अहमदाबाद में भीषण विमान हादसा: एयर इंडिया की लंदन जा रही उड़ान क्रैश, 260 से अधिक की मौत।
टेकऑफ के कुछ सेकंड बाद हादसा, केवल एक यात्री बचा; मेघानीनगर मेडिकल कॉलेज के छात्र भी चपेट में।
अहमदाबाद,ग्रामीण खबर mp:
देश के विमानन इतिहास में दर्ज होने वाली एक और दुखद घटना ने 12 जून की सुबह को मातम में बदल दिया। एयर इंडिया की इंटरनेशनल फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन के गटविक एयरपोर्ट के लिए उड़ान भर रही थी, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद मेघानीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह विमान एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर था, जिसमें कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे।
दुर्घटना इतनी भयावह थी कि विमान सीधा बी.जे. मेडिकल कॉलेज और उससे सटे छात्रावास की इमारतों पर आ गिरा। जोरदार धमाके और आग की लपटों के बीच विमान के टुकड़े-टुकड़े हो गए। घटनास्थल पर तुरंत धुएं का घना गुबार छा गया और चारों तरफ चीख-पुकार मच गई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विमान ने कुछ ऊँचाई पकड़ते ही असंतुलित होकर बाईं ओर झुकना शुरू कर दिया और फिर कुछ ही सेकंड में जोरदार धमाके के साथ ज़मीन पर आ गिरा।
हादसे में विमान में सवार लगभग सभी 241 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। केवल एक यात्री, विश्वश कुमार रमेश, जो कि ब्रिटिश-भारतीय नागरिक हैं और विमान की सीट संख्या 11A पर बैठे थे, ही किसी चमत्कार की तरह जीवित बच पाए। उन्हें मामूली चोटें आईं और उन्हें पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उनकी हालत स्थिर बताई गई है।
विमान का एक बड़ा हिस्सा मेडिकल कॉलेज के छात्रावास पर गिरा, जिससे वहाँ रह रहे कम से कम 5 छात्रों की भी मौके पर मौत हो गई। कई अन्य स्थानीय नागरिक जो आसपास के मकानों में रहते थे, वे भी इस दुर्घटना की चपेट में आ गए। अनुमान के अनुसार दुर्घटना में कुल मृतकों की संख्या 260 से अधिक हो सकती है, जबकि कई घायलों का इलाज अहमदाबाद के विभिन्न अस्पतालों में जारी है।
दुर्घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की 6 टीमें और बीएसएफ की 2 इकाइयाँ तत्काल मौके पर पहुंचीं और बचाव कार्यों में जुट गईं। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड की दर्जनों गाड़ियाँ लगाई गईं, लेकिन विमान के जलने से उत्पन्न तापमान इतना अधिक था कि राहत कार्यकर्ताओं को घंटों तक घटनास्थल के पास पहुंचने में कठिनाई हुई।
शवों की स्थिति बेहद विकट है – कई शव बुरी तरह झुलस चुके हैं, जिससे उनकी पहचान करना मुश्किल हो गया है। डीएनए सैंपल लेकर पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
हादसे के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर यह अफवाह फैल गई कि विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपानी भी सवार थे, लेकिन बाद में यह खबर निराधार निकली। राज्य सरकार और एयर इंडिया ने संयुक्त रूप से इस बात की पुष्टि की कि किसी भी प्रमुख राजनीतिक या विशिष्ट हस्ती की इस उड़ान में उपस्थिति नहीं थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को तत्काल जांच के आदेश दिए गए हैं। एयर इंडिया ने मृतकों के परिजनों को त्वरित मुआवजा देने और हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया है। वहीं, घटना के तकनीकी कारणों की भी गहन जांच शुरू कर दी गई है।
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार उड़ान ने सुबह 6:35 पर रनवे से टेकऑफ किया था, और महज 31 सेकंड में रडार से संपर्क टूट गया था। तकनीकी खराबी या पायलट की त्रुटि – इन दोनों ही बिंदुओं पर जांच एजेंसियाँ गंभीरता से काम कर रही हैं। ब्लैक बॉक्स को बरामद कर लिया गया है और उसकी डेटा विश्लेषण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
दुर्घटनाग्रस्त विमान की उम्र लगभग 9 वर्ष बताई गई है, और उसकी हाल ही में रूटीन जांच भी की गई थी। विमान के रखरखाव में कोई बड़ी अनियमितता नहीं पाई गई थी, जिससे अब सवाल यह उठ रहे हैं कि इतनी आधुनिक प्रणाली से लैस ड्रीमलाइनर कैसे इस तरह के हादसे का शिकार हुआ।
इस त्रासदी ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अहमदाबाद सहित कई शहरों में शोक सभाएँ आयोजित की जा रही हैं और मृतकों को श्रद्धांजलि दी जा रही है। मेडिकल कॉलेज परिसर में मृत छात्रों की याद में कैंडल मार्च निकाला गया और उनके परिजनों को सांत्वना देने के लिए वरिष्ठ अधिकारी पहुंचे।
पूरा देश इस हादसे से स्तब्ध है और विमानन सुरक्षा को लेकर न सिर्फ नागरिकों, बल्कि विशेषज्ञों के बीच भी चिंतन और मंथन शुरू हो गया है। अहमदाबाद में हुई यह दुर्घटना एक बार फिर याद दिलाती है कि आधुनिक तकनीक के बावजूद मानवीय त्रुटियाँ या तकनीकी खामियाँ कितना बड़ा संकट खड़ा कर सकती हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार मुआवजे और पुनर्वास से जुड़ी घोषणाएँ अगले 24 घंटों में की जाएँगी। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटनास्थल का दौरा किया और बचाव कार्यों की समीक्षा की। हादसे की गंभीरता को देखते हुए एयर इंडिया की कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिलहाल पुनर्निर्धारित कर दिया गया है।
अहमदाबाद जैसे बड़े शहर में हुए इस अभूतपूर्व हादसे ने देश के नागरिकों को गहरे शोक में डुबो दिया है। हर आंख नम है और हर दिल यह सवाल कर रहा है – आखिर यह हुआ कैसे?