घुघरी में टूटे खंभों की नहीं हुई मरम्मत, पेड़ों से बंधी बिजली की तारों से हो रही आपूर्ति।
एसडीएम को शिकायत के बाद भी नहीं जगी विभाग की नींद, ग्रामीणों की जान जोखिम में, आंदोलन की चेतावनी।
घुघरी,ग्रामीण खबर MP:
कटनी जिले के ढीमरखेड़ा विकासखंड अंतर्गत ग्राम घुघरी में विद्युत विभाग की लापरवाही अब सीधे ग्रामीणों की सुरक्षा पर भारी पड़ रही है। बीते वर्ष वर्षा ऋतु में आई भारी बाढ़ के दौरान गांव में कई स्थानों पर बिजली के खंभे टूट गए थे या झुककर अनुपयोगी हो गए थे। बाढ़ का पानी उतरने के बाद ग्रामीणों को उम्मीद थी कि विद्युत विभाग जल्द ही टूटे खंभों की मरम्मत कर स्थिति सामान्य करेगा, लेकिन दुर्भाग्यवश एक वर्ष बीतने के बाद भी यह काम नहीं हुआ है।
आज भी खंभे जहां के तहाँ टूटे पड़े हैं और कई जगहों पर तो खंभों के स्थान पर पेड़ों का सहारा लेकर बिजली की आपूर्ति की जा रही है। यह अस्थायी व्यवस्था अत्यंत असुरक्षित है। कई तारें इतनी नीची लटकी हुई हैं कि बच्चों, मवेशियों और राहगीरों को करंट लगने का गंभीर खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि बारिश के समय हल्की हवा या गीली शाखाएं तारों से छू जाती हैं, जिससे स्पार्किंग शुरू हो जाती है। इससे न केवल जान-माल का खतरा बढ़ गया है, बल्कि कई घरों में लगे विद्युत उपकरण भी खराब हो चुके हैं।
गांव के लोगों ने कई बार बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर समस्या की जानकारी दी और उन्हें लिखित आवेदन भी सौंपे। इसके बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अंततः 13 जून 2025 को ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व), ढीमरखेड़ा को एक शिकायत पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने स्पष्ट रूप से मांग की कि गांव में तत्काल प्रभाव से टूटे खंभों को बदला जाए और पेड़ों पर लटकी तारों को सुरक्षित तरीके से खंभों पर स्थापित किया जाए।
शिकायत पत्र दिए जाने के आठ दिन बाद तक भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि दूसरी बारिश भी प्रारंभ हो चुकी है। ग्रामीणों का कहना है कि हर वर्ष मानसून में बिजली व्यवस्था चरमराती है, लेकिन इस बार स्थिति और भी गंभीर है, क्योंकि अस्थायी तार व्यवस्था कभी भी बड़ा हादसा करा सकती है। गांव के वरिष्ठ नागरिकों का कहना है कि यदि अब भी प्रशासन या बिजली विभाग गंभीरता नहीं दिखाता, तो किसी भी दिन कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
ग्रामवासियों का यह भी कहना है कि अधिकारियों द्वारा हर बार सिर्फ आश्वासन दिया जाता है, लेकिन धरातल पर कार्य नहीं होता। इसी उदासीन रवैये के कारण आज ग्राम घुघरी के सैकड़ों परिवार खतरे की स्थिति में जीने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो वे संगठित होकर धरना-प्रदर्शन करेंगे और यह मामला उच्च प्रशासनिक एवं राजनीतिक स्तर तक पहुंचाया जाएगा।
गांव की महिलाएं भी इस विषय पर अत्यंत चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि बच्चों को स्कूल भेजते समय डर लगा रहता है कि कहीं सड़क किनारे पेड़ों से लटकी तारें हादसे का कारण न बन जाएं। वहीं, किसान वर्ग जो खेतों में काम करने जाते हैं, वे भी तारों की स्थिति को लेकर दहशत में हैं। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और विभाग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट होता है कि एक सामान्य तकनीकी सुधार कार्य को लेकर भी विभाग कितना सुस्त और गैरजिम्मेदार है। यह न सिर्फ प्रशासनिक अक्षमता को उजागर करता है, बल्कि आम जनता की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ को भी सामने लाता है। यदि समय रहते कार्य नहीं किया गया, तो किसी बड़ी दुर्घटना के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार विद्युत विभाग और स्थानीय प्रशासन होंगे।