सिलौंडी सरपंच की घोर लापरवाही से आदिवासी मोहल्ला सड़क विहीन,कीचड़ में फंसी ज़िंदगी।

 सिलौंडी सरपंच की घोर लापरवाही से आदिवासी मोहल्ला सड़क विहीन,कीचड़ में फंसी ज़िंदगी।

छोटी मढिया से इंदिरा आवास कॉलोनी तक जर्जर मार्ग से रोज हो रहे हादसे, पंचायत चुप्पी साधे बैठी।

सिलौंडी,ग्रामीण खबर mp:

ग्राम पंचायत सिलौंडी में विकास के नाम पर हो रहा ढोंग अब खुलकर सामने आने लगा है। पंचायत क्षेत्र के आदिवासी बाहुल्य मोहल्ला इंदिरा आवास कॉलोनी की ओर जाने वाला मार्ग छोटी मढिया से लेकर कॉलोनी तक पूरी तरह जर्जर हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद ग्राम पंचायत की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।

इस मार्ग की स्थिति इस कदर खराब हो चुकी है कि ग्रामीणों को अब अपने बच्चों को स्कूल भेजना, खेतों में जाना, अस्पताल पहुंचना या दैनिक ज़रूरतों के लिए घर से निकलना भी एक संघर्ष बन गया है। जगह-जगह कीचड़ और पानी भराव के चलते न केवल पैदल चलना मुश्किल है बल्कि दोपहिया वाहन भी रोज फिसल कर गिरते हैं। इस मार्ग पर आए दिन महिलाएं, बच्चे, बुज़ुर्ग घायल हो रहे हैं।

पंच वीरेंद्र कोल एवं पंच रघुवीर सिंह ने बताया कि यह समस्या नई नहीं है। ग्राम पंचायत को कई बार मौखिक और लिखित रूप में इस जर्जर मार्ग की मरम्मत और निर्माण की मांग की जा चुकी है, लेकिन आज तक पंचायत और विशेष रूप से सरपंच द्वारा कोई कार्य नहीं किया गया। उनकी घोर लापरवाही और उदासीन रवैये के कारण इस मोहल्ले के लोग बुनियादी सुविधा से भी वंचित हैं।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मार्ग न केवल आदिवासी बस्तियों को जोड़ता है, बल्कि सैकड़ों किसानों के खेतों तक पहुंच का भी एकमात्र रास्ता है। बारिश के मौसम में हालात और बदतर हो जाते हैं। कॉलोनी के रहवासियों को कीचड़ भरे रास्तों से होकर स्कूल, अस्पताल और कामकाज के स्थानों तक पहुंचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

सबसे चिंताजनक बात यह है कि जब भी कोई दुर्घटना होती है और बात प्रशासन या जनप्रतिनिधियों तक पहुंचती है, तो केवल आश्वासन ही मिलते हैं, कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती। सरपंच का बार-बार शिकायतों के बाद भी मौन रहना और समस्या को नज़रअंदाज़ करना ग्रामीणों के आक्रोश को बढ़ा रहा है।

ग्राम पंचायत के सचिव देव राज धनगर ने बताया कि मेरी नियुक्ति हाल ही में हुई है और मुझे इस समस्या की गंभीरता का अंदाजा हो गया है। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति का जायज़ा लेकर प्रस्ताव तैयार करुंगा और शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित करूंगा।

लेकिन ग्रामीणों की सीधी मांग है कि अब केवल आश्वासन नहीं, ठोस परिणाम चाहिए। सिलौंडी जैसी ग्राम पंचायत में यदि मूलभूत सुविधाएं भी नहीं हैं, तो सरपंच की भूमिका पर प्रश्नचिह्न लगना स्वाभाविक है।

ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि यदि पंचायत इस मार्ग को शीघ्र नहीं बनवाती, तो वे सामूहिक आंदोलन और सड़क पर उतरने के लिए मजबूर होंगे। यह केवल सड़क का मुद्दा नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन जीने के अधिकार का सवाल बन चुका है।

प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp

संपर्क सूत्र:9977110734

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