हाई कोर्ट जबलपुर ने सुनाया न्याय, पिपरिया केस में एफआईआर खारिज।
राजनीतिक दबाव में दर्ज की गई एफआईआर को याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने किया निरस्त।
जबलपुर,ग्रामीण खबर mp:
तहसील पिपरिया थाना, जिला नर्मदापुरम से जुड़ा एक महत्वपूर्ण मामला हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में निष्पादित हुआ, जिसमें न्यायालय ने दर्ज एफआईआर को निरस्त करने का आदेश पारित किया है।
मामले की शुरुआत 09 सितंबर 2020 को हुई जब पिपरिया विधानसभा क्षेत्र (क्रमांक 39, जिला होशंगाबाद) के विधायक ने क्षेत्र में केरोसिन वितरण में अनियमितता की शिकायत माननीय मंत्री को पत्र के माध्यम से की। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए उच्च अधिकारियों के निर्देश पर जांच आरंभ की गई। जांच की जिम्मेदारी कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी को दी गई थी।
हालांकि जांच पूरी हुए बिना और उसके निष्कर्षों की पुष्टि किए बिना, राजनीतिक दबाव में आकर संबंधित अधिकारी ने थाना पिपरिया में एक एफआईआर दर्ज करवा दी। यह प्राथमिकी अपराध क्रमांक 274/2021 दिनांक 12 अगस्त 2021 को दर्ज की गई थी।
इस एफआईआर को याचकाकर्ता ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर में चुनौती दी। मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर एस मेंदीरत्ता, अधिवक्ता नितेश जैन एवं अधिवक्ता अंकुर जैन सैंकी ने पक्ष रखा। उन्होंने न्यायालय के समक्ष यह तथ्य प्रस्तुत किया कि एफआईआर पूर्वाग्रह और राजनीतिक हस्तक्षेप के आधार पर दर्ज की गई है, जबकि जांच प्रक्रिया अभी अधूरी थी।
न्यायालय ने प्रस्तुत तर्कों से सहमत होते हुए थाना पिपरिया द्वारा दर्ज एफआईआर को खारिज करने का आदेश पारित किया। यह निर्णय न केवल न्याय प्रक्रिया की निष्पक्षता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि राजनीतिक दबाव में की गई कार्यवाही कानून की दृष्टि में अस्वीकार्य है।