तेज बारिश-आंधी से मुख्य मार्ग बाधित, चौकीदार और सचिव की तत्परता से रास्ता हुआ बहाल।
बेलानारा ग्राम में तूफानी मौसम के कारण पेड़ गिरने से अवरुद्ध हुआ रास्ता, समय पर कार्रवाई कर सामान्य किया गया यातायात।
बेलानारा, ग्रामीण खबर MP:
विदिशा जिले के ग्राम बेलानारा में बीते दिन अचानक आई तेज बारिश और तूफानी हवाओं ने गांववासियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। तेज आंधी और बारिश की वजह से कई पेड़ धराशायी हो गए, जिससे गांव का मुख्य मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो गया। खासकर एक विशाल बबूल का पेड़ सड़क के बीचों-बीच गिर गया, जिससे गांव का आना-जाना पूरी तरह से बंद हो गया। ग्रामीणों को दैनिक आवश्यकताओं, स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों और कामकाजी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता था।
आपदा जैसी इस स्थिति में ग्राम बेलानारा के चौकीदार राजेन्द्र जाटव और ग्राम पंचायत खैरीई के सहायक सचिव बालकृष्ण विश्वकर्मा ने अत्यंत सतर्कता और तत्परता दिखाई। बिना किसी विलंब के दोनों मौके पर पहुंचे और तुरंत ही स्थिति की समीक्षा करते हुए आवश्यक संसाधनों और श्रमिकों की व्यवस्था करवाई। उन्होंने न सिर्फ पेड़ को काटने की व्यवस्था की, बल्कि खुद भी श्रमिकों और ग्रामीणों के साथ मिलकर रास्ता साफ करवाया।
उनकी इस संवेदनशील और जिम्मेदार पहल से कुछ ही घंटों के भीतर अवरुद्ध मार्ग को पुनः चालू कर दिया गया, जिससे गांव में यातायात सामान्य हो सका। उनकी इस पहल की ग्रामीणों ने खुले मन से प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया। यह घटना दर्शाती है कि आपदा की घड़ी में जब जिम्मेदार अधिकारी एवं कर्मचारी सक्रिय भूमिका निभाते हैं, तो समस्याओं का समाधान त्वरित और प्रभावशाली रूप से किया जा सकता है।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि यदि समय पर यह कार्रवाई न होती, तो गांव पूरी रात तक बाहरी संपर्क से कटा रहता, जिससे आपातकालीन सेवाएं भी प्रभावित हो सकती थीं। चौकीदार राजेन्द्र जाटव और सहायक सचिव बालकृष्ण विश्वकर्मा का यह प्रयास केवल एक प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि मानवीय सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है।
इस पूरी घटना ने यह साबित कर दिया कि यदि ग्राम स्तरीय कर्मचारी अपनी ड्यूटी के प्रति ईमानदारी और संवेदनशीलता से कार्य करें, तो बड़ी से बड़ी समस्याओं का समाधान ग्राम स्तर पर ही संभव है। यह एक प्रेरणास्पद उदाहरण है जो अन्य ग्राम पंचायतों के लिए भी अनुकरणीय बन सकता है।