न केवल स्वयं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, बल्कि दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।

यह पहल सिवनी जिले में ग्रामीण विकास और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अनुकरणीय उदाहरण बनकर सामने आई है।

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