सिलौंडी उपसरपंच राहुल राय ने जनसुनवाई में उठाई बसेहरा मार्ग निर्माण की मांग।
मार्ग की स्वीकृति न मिलने से ग्रामीणों में नाराज़गी, बारिश में होती है सबसे अधिक परेशानी।
सिलौंडी, ढीमरखेड़ा:
सिलौंडी उपतहसील में आयोजित कलेक्टर जनसुनवाई के दौरान ग्राम सिलौंडी के उपसरपंच राहुल राय के नेतृत्व में समस्त पंचों एवं सैकड़ों ग्रामीणों ने सिलौंडी सहकारी समिति सोसायटी के पास से बसेहरा मार्ग निर्माण की मांग को पुरज़ोर तरीके से प्रस्तुत किया। यह मार्ग गनहन की ओर जाता है और इसकी कुल लंबाई लगभग 1.5 किलोमीटर है। यह मार्ग ना केवल किसानों के लिए, बल्कि समस्त ग्रामीणजनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह कृषि कार्यों, दैनिक आवागमन और बाजार तक पहुँचने का प्रमुख मार्ग है।
ग्रामीणों का कहना है कि इस मार्ग की स्थिति वर्षों से बेहद खराब है और हर साल बारिश के मौसम में यह पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो जाता है। परिणामस्वरूप न तो वाहन निकल पाते हैं और न ही पैदल चलना संभव हो पाता है। कई बार मरीजों को अस्पताल ले जाने में भी अत्यधिक कठिनाई होती है। बच्चों को स्कूल जाने में दिक्कत आती है और किसान अपनी उपज मंडी तक नहीं पहुँचा पाते।
इस मार्ग का उपयोग प्रतिदिन लगभग 200 किसान करते हैं। खेती का मौसम होने के कारण ट्रैक्टर, बैलगाड़ी और छोटे वाहनों की आवाजाही बनी रहती है, लेकिन खराब सड़क के कारण इन्हें हर बार जान जोखिम में डालकर चलना पड़ता है। विशेषकर वृद्ध, महिलाएं और बच्चे इस मार्ग से परेशान हैं।
राहुल राय के साथ किसान रामलाल काछी, रामनाथ राय, रविंद्र काछी सहित अनेक किसानों ने बताया कि उन्होंने ग्राम पंचायत में कई बार आवेदन दिया, लेकिन बजट की कमी के कारण मार्ग की स्वीकृति अब तक नहीं मिल पाई है। ग्राम पंचायत का तर्क है कि मार्ग निर्माण की लागत बहुत अधिक है, जिसे पंचायत अपने स्तर से नहीं बना सकती।
जनसुनवाई में उपसरपंच राहुल राय ने प्रशासन से स्पष्ट कहा कि यदि इस मार्ग को शीघ्र स्वीकृति नहीं दी गई, तो ग्रामीण मजबूर होकर आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे। उन्होंने प्रशासन से अपील की कि इस गंभीर समस्या का तत्काल संज्ञान लिया जाए और मार्ग निर्माण हेतु बजट स्वीकृत किया जाए।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि इस मार्ग के निर्माण से न केवल किसानों को राहत मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सामाजिक विकास को भी गति मिलेगी। और इसके बन जाने से आवागमन आसान हो जाएगा।
जनसुनवाई के दौरान ग्रामीणों ने प्रशासन के समक्ष एक लिखित ज्ञापन भी सौंपा और मार्ग निर्माण की प्रक्रिया को जल्द प्रारंभ करने की मांग की।