भारत की बेटी बनी दुश्मनों की मुखबिर: यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा का पाकिस्तान-चीन से खुफिया गठजोड़, जासूसी कांड ने खोले सुरक्षा तंत्र की कमजोरियाँ।
हरियाणा की चर्चित व्लॉगर ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान और चीन के लिए जासूसी करने का आरोप, डिजिटल माध्यमों के जरिए भेजी गईं भारत की संवेदनशील जानकारियाँ।
कटनी,ग्रामीण खबर mp:
हरियाणा के हिसार जिले की रहने वाली और यूट्यूब पर ट्रैवल व्लॉगिंग से पहचान बनाने वाली ज्योति मल्होत्रा आज देशद्रोह के गंभीर आरोपों में घिरी हुई हैं। उनके खिलाफ केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने एक ऐसे जासूसी नेटवर्क का भंडाफोड़ किया है, जो भारत की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए गंभीर खतरा बन चुका था। शुरुआती जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे न केवल चौंकाने वाले हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि किस प्रकार डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और इंटरनेट के माध्यम से राष्ट्रविरोधी गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं।
ज्योति मल्होत्रा एक साधारण व्लॉगर की तरह प्रतीत होती थीं, लेकिन जांच में सामने आया कि वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में थीं और उनके साथ संवेदनशील भारतीय सूचनाएं साझा कर रही थीं। यह संपर्क वर्ष 2023 में पाकिस्तान उच्चायोग के एक अधिकारी एहसान-उर-रहमान उर्फ दानिश के माध्यम से स्थापित हुआ था। दानिश को पहले ही जासूसी गतिविधियों के चलते भारत से निष्कासित किया जा चुका है। दोनों के बीच लगातार व्हाट्सएप, टेलीग्राम और स्नैपचैट जैसे एन्क्रिप्टेड प्लेटफॉर्म्स पर संवाद होता रहा।
जांच एजेंसियों ने बताया कि ज्योति ने जानबूझकर पाक एजेंटों को भारत के सैन्य ठिकानों, सीमा क्षेत्रों, रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों की वीडियो फुटेज और फोटोग्राफ भेजे। बदले में उसे पैसों और महंगे उपहारों के रूप में इनाम मिलता रहा। एक व्लॉगर होने के नाते वह विभिन्न स्थानों की यात्रा करती थी और सामान्य पर्यटक के रूप में घूमते हुए इन संवेदनशील स्थलों की जानकारी जुटा लेती थी।
सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं, ज्योति की गतिविधियों ने चीन तक की खुफिया एजेंसियों की ओर संकेत किया है। वह हाल ही में चीन की यात्रा पर भी गई थी। एजेंसियों को संदेह है कि यह यात्रा हाल ही में हुए पहलगाम हमले से पहले की गई थी, जो भारतीय सुरक्षाबलों पर एक सुनियोजित हमला था। इन यात्राओं का समय और इसके दौरान किए गए संवाद अब जांच के दायरे में हैं।
इतना ही नहीं, ज्योति की इंडोनेशिया यात्रा पर भी सवाल उठ रहे हैं। वह बाली में एक संदिग्ध कार्यक्रम में शामिल हुई थीं, जहाँ कुछ पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों के साथ उसकी बातचीत हुई थी। यह स्पष्ट नहीं है कि इस यात्रा में किस प्रकार की सूचनाओं का आदान-प्रदान हुआ, लेकिन सुरक्षा एजेंसियाँ इसे अत्यंत गंभीर मान रही हैं।
स्थानीय लोगों के अनुसार, ज्योति पिछले कुछ वर्षों से अत्यधिक व्यस्त और एकांतप्रिय हो गई थीं। वह लगातार फोन पर बातचीत करती रहती थी और उसकी गतिविधियाँ कई बार संदेहास्पद लगीं। यह भी सामने आया कि वह कई बार मोबाइल सिग्नल जैमर से युक्त स्थानों पर वीडियो कॉल करती पाई गई थी, जो आम नागरिकों की पहुंच से बाहर होते हैं।
हालिया जांच में यह तथ्य भी सामने आया है कि ज्योति ने एक वीडियो परियोजना के लिए इंदौर से दिल्ली तक बस से और फिर ट्रेन के जरिए हिसार की यात्रा की थी। यह यात्रा सामान्य प्रतीत होती है, लेकिन उसके 30 मिनट के वीडियो में कई ऐसे दृश्य हैं, जो सेना के मूवमेंट और कुछ अति-संवेदनशील क्षेत्रों को दर्शाते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सूचनाएं दुश्मन देश के लिए अत्यंत लाभकारी हो सकती हैं।
उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स पर भी एजेंसियों की नजर है। उसका इंस्टाग्राम प्रोफाइल डिलीट कर दिया गया है, जबकि यूट्यूब पर उसकी लोकप्रियता में तेजी से वृद्धि देखी गई है। इससे संकेत मिलता है कि यह प्रकरण जैसे-जैसे सुर्खियों में आ रहा है, लोग उसकी ऑनलाइन गतिविधियों में रुचि दिखा रहे हैं।
फिलहाल, ज्योति मल्होत्रा को हिरासत में लेकर लगातार पूछताछ की जा रही है। उसके लैपटॉप, मोबाइल फोन, हार्ड ड्राइव और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की गहन फॉरेंसिक जांच की जा रही है। जांच एजेंसियों का मानना है कि वह अकेली नहीं है, बल्कि इसके पीछे एक बड़ा नेटवर्क सक्रिय है, जो डिजिटल माध्यमों के ज़रिए भारत की सुरक्षा प्रणाली को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है।
यह प्रकरण सिर्फ एक महिला की गद्दारी की कहानी नहीं है, बल्कि यह एक चेतावनी है कि किस प्रकार से राष्ट्रविरोधी ताकतें सामान्य नागरिकों के माध्यम से देश को अंदर से कमजोर करने का षड्यंत्र रच रही हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियाँ इस पूरे नेटवर्क को उजागर करने के लिए सतर्कता से काम कर रही हैं।
यह मामला उन सभी के लिए एक सबक है जो सोशल मीडिया पर अनजाने संपर्कों के ज़रिए जुड़ते हैं या विदेश यात्रा के दौरान संदिग्ध लोगों से मेलजोल रखते हैं। डिजिटल युग में जासूसी का रूप बदल चुका है और यह आवश्यक है कि आम नागरिक भी सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत संबंधित विभागों तक पहुँचाएँ।
यह प्रकरण दर्शाता है कि राष्ट्रभक्ति केवल शब्दों में नहीं, बल्कि कर्तव्यों में होनी चाहिए — और सुरक्षा के मामले में कोई चूक, देश के लिए भारी पड़ सकती है।