घंटा-शंख-थाली बजाकर सिहोरा जिला की माँग को लेकर गरजा जनसमूह, विधायक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन।

 घंटा-शंख-थाली बजाकर सिहोरा जिला की माँग को लेकर गरजा जनसमूह, विधायक कार्यालय पर जोरदार प्रदर्शन।

विधायक संतोष बरकड़े ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखने का दिया आश्वासन, आंदोलन समिति ने संघर्ष जारी रखने की घोषणा की।

सिहोरा,ग्रामीण खबर mp:

"उमा भारती कौन है, स्मृति ईरानी कौन है, प्रह्लाद पटेल कौन है, शिवराज सिंह कौन है और संतोष बरकड़े कौन है?"—इन तीखे नारों के साथ मंगलवार को सिहोरा में घंटा, शंख और थाली की गूंज सुनाई दी। दर्जनों की संख्या में जुटे लोगों ने विधायक कार्यालय के सामने ज़ोरदार प्रदर्शन करते हुए सिहोरा को जिला बनाने की माँग को फिर से मुखर कर दिया। आंदोलनकारी ‘लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति’ के बैनर तले लामबंद होकर विधायक संतोष बरकड़े से स्पष्ट आश्वासन की माँग पर अड़े रहे।

विधायक कार्यालय पर जैसे ही प्रदर्शनकारी पहुँचे, कार्यालय में मौजूद भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश पटेल और पूर्व अध्यक्ष अंकित तिवारी ने प्रदर्शनकारियों को शांति से बैठकर चर्चा करने और पानी पीने का आग्रह किया, लेकिन समिति के सदस्यों ने स्पष्ट कर दिया कि जब तक विधायक खुद मुख्यमंत्री को सिहोरा जिला बनाने का पत्र नहीं लिखते, वे न तो कुर्सी पर बैठेंगे और न ही पानी ग्रहण करेंगे।

इस बीच विधायक संतोष बरकड़े कार्यालय पहुँचे और समिति के सदस्यों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि वे स्वयं सिहोरा को जिला बनते देखना चाहते हैं और यह क्षेत्रीय जनता की वर्षों पुरानी माँग है। विधायक ने सार्वजनिक रूप से समिति को आश्वस्त किया कि वे आज ही शाम तक मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जिले की माँग प्रस्तुत करेंगे। इस वचन के बाद समिति ने विधायक के आग्रह पर जलपान स्वीकार किया, लेकिन यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन का यह पड़ाव मात्र एक चरण है, अंतिम नहीं।

         आंदोलन की पृष्ठभूमि और संकल्प:

लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति के सदस्यों ने जानकारी दी कि 6 जून 2003 को तत्कालीन मुख्यमंत्री उमा भारती ने सिहोरा में जनसभा के दौरान सिहोरा को जिला बनाने की घोषणा की थी, लेकिन दो दशक बीत जाने के बाद भी यह घोषणा जमीनी रूप नहीं ले सकी। इसके अलावा पूर्व के विधानसभा चुनावों में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और स्वयं विधायक संतोष बरकड़े ने मंच से सिहोरा को जिला बनाने का सार्वजनिक वचन दिया था।

समिति का कहना है कि अब वे इन सभी नेताओं की घोषणाओं को याद दिलाने के लिए क्रमशः उनके निवासों के सामने प्रदर्शन करेंगे। इसके अंतर्गत अगला प्रदर्शन 24 मई को भाजपा मंडल अध्यक्ष सतीश पटेल के निवास पर होगा। इसके बाद 6 जून को एक विशाल जनसभा एवं ऐतिहासिक प्रदर्शन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल होंगे और सिहोरा जिला की माँग को और अधिक व्यापक बनाया जाएगा।

             जनभागीदारी और समर्थन:

इस आंदोलन में बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, व्यापारी, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए। मंगलवार को हुए प्रदर्शन में समिति के विकास दुबे, अनिल जैन, संतोष पांडे, श्याम मिश्रा, मालवीय, नीतेश खरया, रामजी शुक्ला, कंचन सेठ, आशीष व्योहार, रमा चौरसिया, प्रदीप दुबे, कृष्ण कुमार कुररिया, मथुरा उपाध्याय, नरेंद्र गर्ग, आशीष भार्गव, अनिल कुररिया, सुशील जैन, संतोष वर्मा, संजय पाठक, नीरज गौतम, सुशील काछी, सोनू गौतम, निसार अहमद, जितेंद्र श्रीवास, अनिल खंपरिया सहित बड़ी संख्या में आंदोलनकारी मौजूद रहे।

समिति ने स्पष्ट किया है कि यह आंदोलन पूर्णतः लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण रहेगा लेकिन तब तक नहीं रुकेगा जब तक सिहोरा को प्रशासनिक रूप से जिला घोषित नहीं किया जाता।


प्रधान संपादक:अज्जू सोनी,ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

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