घटवाई-बेलानारा मार्ग की अधूरी पुलिया और कीचड़ भरे रास्ते से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, जान जोखिम में डालकर रोजाना निकलने को मजबूर राहगीर।

 घटवाई-बेलानारा मार्ग की अधूरी पुलिया और कीचड़ भरे रास्ते से ग्रामीणों की बढ़ी मुश्किलें, जान जोखिम में डालकर रोजाना निकलने को मजबूर राहगीर।

पुलिया के दोनों सिरों पर पाइप न जुड़ने से बनी गहरी खाई, स्कूली बच्चों से लेकर एम्बुलेंस तक की आवाजाही पर खतरा।

विदिशा,ग्रामीण खबर mp:

विदिशा जिले के जनपद पंचायत नटेरन की ग्राम पंचायत घटवाई क्षेत्र में वर्षों से बदहाल सड़क और अधूरी पुलिया ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी में परेशानी और जोखिम का कारण बनी हुई है। अशोकनगर मार्ग के बस स्टॉप बेलानारा घटवाई से बेलानारा जाने वाले मुख्य मार्ग पर बनी पुलिया में तकनीकी खामियां और निर्माण की लापरवाही स्पष्ट रूप से नजर आती है। पुलिया के दोनों सिरे पर पाइपों का मुंह जोड़ा ही नहीं गया, जिसके कारण वहां गहरी खाई जैसी स्थिति निर्मित हो गई है, जो कभी भी किसी गंभीर हादसे का कारण बन सकती है।

इस पुलिया से होकर जाने वाला रास्ता पूरी तरह से कीचड़ और दलदल में तब्दील हो चुका है। बरसात के मौसम में यह समस्या और भी भयावह हो जाती है, जब पानी जमा हो जाता है और मिट्टी गीली होकर फिसलन भरी हो जाती है। ग्रामीणों, विशेषकर स्कूल जाने वाले बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को इस रास्ते से गुजरते समय जान जोखिम में डालनी पड़ती है। कीचड़ के कारण कई बार लोग गिरकर घायल हो चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन और पंचायत प्रतिनिधि इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

बेलानारा और आसपास के गांवों के स्कूली छात्र-छात्राएं इसी रास्ते से प्रतिदिन स्कूल आते-जाते हैं। वहीं, अगर कोई बीमार हो जाए या दुर्घटना हो जाए, तो 100 नंबर पुलिस वाहन और 108 एम्बुलेंस सेवा जैसे आपातकालीन वाहन इस दलदली मार्ग में फंस जाते हैं या वहां तक पहुंच ही नहीं पाते, जिससे ग्रामीणों को गंभीर स्वास्थ्य और सुरक्षा संकट का सामना करना पड़ता है। बीमार व्यक्ति को खाट पर उठाकर मुख्य सड़क तक लाना पड़ता है, जिससे समय की बर्बादी के साथ-साथ स्थिति और बिगड़ने की संभावना बनी रहती है।

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिव को इस समस्या की जानकारी दी है। ग्रामवासियों ने लिखित और मौखिक रूप से निवेदन किया, लेकिन न तो पुलिया की मरम्मत हुई, न ही कीचड़ भरे मार्ग पर कोई ठोस कार्यवाही की गई। ग्रामीण बताते हैं कि कभी जेसीबी मशीन भेजकर थोड़ी बहुत मिट्टी डाल दी जाती है, जो बारिश के साथ बह जाती है और स्थिति पहले से बदतर हो जाती है।

क्षेत्र के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से अपेक्षा थी कि वे समस्या का स्थायी समाधान कराएंगे, लेकिन यह उम्मीद अब धीरे-धीरे टूटती जा रही है। ग्रामीणों को शासन-प्रशासन की अनदेखी पर बेहद दुख और नाराजगी है। कुछ लोगों ने बताया कि वे चुनावी समय में बार-बार वादे सुनते हैं, लेकिन उसके बाद कोई स्थायी हल नहीं निकलता।

गांव की महिलाएं, वृद्ध और छात्र-छात्राएं भी इस समस्या से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। जिन घरों में दोपहिया वाहन हैं, वे भी फिसलन और कीचड़ की वजह से रास्ते पर चलने से डरते हैं। किसी की बाइक फिसलती है तो किसी की साइकिल दलदल में धंस जाती है। कई बार लोगों को नंगे पांव कीचड़ से गुजरकर दूसरी ओर जाना पड़ता है।

ग्रामीणों ने एक बार फिर शासन, प्रशासन और संबंधित विभागों से अपील की है कि इस सड़क और पुलिया की मरम्मत प्राथमिकता के आधार पर करवाई जाए। अधूरी पुलिया के दोनों छोरों को पाइपों से जोड़ा जाए और मार्ग पर मिट्टी, गिट्टी एवं समुचित पानी निकासी व्यवस्था कर उसे सुगम बनाया जाए, ताकि इस संकट से राहत मिल सके।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही इस समस्या का हल नहीं निकाला गया, तो वे मजबूर होकर उग्र आंदोलन या धरना प्रदर्शन का रास्ता अख्तियार करेंगे।


ग्रामीण खबर mp से विदिशा जिला सह ब्यूरो चीफ मायावती अहिरवार।

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