भीषण गर्मी में मुरवारी ग्राम बना जनसेवा का प्रतीक: पंच-उपसरपंच की पहल से हनुमान मंदिर, गौरैया बाबा, खेर माता और बाजार क्षेत्रों में ठंडे जल की प्याऊ व्यवस्था।

 भीषण गर्मी में मुरवारी ग्राम बना जनसेवा का प्रतीक: पंच-उपसरपंच की पहल से हनुमान मंदिर, गौरैया बाबा, खेर माता और बाजार क्षेत्रों में ठंडे जल की प्याऊ व्यवस्था।

पेयजल संकट के बीच सामाजिक सहयोग का अद्वितीय उदाहरण, निशुल्क प्याऊ से राहगीरों, बुजुर्गों, बच्चों और पशुओं को राहत।

मुरवारी, ग्रामीण खबर mp:

ढीमरखेड़ा तहसील के ग्राम मुरवारी एवं जिला कटनी के अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी का मौसम हर वर्ष किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं होता। ग्रामीण इलाकों में जल संसाधनों की सीमित उपलब्धता, सूखते जल स्रोत और अत्यधिक तापमान के कारण लोगों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। ऐसी विकट परिस्थिति में जब शासन-प्रशासन की सीमाएं दिखाई देने लगती हैं, तब स्थानीय स्तर पर सामाजिक चेतना, नेतृत्व और मानवीय संवेदनशीलता ही राहत की असली किरण बनकर सामने आती है।

मुरवारी ग्राम, जो कि ढीमरखेड़ा तहसील का एक हिस्सा है, प्राकृतिक संपदा, धार्मिक स्थलों और सामुदायिक सौहार्द के लिए जाना जाता है। यहां की जनसंख्या मुख्यतः कृषक, श्रमिक एवं छोटे व्यापारियों की है। यह गांव अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत के लिए भी प्रसिद्ध है। गांव के हनुमान मंदिर, गौरैया बाबा स्थल, खेर माता मंदिर और स्थानीय बाजार केवल श्रद्धा का केंद्र नहीं हैं, बल्कि सामाजिक और दैनिक गतिविधियों का भी महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं।

मार्च से जून तक का समय यहां भीषण गर्मी लेकर आता है। तापमान 42 से 46 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने के कारण राहगीरों, बुजुर्गों, बच्चों और मवेशियों के लिए जल संकट विकराल हो जाता है। इन परिस्थितियों में मुरवारी गांव के पंच और उपसरपंच द्वारा उठाया गया कदम जनसेवा का एक अनुकरणीय उदाहरण बन गया है।

गांव के उपसरपंच अज्जू पटैल ने इस वर्ष भीषण गर्मी की तीव्रता और लोगों की आवश्यकताओं को समझते हुए, गांव के चार प्रमुख स्थानों – हनुमान मंदिर, गौरैया बाबा स्थल, खेर माता मंदिर और स्थानीय बाजार – पर ठंडे जल की निशुल्क प्याऊ स्थापित करवाने का निर्णय लिया। यह कार्य केवल एक सेवा नहीं, बल्कि समाज के प्रति उत्तरदायित्व का प्रतीक बन गया है।

अज्जू पटैल हर वर्ष गर्मियों में प्याऊ की व्यवस्था करते हैं, लेकिन इस वर्ष उन्होंने इसे और भी व्यवस्थित और व्यापक रूप में अंजाम दिया। इस कार्य में उन्होंने न केवल स्वयं की भागीदारी सुनिश्चित की, बल्कि गांव के युवाओं और समाजसेवियों को भी इस अभियान से जोड़ा। सभी स्थलों पर नियमित रूप से पानी की आपूर्ति, साफ-सफाई और देखभाल की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। ठंडे जल की उपलब्धता ने राहगीरों, दुकानदारों, किसानों और बच्चों को अत्यंत राहत प्रदान की है।

गांव के लोग इस पहल को अत्यंत सराहना की दृष्टि से देख रहे हैं। कई ग्रामीणों ने इसे "मानवीय सेवा की मिसाल" बताते हुए कहा कि ऐसे प्रयास आज के समय में समाज को जोड़ने और प्रेरणा देने का कार्य करते हैं। बुजुर्गों का कहना है कि पहले इस तरह की सुविधा केवल बड़े आयोजनों में होती थी, लेकिन अब रोजमर्रा की आवश्यकता को समझकर इस कार्य को नियमित स्वरूप में लाया गया है, जो निश्चित ही प्रशंसनीय है।

गौर करने की बात यह भी है कि इस अभियान को बिना किसी सरकारी सहायता या अनुदान के, स्थानीय स्तर पर जनसहयोग से संपन्न किया गया है। इससे यह सिद्ध होता है कि यदि इच्छाशक्ति और सामाजिक भावना प्रबल हो, तो सीमित संसाधनों में भी बड़े कार्य किए जा सकते हैं।

यह पहल न केवल मुरवारी ग्राम के लिए बल्कि संपूर्ण ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रेरणास्त्रोत है। यदि अन्य गांव भी इस प्रकार की सामाजिक सहभागिता को अपनाएं, तो जल संकट जैसी गंभीर समस्या से सामूहिक रूप से निपटा जा सकता है।


प्रधान संपादक: अज्जू सोनी, ग्रामीण खबर mp
संपर्क सूत्र:9977110734

Post a Comment

Previous Post Next Post