ऑपरेशन मुस्कान,ढीमरखेड़ा पुलिस ने 7 दिन में लापता नाबालिग को किया सकुशल दस्तयाब।
पुलिस अधीक्षक अभिजीत रंजन के निर्देश पर टीम ने गुमशुदा नाबालिग को ट्रेस कर परिजनों को सौंपा, ऑपरेशन मुस्कान की बड़ी सफलता।
ढीमरखेड़ा, ग्रामीण खबर mp:
जिले में गुमशुदा बच्चों की त्वरित तलाश हेतु चलाए जा रहे ऑपरेशन मुस्कान के तहत थाना ढीमरखेड़ा पुलिस ने एक अहम सफलता हासिल की है। एक सप्ताह से लापता 15 वर्षीय नाबालिग बालिका को पुलिस टीम ने अथक प्रयासों के बाद दस्तयाब कर परिजनों के सुपुर्द किया।
इस कार्रवाई के पीछे पुलिस अधीक्षक कटनी अभिजीत रंजन की दूरदृष्टि और कड़े निर्देश थे। उन्होंने जिले भर में नाबालिग गुमशुदा मामलों को गंभीरता से लेते हुए ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए विशेष निर्देश जारी किए थे। उनके मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष डेहरिया एवं एसडीओपी स्लीमनाबाद प्रभात शुक्ला ने सतत निगरानी रखते हुए थाना ढीमरखेड़ा प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद शाहिद खान को निर्देशित किया कि गुमशुदा बालिका की जल्द से जल्द तलाश सुनिश्चित की जाए।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्राम कटरिया थाना ढीमरखेड़ा निवासी प्रार्थी जगदीश पिता प्रेमलाल बसोर (उम्र 38 वर्ष) ने दिनांक 29 मार्च 2025 को थाना ढीमरखेड़ा में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसकी नाबालिग पुत्री कुमारी अंगूरी (उम्र 15 वर्ष) दिनांक 28 मार्च 2025 को घर से बिना बताए कहीं चली गई है और तब से वापस नहीं लौटी। परिजनों ने पहले स्वयं स्तर पर रिश्तेदारियों और आसपास के संभावित स्थानों पर उसकी तलाश की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
गंभीर मामला होने और उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए थाना ढीमरखेड़ा में तत्काल धारा 137(2) बीएनएस के अंतर्गत अपराध क्रमांक 140/25 पंजीबद्ध किया गया। इसके पश्चात पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए विशेष टीम गठित की। क्षेत्रीय मुखबिरों को सतर्क किया गया, मोबाइल कॉल डिटेल्स और संभावित ठिकानों की छानबीन की गई।
लगातार प्रयासों, सूचना संकलन और तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पुलिस को सफलता मिली और दिनांक 5 मई 2025 को उक्त नाबालिग बालिका को दस्तयाब कर लिया गया। नियमानुसार कानूनी प्रक्रिया पूर्ण करते हुए उसे परिजनों को सकुशल सौंपा गया।
इस पूरी कार्रवाई में थाना प्रभारी निरीक्षक मोहम्मद शाहिद खान के नेतृत्व में सहायक उपनिरीक्षक महेश झारिया, आरक्षक दीपक श्रीवास एवं महिला आरक्षक दुर्गा शुक्ला की विशेष भूमिका रही। टीम ने संवेदनशीलता एवं सतर्कता के साथ कार्य करते हुए बालिका को न केवल सुरक्षित वापस लाया, बल्कि परिजनों की चिंता भी समाप्त की।
इस सफलता के बाद क्षेत्रीय नागरिकों ने पुलिस की तत्परता की भूरी-भूरी प्रशंसा की। परिजनों ने भी ढीमरखेड़ा पुलिस की सक्रियता एवं मानवीय पहल का आभार व्यक्त किया।
ऑपरेशन मुस्कान जैसी पहलें न केवल लापता बच्चों को सुरक्षित घर लौटाने में मददगार साबित हो रही हैं, बल्कि समाज में पुलिस के प्रति विश्वास और भरोसे को भी मजबूत कर रही हैं। पुलिस विभाग द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले ऐसे मिशनों से यह स्पष्ट होता है कि कानून व्यवस्था बनाए रखने के साथ-साथ सामाजिक सरोकारों को लेकर भी पुलिस पूरी तरह सजग और जिम्मेदार है।