देश के कई राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट, हिमाचल और महाराष्ट्र में रेड चेतावनी।

 देश के कई राज्यों में भारी से अति भारी वर्षा का अलर्ट, हिमाचल और महाराष्ट्र में रेड चेतावनी।

6 व 7 जुलाई को मध्य भारत, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल, महाराष्ट्र सहित अनेक क्षेत्रों में मौसम विभाग ने जारी किया तात्कालिक अलर्ट।

कटनी,ग्रामीण खबर mp:

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी की गई 15 दिवसीय मौसमी पूर्वानुमान रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि देश के कई हिस्सों में आगामी दिनों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना बन रही है। विशेष रूप से 6 और 7 जुलाई के लिए मौसम विभाग ने मध्य भारत, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान और पश्चिमी घाट के विभिन्न क्षेत्रों को लेकर चेतावनी जारी की है।

हिमाचल प्रदेश के तीन प्रमुख जिलों — कांगड़ा, सिरमौर और मंडी — में अत्यधिक वर्षा की आशंका के चलते रेड अलर्ट घोषित किया गया है। इन क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं, सड़कों के ध्वस्त होने, पुलों के क्षतिग्रस्त होने तथा नदियों व नालों के जलस्तर में तीव्र वृद्धि की संभावना जताई गई है। स्थानीय प्रशासन ने सभी संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी बढ़ा दी है। राहत व बचाव दलों को सक्रिय रखा गया है तथा पर्यटन स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है ताकि पर्यटकों को समय रहते सचेत किया जा सके।

महाराष्ट्र के पुणे घाट क्षेत्र में भी मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी करते हुए चेताया है कि 6 व 7 जुलाई को इस क्षेत्र में मूसलाधार बारिश हो सकती है। कोयना घाटी सहित अन्य तटीय व पर्वतीय जिलों में ऑरेंज और येलो अलर्ट घोषित किए गए हैं, जहां गरज-चमक के साथ तेज हवाओं और बिजली गिरने की संभावना है। राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से घरों से बाहर न निकलें और प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें।

मध्य भारत के राज्यों जैसे मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भी भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार 4 जुलाई से लेकर 9 जुलाई तक इन क्षेत्रों में अलग-अलग स्थानों पर भारी से अति भारी बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, जशपुर, कोरबा, मुंगेली तथा गौरेला-पेन्द्रा-मरवाही जिलों में विशेष रूप से 6 और 7 जुलाई को वर्षा का प्रभाव अधिक रहने की चेतावनी दी गई है। इन जिलों में खेतों और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बन सकती है जिससे किसानों की फसलों को नुकसान और आम जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

झारखंड में भी मौसम विभाग ने 13 से अधिक जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है, जिसमें गुमला, सिमडेगा, खूंटी, रांची, लोहरदगा, पश्चिमी व पूर्वी सिंहभूम प्रमुख हैं। राज्य में तेज़ वर्षा के साथ वज्रपात की भी चेतावनी दी गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशासन द्वारा पंचायत स्तर पर मुनादी कर लोगों को सचेत किया जा रहा है।

राजस्थान के कोटा, अजमेर, भरतपुर, धौलपुर सहित कई जिलों में अगले दो दिनों तक भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। प्रदेश के आपदा प्रबंधन विभाग ने जिला कलेक्टरों को सभी जलभराव संभावित क्षेत्रों में ड्रेनेज व्यवस्था और जल निकासी को सक्रिय रखने के निर्देश दिए हैं।

इस दौरान मौसम विशेषज्ञों ने पहाड़ी और तटीय क्षेत्रों में निवासरत एवं यात्रा कर रहे लोगों को आगाह किया है कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी लिए बिना यात्रा पर न निकलें। पर्वतीय इलाकों में भूस्खलन की संभावना के चलते पर्यटकों को वैकल्पिक मार्गों की जानकारी पहले से लेना ज़रूरी बताया गया है।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) तथा राज्य स्तरीय आपदा मोचन बलों को संवेदनशील जिलों में पूर्व तैनात किया जा चुका है। कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेंगे। किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में नागरिक 1078 या स्थानीय हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं।

मौसम विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से नदी, नालों के पास न जाएं, तेज बारिश के दौरान बिजली के खंभों, पेड़ों या जलजमाव वाले इलाकों से दूर रहें। सरकारी विद्यालयों और सामुदायिक भवनों को आपातकालीन शेल्टर के रूप में चिन्हित किया गया है।

वर्तमान स्थिति को देखते हुए प्रशासन, पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग सहित सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड में रखा गया है। जिला आपदा प्रबंधन समिति को निर्देशित किया गया है कि किसी भी स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया सुनिश्चित की जाए।

इस प्रकार स्पष्ट है कि देश के अनेक हिस्सों में मानसून की सक्रियता आने वाले दिनों में जनजीवन पर प्रभाव डाल सकती है। नागरिकों से अपेक्षा की जा रही है कि वे संयम रखें, सतर्क रहें और प्रशासन द्वारा जारी किए जा रहे दिशा-निर्देशों का पालन करें।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर MP

संपर्क सूत्र:9977110734

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